
Heavy monsoon rainfall in Uttar Pradesh, flooded streets in Lalitpur, cloudy skies over Lucknow
यूपी में मानसून की मेहरबानी: सावन की दस्तक से पहले बारिश ने दिखाई रफ्तार
सावन शुरू होने से पहले ही यूपी में बारिश का कहर शुरू!
यूपी में सावन से पहले झमाझम बारिश, ललितपुर, मुजफ्फरनगर सहित कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात, जानिए बारिश के आंकड़े, येलो अलर्ट वाले जिले और Shah Times का संपादकीय विश्लेषण।
🌧️ प्राकृतिक बदलाव की बयार: मानसून ने बदली उत्तर प्रदेश की तस्वीर
सावन का महीना शुरू होने से ठीक एक दिन पहले, उत्तर प्रदेश में मानसून ने अपनी पूरी रफ्तार पकड़ ली है। राज्य के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों में झमाझम बारिश ने मौसम में ठंडक ला दी है, तो वहीं किसानों के चेहरों पर उम्मीद की हरियाली भी लौटा दी है। मौसम विभाग के आंकड़ों और अलर्ट के अनुसार, यह बारिश अब रुकने वाली नहीं है — कम से कम अगले एक सप्ताह तक तो बिल्कुल नहीं।
📊 बारिश के आंकड़े क्या कहते हैं?
उत्तर प्रदेश में इस बार मानसून का आगमन अपेक्षाकृत समय पर और प्रभावी रहा। 1 जून से 9 जुलाई 2025 तक राज्य में औसतन 163.4 मिमी वर्षा दर्ज की गई है, जो कि सामान्य अनुमान 160.8 मिमी से 2% अधिक है। बीते 24 घंटों में भी औसतन 9.5 मिमी बारिश हुई, जबकि सामान्य अनुमान 8.7 मिमी था — यानी 9% अधिक वर्षा।
🟡 अलर्ट पर आधे से अधिक ज़िले: सावधानी ही सुरक्षा है
मौसम विभाग ने 42 से अधिक जिलों में येलो अलर्ट और मेघगर्जन, बिजली गिरने तथा भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है। इनमें से कुछ ज़िलों में तो हालात बाढ़ जैसे बन गए हैं — खासकर ललितपुर, झांसी, महोबा, बांदा, चित्रकूट, प्रयागराज, सोनभद्र और मिर्जापुर जैसे जिलों में।
येलो अलर्ट वाले प्रमुख ज़िले:
- पूर्वी यूपी: सोनभद्र, मिर्जापुर, वाराणसी, चंदौली, संत रविदास नगर
- मध्य यूपी: प्रयागराज, कानपुर देहात, बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर, महोबा, झांसी, ललितपुर, इटावा, औरैया
- पश्चिमी यूपी: सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, गाजियाबाद, गौतम बुद्ध नगर, अलीगढ़, बुलंदशहर, बागपत, शामली
- रुहेलखंड क्षेत्र: बिजनौर, रामपुर, बरेली, मुरादाबाद, अमरोहा, संभल, बदायूं
☁️ लखनऊ सहित कई जिलों में बूंदाबांदी और ठंडी हवाएं
राजधानी लखनऊ में बुधवार सुबह से ही बादल छाए रहे और दोपहर तक रुक-रुक कर बूंदाबांदी होती रही। दिन भर चली 15-20 किमी/घंटा की हवाओं ने उमस से राहत दी और अधिकतम तापमान 6 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया। बुधवार को लखनऊ में अधिकतम तापमान 32°C और न्यूनतम 28°C रहा, जिससे गर्मी का असर काफी हद तक कम हुआ।
📽️ ललितपुर में मानसून का रौद्र रूप: बाढ़ जैसे हालात
ललितपुर ज़िले में बारिश ने बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। लगातार हो रही मूसलधार बारिश से मोहल्लों की गलियां पानी में डूब गई हैं और रोहाणी नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं भी बढ़ी हैं। बुधवार शाम को खेत में काम कर रहीं एक सास-बहू इसकी चपेट में आ गईं, हालांकि समय रहते उन्हें बचा लिया गया।
🧭 भविष्य की तस्वीर: बारिश अभी जारी रहेगी
मौसम वैज्ञानिक डॉ. अतुल सिंह के अनुसार, पूर्वी और पश्चिमी यूपी दोनों में आगामी पांच दिनों तक बारिश जारी रहने की संभावना है। खास बात यह है कि इस दौरान अधिकतम और न्यूनतम तापमान में कोई खास अंतर नहीं आएगा, जिससे मौसम लगातार सुहावना बना रहेगा।
Shah Times E-Paper 10 July 2025
🧠 संपादकीय विश्लेषण: बारिश राहत भी है और चेतावनी भी
उत्तर प्रदेश में मानसून की रफ्तार जितनी सुखद प्रतीत हो रही है, उतनी ही यह चेतावनी भी है। शहरों की जल निकासी प्रणाली वर्षों से पुराने ढर्रे पर चल रही है और भारी बारिश होते ही सड़कें जलभराव का शिकार हो जाती हैं। ललितपुर जैसी जगहों पर बाढ़ जैसे हालात इसका ताजा उदाहरण हैं।
साथ ही, आकाशीय बिजली से जान-माल का खतरा भी लगातार बना हुआ है। ग्रामीण इलाकों में पर्याप्त चेतावनी प्रणाली का अभाव और बिजली गिरने से बचाव के उपायों की जानकारी की कमी से हालात और गंभीर हो सकते हैं।
🌾 कृषि के लिए संजीवनी: लेकिन सतर्कता जरूरी
कृषि प्रधान राज्य उत्तर प्रदेश के लिए यह मानसूनी बारिश वरदान साबित हो सकती है, बशर्ते यह संतुलित बनी रहे। लगातार बारिश से फसलें नष्ट भी हो सकती हैं, इसलिए कृषि विभाग को सक्रियता दिखानी होगी। समय रहते खेतों की जल निकासी, खाद-बीज की उपलब्धता और बीमा योजनाओं की निगरानी जरूरी है।
🚨 सरकार की ज़िम्मेदारी: अलर्ट और राहत योजनाएं हों मजबूत
सरकारी मशीनरी को चाहिए कि मौसम विभाग द्वारा जारी चेतावनियों पर त्वरित कार्रवाई करे। निचले इलाकों में रह रहे नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जाए। बिजली गिरने से बचाव के लिए जनजागरूकता अभियान चलाना होगा। साथ ही, जिला प्रशासन को स्थानीय जलभराव की समस्या के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करनी होगी।
📌 निष्कर्ष: मानसून की मेहरबानी के साथ तैयारी भी ज़रूरी
उत्तर प्रदेश में मानसून ने राहत की बारिश तो दी है, लेकिन इसकी तीव्रता को देखकर कहा जा सकता है कि यह राहत कब चुनौती बन जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता। लोगों को जहां इस मौसम का आनंद लेना चाहिए, वहीं प्रशासन को हर स्तर पर सतर्कता बरतनी चाहिए। सावन की शुरुआत से पहले आई यह बारिश प्रकृति का वरदान भी है और चेतावनी भी।