
Report by: Nadeem Siddiqui
मुजफ्फरनगर में हरियाणा, मणिपुर व ट्रेन हिंसा पर पदाधिकारियों ने प्रदर्शन कर राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन
मुजफ्फरनगर। मणिपुर (Manipur) और हरियाणा (Haryana) में हुई हिंसा के साथ-साथ ट्रेन हिंसा (Train violence) को लेकर जमीयत उलेमा-ए-हिंदपदाधिकारियों ने चिंता व्यक्त करते हुए आरोपियों पर कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि यह देश मोहब्बत से बना है, और नफरत इस देश की दुश्मन है। हमें अपना देश जोड़ना है। उन्होंने कहा कि कुछ फिरका परस्त ताकतें जाति धर्म के नाम पर नफरत फैला कर देश को तोड़ने का काम करना चाहती हैं इसलिए नफरती लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
गुरुवार को जमीयत उलेमा-ए-हिंद (Jamiat Ulema e Hind) के पूर्व जिलाध्यक्ष मौलाना नजर मोहम्मद के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे अन्य पदाधिकारियों ने देश में बढ़ रही हिंसा पर चिंता व्यक्त करते ऐसी घटनाओं को देश के लिए खतरा बताया । मौलाना नजर मोहम्मद ने कहा कि मेवात जल रहा है। हरियाणा में कुछ नफरती लोग आपसी भाईचारा खराब करना चाहते हैं। ऐसे लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मणिपुर में गत 2 माह से अधिक समय से हिंसा जारी है।
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स्थानीय सरकार और पुलिस की संवेदनहीनता की पराकाष्ठा हो चुकी है। दो महिलाओं के साथ बरबरता और उनके साथ ज़्यादती की गई, लेकिन वहां की सरकार आरोपियों पर ठोस कार्रवाई नहीं कर पा रही है। राष्ट्रपति को भेजे ज्ञापन में मांग की गई कि सरकार को बर्खास्त कर कानून व्यवस्था बहाल की जाए। जमीयत प्रतिनिधिमंडल ने ट्रेन में हुई हिंसा पर भी नाराजगी जाहिर की। उनका कहना था कि ऐसे लोग समाज पर कलंक है। ऐसे लोगों की मानसिक विकृति के चलते कई परिवारों को बर्बाद कर दिया गया। केंद्र और राज्य सरकार (Central and State Government) को चाहिए कि सभी पीड़ित परिवारों को 50-50 लाख रुपये का मुआवजा और मृतक के एक-एक आश्रित को सरकारी नौकरी दिलाई जाए। इस मौके पर सलीम मलिक, आसिफ कुरेशी, मुफ्ती अब्दुल कादिर कासमी शामिल रहे।
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