
Youngest IPL Player Ever: Vaibhav Suryavanshi's Dream Start with a Six
राजस्थान रॉयल्स के 14 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी ने IPL में डेब्यू कर पहली बॉल पर छक्का मारा। जानिए उनके संघर्ष, पिता का बलिदान और कोच की मेहनत।
वास्तविक हीरो की कहानी: वैभव सूर्यवंशी का IPL डेब्यू एक ऐतिहासिक मोड़
क्रिकेट इतिहास में हर कुछ वर्षों में कोई न कोई नई प्रतिभा उभरती है, लेकिन 2025 के आईपीएल सीज़न ने एक ऐसा रिकॉर्ड दर्ज किया है, जो आने वाले वर्षों तक चर्चा में रहेगा। राजस्थान रॉयल्स के लिए खेलते हुए 14 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी ने IPL में सबसे कम उम्र में डेब्यू कर इतिहास रच दिया। उनका यह डेब्यू केवल एक स्टैटिस्टिकल रिकॉर्ड नहीं, बल्कि संघर्ष, त्याग और समर्पण से भरी एक प्रेरणादायक यात्रा है।
पहली ही गेंद पर छक्का – आत्मविश्वास की झलक
लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ जब वैभव बल्लेबाज़ी करने उतरे, तो उनके चेहरे पर न घबराहट थी, न झिझक। पहली ही गेंद पर शार्दुल ठाकुर को छक्का जड़ना यह दिखाता है कि वह केवल खेलने नहीं, बल्कि मैच को बदलने आए थे। 20 गेंदों में 34 रन की तेज़तर्रार पारी ने उन्हें रातों-रात स्टार बना दिया।
संघर्ष की कहानी: खेत बेचकर तैयार हुआ ये सितारा
वैभव की सफलता के पीछे उनकी मेहनत तो है ही, लेकिन उनके पिता संजीव सूर्यवंशी का त्याग सबसे बड़ा प्रेरणास्त्रोत है। बेटे का सपना पूरा करने के लिए उन्होंने अपनी खेती की ज़मीन तक बेच दी, ताकि वैभव को सर्वश्रेष्ठ ट्रेनिंग और संसाधन मिल सकें।
पटना के कोच मनीष ओझा ने इस बालक की प्रतिभा को पहचाना और 10 साल की उम्र से ही उन्हें हर दिन 600 गेंदों का सामना करवाया। कोच कहते हैं, “यह शॉट में पावर नहीं, टेक्निक और टाइमिंग का नतीजा है।”
राजस्थान रॉयल्स की सोच और तैयारियों का नतीजा
वैभव को IPL नीलामी में 1.10 करोड़ रुपये में खरीदा गया, जो उनके टैलेंट पर राजस्थान की टीम के भरोसे को दर्शाता है। कोच राहुल द्रविड़ और जुबिन भरूचा ने उन्हें 150+ km/h की साइड-आर्म थ्रोडाउन से तैयार किया, ताकि वे स्पीड और प्रेशर हैंडल कर सकें।
मैदान से दिल तक – इमोशनल मोमेंट्स और मजेदार किस्से
मैच के बाद जब वैभव आउट होकर वापस लौटे, तो उनकी आंखों से आंसू निकल आए। यह इमोशन दर्शाता है कि वो क्रिकेट को सिर्फ खेल नहीं, जुनून की तरह जीते हैं।
वहीं, लखनऊ के बल्लेबाज़ अर्शिन कुलकर्णी ने मज़ाक में कहा, “14 साल का लड़का हमें पागल बना रहा है।” दोनों खिलाड़ियों की यह नोकझोंक रॉयल्स के सोशल मीडिया हैंडल पर वायरल हो गई, जिसमें वैभव कह रहे हैं, “मेरे पास अब खेलने को बल्ला नहीं बचा!”
कोच का दावा: युवराज सिंह जैसा स्विंग
कोच मनीष ओझा कहते हैं कि वैभव के शॉट्स में युवराज सिंह जैसा स्विंग और टाइमिंग है। उन्होंने वैभव के लगभग 40 प्रैक्टिस वीडियो यूट्यूब पर अपलोड किए हैं, जहां उनकी तकनीकी तैयारी को देखा जा सकता है।
परिवार की भूमिका: हर रोज़ 100 किमी की यात्रा और पोषण का ध्यान
वैभव की मां उनके खानपान को लेकर बेहद सतर्क रहती थीं, जबकि उनके पिता हर दूसरे दिन 100 किलोमीटर की यात्रा कर बेटे के मैच देखने जाते थे। इतनी छोटी उम्र में इस तरह का सपोर्ट सिस्टम उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार करता है।
सिर्फ एक मैच नहीं, एक मिशन की शुरुआत
वैभव सूर्यवंशी का डेब्यू केवल IPL के लिए ही नहीं, बल्कि भारतीय क्रिकेट के भविष्य के लिए भी अहम है। यह कहानी उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो छोटे शहरों और सीमित संसाधनों से निकलकर बड़ा सपना देखते हैं।