
कांग्रेस नेता राहुल गांधी और अखिलेश यादव की रैली में भगदड़ मची,बेकाबू भीड़ मंच पर चढ़ गई
प्रयागराज,(Shah Times)। क्या यूपी के चुनावी परिणाम चौकाने वाले आने जा रहे है प्रयागराज से सटी फूलपुर लोकसभा सीट पर इंडिया गठबंधन की सयुंक्त रैली थी रैली में आई भीड़ ने जहां व्यवस्था को छिन भिन्न किया वही एक संदेश भी दिया है कि यूपी के चुनावी परिणाम चौकाने वाले आ सकते है क्योंकि रैली में आई भीड़ उम्मीद से चार पांच गुणा थी जिसकी वजह से रैली में आने वालों के लिए की गई व्यवस्था नाकाफी साबित हुई जिसकी वजह से अफरातफरी मच गई और रैली को बिना संबोधित किए ही दोनों नेताओं को वापसी जाना पड़ा।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी और अखिलेश यादव की रैली में भगदड़ मची। बेकाबू भीड़ मंच पर चढ़ गई,गोदी मीडिया के पत्रकारों के साथ मारपीट की और कैमरे तोड़े, दोनों नेताओं को बिना भाषण दिए लौटना पड़ा, प्रयागराज के फूलपुर में राहुल-अखिलेश की रैली में भगदड़ ,उम्मीद से चार गुना अधिक भीड़ आने से सारी व्यवस्थाएं हुईं ध्वस्त।
INDIA गठबंधन की एक जनसभा होनी थी जिसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को शामिल होना था लेकिन सभा में जमकर हंगामा होने की वजह से ये सभा नहीं हो सकी,इस दौरान भीड़ बेकाबू हो गई,भीड़ ने मंच के आसपास लगाई गईं बैरिकेडिंग तोड़ दीं, इस दौरान रैली स्थल पर भगदड़ जैसा माहौल दिखा, दोनों नेताओं के पहुंचते ही कार्यकर्ता बेकाबू हो गए और नेताओं के मंच तक पहुंच गए, हंगामा इतना जबरदस्त हुआ कि राहुल गांधी और अखिलेश यादव बिना भाषण दिए ही मौके से निकल गए, फूलपुर लोकसभा सीट पर राहुल और अखिलेश की संयुक्त जनसभा होनी थी।
बदलाव की आंधी चल रही है ऐसा प्रतीत हो रहा था क्या होगा और क्या नही होगा यह तो चार जून को जब इवीएम परिणाम का बटन दबाया जाएगा और उसके रिजल्ट से किसका बोलबाला होगा यह तो जब ही ज्ञात होगा लेकिन इस तरह के हालात कुछ इशारा जरूर कर रहे है कि मोदी की भाजपा के लिए बहुत ज्यादा चुनौती पूर्ण हालात हैं यूपी जैसे राज्य में जहाँ मोदी की भाजपा के द्वारा भव्य राममंदिर बनाने का पुरजोर बखान कर रही है फिर भी इंडिया गठबंधन की रैलियों में उम्मीद से ज्यादा भीड़ पहुंच रही है।
उत्तर प्रदेश के तूफ़ान को दिल्ली वाले समझ नही पा रहे हैं। विपक्ष की हर एक जनसभा पहली वाली जनसभा से बड़ी हो रही है। ऐसा लग रहा है जैसे होड़ लग गई है। फूलपुर में भयंकर तादाद के बाद इलाहाबाद में गठबंधन के दीवाने बेरिकेडिंग तोड़कर अंदर आ गए। एक पल भी भीड़ शांत नही हो रही है। उत्साह से नारे लग रहे हैं। उत्तर प्रदेश में मोदी की भाजपा की ताकत थी कि वो जब भी पश्चिम से पूरब की और चलती थी तो अपराजित हो जाती थी! अब हवा बदल चुकी है। इसके उलट मोदी की भाजपा की रैलियों में संचालन कर्ता के बार-बार अनुरोध के बाद नारे नही लग रहे हैं। सब कुछ बदला-बदला सा है।
सवाल यह नहीं है कि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अखिलेश और राहुल की जनसभा में अनुमान से चार गुणा भीड़ कहां से आ गई ? सवाल यह भी नहीं हैं कि इस सीट पर चुनाव परिणाम क्या होंगे ? सवाल यह है कि मोदी की संसदीय सीट बनारस से महज 120 किमी दूर यह भीड़ का रेला क्या मोदी की भाजपा के सीने पर बुलडोजर चलाकर गुजरा है ? क्या यह अगले तीन चरणों के मतदान की भविष्यवाणी है ?