
पुण्यतिथि 13 अक्टूबर के अवसर पर
मुंबई । बॉलीवुड में किशोर कुमार (Kishore Kumar) को ऐसी शख्सियत के तौर पर याद किया जाता हैं जिन्होंने ने सिर्फ अपनी आवाज के जादू से बल्कि फिल्म निर्माण और निर्देशन से भी सिने प्रेमियो का भरपूर मनोरंजन किया।
मध्यप्रदेश (MP) के खंडवा (Khandva) में 04 अगस्त 1929 को मध्यवर्गीय बंगाली परिवार में अधिवक्ता कुंजी लाल गांगुली (Kunji Lal Ganguly) के घर जब सबसे छोटे बालक ने जन्म लिया तो कौन जानता था कि आगे चलकर यह बालक अपने देश और परिवार का नाम रौशन करेगा। भाई बहनों में सबसे छोटे नटखट आभास कुमार गांगुली उर्फ किशोर कुमार का रूझान बचपन से ही पिता के पेशे वकालत की तरफ न होकर संगीत की ओर था।
महान अभिनेता एवं गायक के.एल.सहगल (K.L.Sehgal) के गानों से प्रभावित किशोर कुमार (Kishore Kumar) उनकी ही तरह गायक बनना चाहते थे। सहगल से मिलने की चाह लिये किशोर कुमार 18 वर्ष की उम्र मे मुंबई पहुंचे लेकिन उनकी इच्छा पूरी नहीं हो पायी। उस समय तक उनके बड़े भाई अशोक कुमार (Ashok Kumar) बतौर अभिनेता अपनी पहचान बना चुके थे।
अशोक कुमार (Ashok Kumar) चाहते थे कि किशोर नायक के रूप मे अपनी पहचान बनाये लेकिन खुद किशोर कुमार(Kishore Kumar) को अदाकारी की बजाय पार्श्व गायक बनने की चाह थी। उन्होंने संगीत की प्रारंभिक शिक्षा हालांकि कभी किसी से नहीं ली थी। बालीवुड में अशोक कुमार की पहचान के कारण उन्हें बतौर अभिनेता काम मिल रहा था।
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अपनी इच्छा के विपरीत किशोर कुमार (Kishore Kumar) ने अभिनय करना जारी रखा। जिन फिल्मों में वह बतौर कलाकार काम किया करते थे उन्हें उस फिल्म में गाने का भी मौका मिल जाया करता था। किशोर कुमार की आवाज सहगल से काफी हद तक मेल खाती थी।
बतौर गायक सबसे पहले उन्हें साल 1948 में बाम्बे टाकीज (Bombay Talkies) की फिल्म जिद्दी में सहगल के अंदाज मे हीं अभिनेता देवानंद के लिये ..मरने की दुआएं क्यूं मांगू ..गाने का मौका मिला। किशोर कुमार (Kishore Kumar) ने साल 1951 में बतौर मुख्य अभिनेता फिल्म आन्दोलन से अपने करियर की शुरूआत की लेकिन इस फिल्म से दर्शकों के बीच वह अपनी पहचान नहीं बना सके।
साल 1953 मे प्रदर्शित फिल्म लड़की बतौर अभिनेता उनके कैरियर की पहली हिट फिल्म थी। इसके बाद अभिनेता के रूप में भी किशोर कुमार ने अपनी फिल्मों के जरिये दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया।