
लेंडबॉक्स ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र की 500 सबसे तेजी से बढ़ती कंपनियों की सूची में शीर्ष स्थान हासिल किया है। महज 10 साल पुरानी इस भारतीय कंपनी ने टाटा और बिड़ला जैसे दिग्गजों को पीछे छोड़ते हुए 536% की सालाना विकास दर हासिल की। जानें कैसे इसने यह उपलब्धि हासिल की।
नई दिल्ली (शाह टाइम्स) भारत की एक युवा कंपनी लेंडबॉक्स ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र की 500 सबसे तेजी से बढ़ने वाली कंपनियों की सूची में शीर्ष स्थान हासिल करके सभी को चौंका दिया है। महज 10 साल पुरानी इस कंपनी ने टाटा और बिड़ला जैसे दिग्गज समूहों को पीछे छोड़ते हुए अपनी सालाना विकास दर 536% तक पहुंचाई है।
फाइनेंशियल टाइम्स और स्टेटिस्टा द्वारा संयुक्त रूप से तैयार की गई इस सूची में लेंडबॉक्स के अलावा कई अन्य भारतीय कंपनियों ने भी अपनी जगह बनाई है। इनमें ब्लूस्मार्ट (6वें स्थान पर), मीशो (72वें स्थान पर), टाटा ग्रुप की टाइटन (301वें स्थान पर), आदित्य बिड़ला कैपिटल (374वें स्थान पर) और हैवेल्स (396वें स्थान पर) शामिल हैं। कुल मिलाकर, इस सूची में भारत की 81 कंपनियों को जगह मिली है।
लेंडबॉक्स, जो एक एनबीएफसी पी2पी कंपनी है, की स्थापना 2015 में हुई थी। कंपनी ने 2023 तक अपनी कमाई 51 मिलियन डॉलर तक पहुंचाई है। इसके अलावा, 2019 में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से मंजूरी मिलने के बाद कंपनी ने और भी तेजी से विस्तार किया है।
इस सूची में सबसे ज्यादा कंपनियां सिंगापुर (108) से हैं, जबकि जापान और दक्षिण कोरिया की 91-91 कंपनियां शामिल हैं। हालांकि, चीनी कंपनियों को इस सूची में शामिल नहीं किया गया है, क्योंकि उनके डेटा को सत्यापित करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
सूची में शामिल होने के लिए कंपनियों को कुछ मानदंडों को पूरा करना था। इनमें 2020 में कम से कम 100,000 डॉलर और 2023 में कम से कम 1 मिलियन डॉलर की कमाई करना, स्वतंत्र कंपनी होना और 2020 से 2023 के बीच ऑर्गेनिक ग्रोथ दिखाना शामिल था।
इस सूची में सबसे ज्यादा कंपनियां आईटी और सॉफ्टवेयर सेक्टर (27%) से हैं, इसके बाद फाइनेंशियल सर्विसेज (10%) और विज्ञापन एवं मार्केटिंग (5%) से जुड़ी कंपनियां हैं। लेंडबॉक्स की यह उपलब्धि न केवल भारतीय उद्यमिता की ताकत को दर्शाती है, बल्कि यह दिखाती है कि नई कंपनियां भी अपनी मेहनत और नवाचार से बड़े खिलाड़ियों को चुनौती दे सकती हैं।