
बैडमिंटन में नितेश कुमार ने स्वर्ण पदक जीता तो भाला फेंक स्पर्धा में सुमित अंतिल ने लगातार दूसरी बार गोल्ड हासिल किया। खास बात यह है कि अलग-अलग दुर्घटनाओं में अपना पैर गंवाने वाले भारत के दोनों गोल्डन बॉय नितेश कुमार और सुमित अंतिल ने कभी हौसला नहीं खोया।
Paris Paralympics 2024: शाह टाइम्स। भारतीय एथलीटों के लिए सोमवार का दिन मंगलमय साबित हुआ और पैरालंपिक में पांचवें दिन कुल आठ पदक हमारे हिस्से आए। बैडमिंटन में नितेश कुमार ने स्वर्ण पदक जीता तो भाला फेंक स्पर्धा में सुमित अंतिल ने अपने खिताब का बचाव करते हुए लगातार दूसरी बार गोल्ड हासिल किया। खास बात यह है कि अलग-अलग दुर्घटनाओं में अपना पैर गंवाने वाले भारत के दोनों गोल्डन बॉय नितेश कुमार और सुमित अंतिल ने कभी हौसला नहीं खोया। ओलंपिक चैंपियन बनकर दोनों ने भारत का मान बढ़ाया है।
नितेश का पहला पैरालंपिक
पहली बार पैरालंपिक खेलों में शिरकत करने वाले नितेश पुरुष एकल एसएल-3 स्पर्धा में चैंपियन बने। नितेश को बचपन से ही खेलों को लेकर जुनून था और फुटबॉल उनका पहला प्यार था। लेकिन, 2009 में हुए एक ट्रेन हादसे में उन्होंने अपना एक पैर गंवा दिया। नितेश का फुटबॉलर बनने का सपना टूट गया, लेकिन उन्होंने हौसला नहीं गंवाया। राजस्थान के चुरु (बास कीर्तन) में जन्म लेने वाले नितेश अभी करनाल (हरियाणा) में रहते हैं।
सुमित का नया वर्ल्ड रिकॉर्ड
टोक्यो ओलंपिक खेलों में स्वर्ण जीतने वाले सुमित ने पेरिस में नए ओलंपिक रिकॉर्ड 70.59 मीटर के साथ अपना खिताब बचाया। हरियाणा के सोनीपत के रहने वाले 26 वर्षीय सुमित पहलवान बनना चाहते थे, लेकिन 2015 में जब वह ट्यूशन क्लास से घर लौट रहे थे, तब उनकी मोटसाइकिल की टक्कर एक ट्रक से हो गई और उन्हें अपना एक पैर गंवाना पड़ा।