धुम्रपान करने से आजकल के युवाओं में हो रही है गंभीर बमारी, जानिए कारण।
आजकल युवा पीढ़ी में धूम्रपान करना एक आम बात होती जा रही है किसी को सिगरेट पीने का शौक होता है तो कोई इस लत का आदी हो जाता है। धूम्रपान से होने वाले रोगों के बारे में अगर चर्चा की जाए तो सबसे पहले कैंसर का नाम आता है कहा जाता है कि धूम्रपान करने से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं सिर्फ कैंसर ही नहीं बल्कि बीड़ी सिगरेट का सेवन करने वाले लोगों में और भी बहुत सारी गंभीर बीमारियां हो जाती हैं तो चलिए जानते हैंआखिर और कौन सी बीमारियां धूम्रपान करने वाले लोगों को अपना शिकार बनती है।
धूम्रपान करने से होोने वाले नुकसान
धूम्रपान से स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान के बारे में सबसे ज्यादा बात कैंसर को लेकर होती है। लेकिन धूम्रपान से कैंसर होने के जोखिम के अलावा और भी कई नुकसान होते हैं। हाल ही में इस संबंध में कई स्टडी सामने आई हैं, जिसमें यह दावा किया गया है कि जो पुरुष धूम्रपान करते हैं, उनमें पिता बनने की क्षमता कम होती है। इसके अलावा, इससे उनके शुक्राणु पर भी नकारात्मक असर पड़ता है। यह जोखिम उन सभी युवाओं के लिए है जो लंबे समय से धूम्रपान के आदी हैं।
इस बारे में डॉक्टर्स जानकारी देते हुए बताते हैं कि धूम्रपान करने से पुरुषों के शुक्राणुओं की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है, जिसका सीधा असर उनकी प्रजनन क्षमता पर पड़ता है। सिगरेट से शुक्राणुओं की गतिशीलता और उनकी संख्या पर सबसे ज्यादा असर पड़ता है। सिगरेट में मौजूद निकोटिन और कार्बन मोनोऑक्साइड जैसे हानिकारक तत्व इसके लिए जिम्मेदार होते हैं। अगर लंबे समय तक सिगरेट पीना जारी है, तो निश्चित तौर पर स्थिति और ज्यादा गंभीर हो सकती है।
क्या कहते हैं डॉक्टर्स
फोर्टिस अस्पताल के विशेषज्ञ डॉ. परेश जैन ने भी चेतावनी दी है कि सिगरेट पीने से पुरुषों के प्रजनन स्वास्थ्य पर गंभीर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह न केवल पुरुषों में इरेक्टाइल डिसफंक्शन यानी (ईडी) का एक कारण हो सकता है, बल्कि शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता को भी कम करता है। सिगरेट में मौजूद निकोटीन और हानिकारक रसायन रक्त वाहिकाओं को संकुचित करते हैं, जिससे लिंग में रक्त प्रवाह कम होता है। यह ईडी का प्रमुख कारण बन सकता है। धूम्रपान रक्त वाहिकाओं की आंतरिक परत को भी नुकसान पहुंचाता है और टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के स्तर को कम करता है, जिससे कामेच्छा और ईडी की गुणवत्ता प्रभावित होती है।
भ्रूण विकास को प्रभावित करना
इसके अलावा सिगरेट का सेवन करने से शुक्राणुओं के डीएनए के अलावा नुकसान पहुंचा सकता है। यह भ्रूण के विकास को भी प्रभावित कर सकता है और गर्भपात का खतरा बढ़ा सकता है। सिगरेट के विषाक्त पदार्थ ऑक्सीडेटिव तनाव को बढ़ाते हैं, जो शुक्राणु कोशिकाओं को नष्ट करता है।
प्रजनन क्षमता को प्रभावित करना
जिसके चलते डॉक्टर जैन ने आज के नौजवानों से धूम्रपान छोड़ने की अपील की है
उन्होंने कहा, “धूम्रपान न केवल आपके समग्र स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि यह आपकी प्रजनन क्षमता को भी गंभीर रूप से प्रभावित करता है। स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर और धूम्रपान से दूरी बनाकर पुरुष अपनी प्रजनन क्षमता को बेहतर कर सकते हैं।