
Muzaffarnagar police seized 22 kg of ganja smuggled from Jharkhand and arrested three smugglers. The gang has links to Odisha; two vehicles also seized
मुजफ्फरनगर में पुलिस ने झारखंड से लाया गया 22 किलो गांजा बरामद कर तीन तस्करों को गिरफ्तार किया। गिरोह के तार ओडिशा से जुड़े, दो वाहन भी जब्त।
मुजफ्फरनगर (शाह टाइम्स) खालापार थाना पुलिस ने नशीले पदार्थों की तस्करी पर बड़ी कार्रवाई करते हुए झारखंड से लाया गया 22 किलो गांजा बरामद किया है। इस मामले में तीन तस्करों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि दो वाहन भी जब्त किए गए हैं। बरामद गांजा और वाहनों की कुल कीमत लगभग 28 लाख रुपये बताई जा रही है। पुलिस की जांच में इस गिरोह के तार ओडिशा से भी जुड़े होने की पुष्टि हुई है।
एसएसपी की प्रेस वार्ता में खुलासा
पुलिस लाइन स्थित यातायात पुलिस सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता में एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने जानकारी दी कि खालापार थाना पुलिस ने बुधवार देर रात शामली रोड स्थित पुल के नीचे छापेमारी कर तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। आरोपियों के कब्जे से 22 किलो गांजा और दो वाहन बरामद किए गए।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में मेरठ के डोरली पल्लवपुरम स्थित हरिओम अपार्टमेंट निवासी मनोज शामिल है, जो मूल रूप से शामली जिले के बाबरी थाना क्षेत्र के खेड़ा पट्टी गांव का रहने वाला है। वह इस तस्करी गिरोह का सरगना माना जा रहा है। इसके अलावा कांधला थाना क्षेत्र के गांव डांगरोल निवासी ललित और गांव बढ़ेऊ कन्नू निवासी मनोज को भी पकड़ा गया है। तीनों आरोपी शामली जिले से ताल्लुक रखते हैं।
गिरोह का नेटवर्क और काम करने का तरीका
पुलिस पूछताछ में सामने आया कि मुख्य आरोपी मनोज लग्जरी कार के जरिए झारखंड और ओडिशा से गांजा लाकर अलग-अलग शहरों में अपने नेटवर्क के जरिए बेचता था। गिरफ्तार ललित और मनोज उसके लिए डिलीवरी का काम करते थे। मनोज ने बताया कि वह अपने दोस्तों की कार उधार लेकर गांजा लाता था और ग्राहकों तक पहुंचाता था। गांजा बेचने के बाद तीनों आरोपी पैसे आपस में बांट लेते थे।
नंबर प्लेट बदलकर तस्करी
एसएसपी ने बताया कि यह गिरोह बेहद शातिर है और हर बार शहर में तस्करी के लिए जाते समय अपनी गाड़ी पर उस शहर की नंबर प्लेट लगाकर पुलिस को चकमा देता था। इस प्रकार वे लंबे समय से कानून की आंखों में धूल झोंकते आ रहे थे।
सरगना अब तक फरार, ओडिशा कनेक्शन की जांच जारी
हालांकि पुलिस ने मुख्य सरगना मनोज को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन उससे पहले वह लंबे समय से इस अवैध धंधे में सक्रिय था और अब तक गिरफ्तारी से बचता रहा। गिरोह से जुड़े ओडिशा निवासी एक अन्य सदस्य की जानकारी भी पुलिस को मिली है, जिसकी तलाश जारी है। साथ ही गिरफ्तार अन्य दो आरोपियों के आपराधिक रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं।
इस सफलता के लिए पुलिस टीम को 5000 रुपये का इनाम दिया गया है। इस कार्रवाई में एसपी सिटी सत्य नारायण प्रजापत, सीओ सिटी राजू कुमार साव और खालापार थाना प्रभारी महावीर सिंह चौहान की प्रमुख भूमिका रही।