दिल्ली यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई पूरी करने वाले आकाश नांगिया शुरू से ही क्रिकेट प्रेमी रहे हैं।
नई दिल्ली (शाह टाइम्स ) संदीप शर्मा II दिल्ली यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई पूरी करने वाले आकाश शुरू से ही क्रिकेट प्रेमी रहे हैं। कभी जोमाटो का हिसा रहे आकाश ने टेन स्पोर्ट्स टीवी चैनल के साथ भी लगभग 1 साल काम किया है। फिलहाल वह अरूण जेटली स्टेडियम में चल रही पुरानी दिल्ली 6 के मालिक हैं। उनसे बातचीत के कुछ अंश।
दिल्ली 6 की टीम खरीदने का विचार कैसे आया?
क्रिकेट एक खेल है, जो चीज हर भारतीय की नशों में बचपन से ही दौड़ता है और वैसा ही कुछ हाल अपना था। जैसे ही शाम का 4 बजा निकल गए बैट लेकर और 9 बजे तक फिर कुछ इसके अलावा कुछ दिखता ही नहीं था। हमारे हॉस्पिटैलिटी और टेक्नोलॉजी से जुड़े और भी व्यवसाय हैं, लेकिन वो क्रिकेट दिमाग में हमेशा चलता रहता था। फिर जेटली जी के नेतृत्व ने मौका मिला और खुसकिस्मती से हम टेंडर जीत गए और टीम का मालिक बनने का मौका मिल गया।
दिल्ली प्रीमियर लीग के पहले सीजन पर क्या कहेंगे?
बहुत शानदार और जिस तरह से हमारी टीम के लिए ये सीजन जा रहा है काफी मजेदार है। इस लीग के माध्यम से हमारा फोकस युवा प्रतिभाओं को बाहर निकालना है और इसके लिए हम जो भी कर सकते हैं वो कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे।
पुरानी दिल्ली 6 टीम के चयन को लेकर कितना संतुष्ट हैं?
शत प्रतिशत संतुष्ट हूं अगर कोई कमी रह गई हो तो आप ही बता दीजिए। टीम सेमीफाइनल में पहुंच गई है, इसका मतलब है की अब तक हमारा निर्णय सही रहा है, हालांकि शुरुआत में टीम थोड़ी सी लड़खड़ायी जरूर थी, जिसके बाद टीम ने उन कमियों पर काम किया और बेहतरीन वापसी की। शुरुआती दौर में खिलाड़ियों के बीच सामंजस्य न बैठ पाने की वजह से ऐसा हो जाता है, आप देखेंगे की कई ऐसी टीमें हैं, जहां 11 में से 9 बच्चे एक ही क्लब से आते हैं और कप्तान ने खुद ही उन्हें सेलेक्ट किया है, लेकिन हमारी टीम में ऐसा नहीं है। जिसके चलते टीम पहले बिखरी फिर उभरी। फिलहाल हमारी टीम में लगभग 11 ऑलराउंडर हैं।
क्या अगले सीजन में टीम में कुछ बदलाव देखने को मिलेंगे?
ये तो डीडीसीए के नियमों पर निर्भर करता है। अगर वो खिलाड़ियों को रिटेन करने की इजाजत देंगे, तभी ऐसा हो पाएगा। हालांकि अभी तक इसकी कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन मुझे लगता है जिस तरह से दूसरी राज्य स्तरीय लीग या आईपीएल जैसे मंच पर रिटेन करने के नियम होते हैं, वैसी कुछ न कुछ व्यवस्था जरूर बनाई जायेगी। हां रिटेन किए जाने वाले खिलाड़ियों की संख्या जरूर भिन्न हो सकती हैं।
अगर टीम ट्रॉफी उठाती है तो इनामी राशि करार के अनुरूप ही रहेगी या टीम मैनेजमेंट उनके लिए कुछ और भी करेगा?
सच बताऊं तो अभी तक हमने इस बारे में आपस में कोई बातचीत नहीं की है, जो भी पुरस्कार राशि या तोहफे डीडीसीए की तरफ से आने हैं वो तो सब इन्हीं की मेहनत है, पर हम आपस में भी इस पर चर्चा करेंगे और देखेंगे की खिलाड़ियों के लिए और क्या बेहतर किया जा सकता है।
ऋषभ पंत को दिलीप ट्रॉफी के चलते जाना पड़ा, इशांत चोट के चलते मैदान पर नहीं उतरे, ऐसे में सिर्फ ललित यादव एक विकल्प रह रह गए थे, तो किस तरह से चीजों को लिया?
पहली बात तो ऋषभ भाई पूरी तरह से लीग पर नजर बनाए हुए हैं, बल्कि आज ही उन्होंने टीम के बारे में मुझेसे बातचीत की है, लेकिन दिलीप ट्रॉफी में बीसीसीआई की वजह से उनके कुछ राष्ट्रीय करार हैं जिसकी वजह से उनका टीम के लिए खेलना तो संभव नहीं है, लेकिन वो लगातार टीम को टिप्स देते रहते हैं। वहीं इशांत भाई तो हमेशा प्रैक्टिस में रहते हैं और पहले दिन से ही वो टीम के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। चोट के कारण वो गेंदबाजी जरूर नहीं कर पाए, लेकिन एक गुरु की तरह वो और विजय दहिया जी हमेशा टीम के साथ ही हैं।