तीन फरवरी 2019 को बड़ी बहन और उसके प्रेमी ने उतारा था मौत के घाट
मुजफ्फरनगर। फास्ट ट्रैक कोर्ट ने किशोरी के अपहरण व हत्या तथा लाश छिपाने के मामले में सगी बहन व बहन के प्रेमी को दोषी मानते हुए उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोनों पर 65-65 हजार का जुर्माना भी किया है।
अभियोजन के अनुसर 3 फरवरी 2019 को थाना भौराकलां के गांव कपूरगढ़ में ग्रामीण संजय की बेटी 12 वर्षीय हिमांशी अचानक ही घर से लापता हो गई थी। काफी तलाश के बाद उसका शव बोरे में भरा हुआ बरामद किया गया था। छानबीन के बाद पुलिस ने काजल व मोहित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया था। आरोपी काजल मृतक हिमांशी की बहन है और पुलिस की जांच में आया था कि इस वारदात को हिमांशी ने अपने प्रेमी मोहित के साथ मिलकर अंजाम दिया है। घटना के पीछे दोनों को आपत्तिजनक हालत में देखना बताया गया था ऐसा पुलिस की जांच में आया था पुलिस ने मामले की छानबीन कर दोनों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया था। तभी से यह मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज निशांत सिंगल की कोर्ट में विचाराधीन था। इस केस की पैरोकारी एडीजीसी विरेन्द्र कुमार नागर द्वारा की गई। दोनों पक्षों की ओर से वकीलों द्वारा बहस की गई। मुकदमे से संबंधित कोर्ट में गवाह व सबूत पेश किए गए। सबूत और गवाहों के आधार पर कोर्ट ने अपने फैसला सुनाते हुए मृतका की बड़ी बहन काजल व काजल के प्रेमी मोहित को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए उन पर 65-65 हजार रुपये का जुर्माना भी किया है।
सीडीओर ने खोले राज
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता वीरेंद्र कुमार नागर ने बताया कि पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर विवेचना शुरू कर दी थी। विवेचना के दौरान प्रकाश में आया कि मृतका हिमांशी की बहन काजल का प्रेम प्रसंग गांव गढ़ी नोआबाद निवासी मोहित पुत्र मांगा के साथ चल रहा था। उन्होंने बताया कि दोनों के बीच फोन पर हुई बातचीत की सीडीआर प्राप्त की गई। शक होने पर काजल को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई, तो उसने राज उगल दिया।
बहन ने दोनों को साथ देख लिया था
बताया कि पुलिस जांच में सामने आया था कि काजल और मोहित को हिमांशी ने एक साथ देख लिया था। प्रेम प्रसंग का राज खुलने के डर से दोनों ने सरिया से चोट मारकर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद काजल ने हिमांशी का शव घर में ही छुपा दिया था और मौका मिलते ही 7 फरवरी को बोरे में बंद कर उसे सड़क पर फेंक दिया।