
Shubman Gill celebrating test century during captaincy debut in India vs England Test Match 2025 – Shah Times
🏏 IND vs ENG टेस्ट 2025: शुभमन गिल की कप्तानी में शतक, पर नियम तोड़ ICC की नजर में
शुभमन गिल ने पहले ही दिन जड़ा ऐतिहासिक शतक
इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में शतक जड़कर कप्तान शुभमन गिल ने रचा इतिहास, लेकिन काले मोजे पहनने पर ICC के नियम तोड़ने का लगा आरोप। जानिए पूरा मामला।
भारतीय क्रिकेट के उभरते सितारे शुभमन गिल ने इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में कप्तान के रूप में ऐतिहासिक शुरुआत की। उन्होंने न सिर्फ शानदार शतक जड़ा, बल्कि एक ऐसी उपलब्धि भी हासिल की, जो अब तक भारत के केवल चार कप्तानों ने पाई है। लेकिन इस क्रिकेटिंग करिश्मे के साथ-साथ गिल एक अनजाने विवाद में भी फंस गए — और वजह बनी ICC का ड्रेस कोड नियम।
🏆 कप्तान गिल का चमकता शतक:
हेडिंग्ले की पिच पर जब गिल ओपनिंग करने उतरे, तो उनके इरादे साफ थे — न सिर्फ रन बनाना, बल्कि नेतृत्व में एक आदर्श उदाहरण पेश करना। 25 साल और 285 दिन की उम्र में टेस्ट कप्तानी करते हुए उन्होंने शतक ठोक दिया, जिससे वह भारत के सबसे युवा कप्तान बन गए जिन्होंने डेब्यू टेस्ट की पहली पारी में शतक जड़ा हो। इस तरह उन्होंने विराट कोहली का रिकॉर्ड भी तोड़ डाला।
यह कारनामा करने वाले अन्य भारतीय कप्तान:
- विजय हजारे
- दिलीप वेंगसरकर
- सुनील गावस्कर
- विराट कोहली
- अब शुभमन गिल
गिल ने इस पारी के दौरान 2000 टेस्ट रन भी पूरे कर लिए, जो एक और बड़ी उपलब्धि है।
⚠️ नियम उल्लंघन का विवाद:
गिल की यह ऐतिहासिक पारी उस वक्त विवाद में आ गई जब मैच के दौरान उन्हें काले मोजे पहने देखा गया। यह क्रिकेट की परंपराओं और ICC के “वस्त्र एवं उपकरण” नियमों का उल्लंघन है।
🔍 ICC नियम क्या कहता है?
ICC के Clause 19.45 के मुताबिक:
“टेस्ट मैचों में खिलाड़ियों को सफेद, क्रीम या हल्के ग्रे रंग के मोजे पहनने अनिवार्य हैं। गहरे रंग या काले मोजे प्रतिबंधित हैं।”
यह नियम मई 2023 में संशोधित हुआ था। वनडे और टी20 क्रिकेट में ड्रेस कोड अधिक लचीला है, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में इसकी सख्ती बनी रहती है ताकि पारंपरिकता बनी रहे।
⚖️ क्या ICC लेगा गिल पर कार्रवाई?
इस उल्लंघन पर कार्रवाई होना या न होना अब ICC के मैच रेफरी रिची रिचर्डसन के विवेक पर निर्भर करता है।
यदि यह उल्लंघन जानबूझकर किया गया है, तो:
- लेवल 1 अपराध माना जाएगा।
- 10% से 20% तक मैच फीस का जुर्माना लग सकता है।
लेकिन अगर यह अनजाने में हुई चूक मानी जाती है, तो गिल को चेतावनी देकर छोड़ दिया जा सकता है। यह निर्णय आने वाले दिनों में ICC की आधिकारिक रिपोर्ट से स्पष्ट होगा।
📰 कप्तानी और विवाद का द्वंद्व:
यह घटना हमें एक बार फिर याद दिलाती है कि क्रिकेट केवल रन और विकेट का खेल नहीं है, बल्कि इसके साथ कई नियम, परंपराएं और छवि जुड़ी होती है। गिल जैसे युवा खिलाड़ी के लिए यह अनुभव दोहरी सीख हो सकता है — एक तरफ प्रेरणा, दूसरी तरफ सावधानी की चेतावनी।
🌐 सोशल मीडिया पर गिल का जलवा और विवाद का असर:
गिल की पारी के बाद सोशल मीडिया पर #ShubmanGillCentury और #GillCaptaincyDebut ट्रेंड करने लगे। फैंस ने उनकी तारीफ में कसीदे पढ़े, लेकिन जैसे ही मोजे वाला मामला सामने आया, कुछ यूज़र्स ने इसे गंभीरता से लिया और ICC से सख्त एक्शन की मांग करने लगे।
Twitter पर प्रतिक्रियाएं:
- “गिल ने कोहली को पीछे छोड़ दिया, लेकिन क्या ICC उन्हें छोड़ेगा?”
- “काला मोजा और सफेद इतिहास — क्या विरोधाभास है!”
📊 विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण:
गिल की यह स्थिति आधुनिक क्रिकेट की उस वास्तविकता को दर्शाती है, जहां प्रदर्शन के साथ प्रोफेशनलिज्म और नियमों की समझ भी उतनी ही जरूरी है।
- एक ओर युवा जोश और ऐतिहासिक बल्लेबाजी है।
- दूसरी ओर अनुभवहीनता से हुआ एक टेक्निकल उल्लंघन।
यह घटना भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) के लिए भी एक रिमाइंडर है कि खिलाड़ियों को नियमों की बारीक जानकारी दी जाए, खासकर जब वे नेतृत्व कर रहे हों।
📌 निष्कर्ष:
शुभमन गिल ने जिस आत्मविश्वास और परिपक्वता के साथ कप्तानी की शुरुआत की, वह प्रशंसनीय है। उनके शतक ने क्रिकेट प्रेमियों को गर्वित किया और उनके नेतृत्व में भारतीय टीम के लिए एक नए युग की शुरुआत की संभावनाएं दिखीं। हालांकि, नियमों के उल्लंघन जैसे मामूली से मुद्दे भी अब खिलाड़ियों की छवि को प्रभावित कर सकते हैं — और यही आज के क्रिकेट की वास्तविकता है।
गिल से उम्मीद की जाती है कि वे इस अनुभव से सीखेंगे और भविष्य में केवल प्रदर्शन से ही नहीं, व्यवहार और अनुशासन से भी मिसाल कायम करेंगे।