
Know all about India's caste census plan, including commission formation, use of SECC data, and upcoming changes in the census format
(शाह टाइम्स) भारत में जाति जनगणना को लेकर सरकार की योजना, आयोग का गठन, SECC डेटा का उपयोग और जनगणना फॉर्म में बदलाव से जुड़ी पूरी जानकारी विस्तार से पढ़ें।
- सरकार बनाएगी नया आयोग
जाति जनगणना की घोषणा के बाद केंद्र सरकार अब एक विशेष आयोग गठित करने जा रही है। यह आयोग यह तय करेगा कि जनगणना में किन-किन जातियों और उपजातियों को शामिल किया जाए। केंद्रीय मंत्रिमंडल इस आयोग को मंजूरी देने पर विचार कर रहा है। - 2011-12 के SECC डेटा का हो सकता है इस्तेमाल
सरकार 2011-12 की सामाजिक, आर्थिक और जाति जनगणना (SECC) के आंकड़ों का दोबारा उपयोग करने पर विचार कर रही है। इस प्रक्रिया को तेज और अधिक सटीक बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और बिग डेटा एनालिटिक्स की सहायता ली जाएगी। - पहले SECC को माना गया था ‘अपूर्ण’
हालांकि SECC में हजारों जातियों और उपजातियों की पहचान हुई थी, इसे पहले ‘अपूर्ण’ और ‘अस्पष्ट’ बताया गया था। यह सर्वेक्षण तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के आश्वासन के बाद हुआ था, जिसके बाद मंत्रियों का समूह भी बनाया गया था। - ओबीसी डेटा शामिल करने की पिछली कोशिशें
2018 में केंद्र सरकार ने घोषणा की थी कि 2021 की जनगणना में ओबीसी का डेटा भी एकत्र किया जाएगा, लेकिन यह योजना बिना कैबिनेट मंजूरी के वापस ले ली गई। अधिकारियों के अनुसार, इस फैसले से मंडल आयोग द्वारा वर्गीकृत 1,257 समुदायों में से केवल 5% ओबीसी को लाभ मिलता। - जनगणना फॉर्म में नया कॉलम
नई योजना के तहत, सरकार जनगणना फॉर्म में प्रत्येक जाति और उपजाति के लिए अलग कॉलम जोड़ने जा रही है। इससे प्रत्येक नागरिक अपनी जाति और उपजाति का विवरण दर्ज कर सकेगा। - संप्रदायों को भी शामिल करने का सुझाव
NDA के सहयोगी दल जैसे जदयू, लोजपा, अपना दल और टीडीपी लगातार जाति आधारित जनगणना की मांग कर रहे हैं। इनमें से कुछ ने सुझाव दिया है कि विभिन्न धर्मों के भीतर मौजूद संप्रदायों को भी जनगणना में शामिल किया जाए। साथ ही OBC के लिए अलग कॉलम की मांग भी की गई है। - उप-श्रेणियों में वर्गीकरण की भी मांग
एक और प्रमुख सुझाव यह है कि जातियों की जनसंख्या को उप-श्रेणियों में विभाजित करके गिना जाए, जिससे योजनाओं का लाभ ज्यादा सटीकता से दिया जा सके। - 2021 की स्थगित जनगणना अब नए प्रारूप में संभव
COVID-19 महामारी और 2024 के आम चुनावों के कारण स्थगित हुई 2021 की जनगणना अब इन नए बदलावों के साथ होने की संभावना है। इससे पता चलेगा कि देश में कौन-कितनी जाति के लोग हैं और किस वर्ग के लिए कौन-सी योजनाएं बनाई जा सकती हैं।
सरकार जाति जनगणना को लेकर गंभीर नजर आ रही है। आयोग का गठन, पुराने डेटा का विश्लेषण और नए कॉलम का जोड़ा जाना यह दर्शाता है कि आने वाली जनगणना सामाजिक न्याय और नीति निर्माण के लिहाज से एक महत्वपूर्ण पड़ाव बनने जा रही है।