
Akhilesh Yadav warns Indian government as COVID-19 cases rise globally and new variants emerge – Shah Times
दुनिया में एक बार फिर कोरोना वायरस का खतरा मंडराने लगा है। सिंगापुर, हांगकांग, थाईलैंड और चीन में केस तेजी से बढ़ रहे हैं। भारत में भी सक्रिय मामलों में मामूली वृद्धि। अखिलेश यादव ने सरकार को दी सख्त चेतावनी।
दुनिया एक बार फिर कोविड-19 की संभावित लहर के साये में है। सिंगापुर, थाईलैंड, हांगकांग और चीन जैसे देशों में बढ़ते संक्रमण, अस्पताल में बढ़ती भर्ती और नए वेरिएंट्स ने वैश्विक चिंता को जन्म दे दिया है। भारत में भले ही अभी मामलों की संख्या सीमित हो—257 एक्टिव केस—परंतु खतरे की अनदेखी नहीं की जा सकती।
राजनीतिक प्रतिक्रिया के रूप में, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की टिप्पणी उल्लेखनीय है। उन्होंने सरकार को सतर्कता बरतने की सलाह देते हुए पिछली लहरों की ‘बदइंतजामी’ न दोहराने की बात कही। उनका कहना है कि “सरकार को समय रहते चेतना होगा, वरना परिणाम घातक हो सकते हैं।”
टीकाकरण पर उठे सवाल:
अखिलेश यादव ने वैक्सीन की प्रभावशीलता पर भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि वैक्सीन का सर्टिफिकेट तो खूब बांटा गया, परंतु उसका असर अब नगण्य दिख रहा है। उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब दुनिया में नये वैरिएंट्स जैसे एलएफ.7 और एनबी.1.8 के मामले सामने आ रहे हैं।
दुनिया की स्थिति: कोविड मामलों में तेज़ वृद्धि
- सिंगापुर: 27 अप्रैल से 3 मई तक कोविड मामलों की संख्या 11,100 से बढ़कर 14,200 हो गई। अस्पताल में भर्ती का औसत 102 से बढ़कर 133 हो गया।
- थाईलैंड: 11 मई से 17 मई के बीच 33,030 मामले सामने आए, जिनमें से 6,000 बैंकॉक से हैं।
- हांगकांग: 6 से 12 अप्रैल के बीच मामलों में 6.21% से 13.66% की वृद्धि।
- चीन: पॉजिटिविटी रेट 7.5% से बढ़कर 16.2% हो गई है।
इन आँकड़ों से स्पष्ट है कि दुनिया की बड़ी जनसंख्या फिर से कोविड की चपेट में आ रही है। भारत को इससे सतर्क रहना होगा।
क्या भारत तैयार है?
भारत में अभी संख्या कम है, परंतु पिछली लहरों के अनुभवों से यह स्पष्ट है कि प्रारंभिक उपेक्षा घातक सिद्ध हो सकती है। स्वास्थ्य मंत्रालय की निगरानी जारी है, लेकिन ज़मीनी स्तर पर तैयारियों की समीक्षा समय की मांग है।
अखिलेश यादव ने भय नहीं, सजगता की जरूरत की बात कही है। यह अपील न केवल सरकार के लिए एक चेतावनी है, बल्कि आम जनता के लिए भी एक संदेश है कि कोविड अब भी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ।
सजगता ही सुरक्षा है
भले ही भारत में अभी खतरा सीमित दिखाई देता हो, लेकिन दुनिया भर में कोविड की नई लहरें यह बता रही हैं कि संक्रमण का अंत अभी नहीं हुआ। सरकार को चाहिए कि वह टीकाकरण की पुनर्समीक्षा, जागरूकता अभियान, और स्वास्थ्य सुविधाओं की मजबूती की दिशा में सक्रिय कदम उठाए।
अखिलेश यादव की टिप्पणी एक राजनीतिक बयान जरूर है, लेकिन यह सरकार और समाज—दोनों के लिए एक चेतावनी की तरह है।