
मुजफ्फरनगर,(Shah Times)। भारतीय भाषा, संस्कृति एवं कला प्रकोष्ठ तथा हिंदी-विभाग सनातन धर्म महाविद्यालय, मुजफ्फरनगर के संयुक्त तत्वावधान में गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर की जयंती के उपलक्ष्य में, माँ सरस्वती सभागार में एक व्याख्यान का आयोजन किया गया l
कार्यक्रम की अध्यक्षता हिंदी-विभाग की अध्यक्षा प्रोफेसर निकेता ने की l कार्यक्रम का सफल संचालन डॉo सविता ने किया l इस अवसर पर मुख्य वक्ता डॉo प्रमोद कुमार मिश्र रहे l
मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए डॉo प्रमोद कुमार मिश्र ने गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर के जीवन, रबीन्द्र साहित्य, रबीन्द्र दर्शन, रबीन्द्र संगीत और रबीन्द्र कला आदि पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए टैगोर के ‘मानवतावाद’ और गाँधीजी के ‘राष्ट्रवाद’ का तुलनात्मक विश्लेषण करके उनकी एक प्रसिद्ध बांग्ला कविता ‘यदि तोर बाट शूने केहू न आलो रे, एकला चालोरे’ (यदि तुम्हारी बात सुनने से भी कोई तुम्हारे साथ नहीं आता तो अकेले चलो) का सस्वर वाचन किया l
कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉo सविता ने गुरुदेव के ‘जीवन-दर्शन’ पर विस्तृत प्रकाश डाला l कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए हिंदी-विभाग की अध्यक्षा प्रोo निकेता ने गुरुदेव के विचारों पर सारगर्भित वक्तव्य देकर सभी आगन्तुकों का धन्यवाद ज्ञापन किया l इस अवसर पर वरिष्ठ प्रोफेसर अशोक त्रिपाठी, प्रोo विश्वम्भर पाण्डेय, प्रोo विजयलक्ष्मी, प्रोo अजयपाल सिंह, प्रोo बसंत कुमार, प्रोo अरुणिमा रानी, प्रोo चरण सिंह, डॉo सलीम, डॉo आशना, सरिता जैन, नेहा कश्यप तथा विभिन्न विभागों के सैकडों छात्र-छात्राएँ आदि उपस्थित रहे l