
मनमोहन देसाई की पुण्यतिथि पर खास
बॉलीवुड के मशहूर निर्देशक मनमोहन देसाई ने अपनी अनोखी कहानियों और मनोरंजक फिल्मों से दर्शकों का दिल जीता। ‘अमर अकबर एंथनी’, ‘नसीब’, ‘कुली’ जैसी सुपरहिट फिल्मों से उन्होंने फिल्मी दुनिया पर राज किया। पुण्यतिथि (1 मार्च) पर पढ़ें उनका सफर।
मनमोहन देसाई – एक ऐसे फिल्मकार जिन्होंने सिनेमा को नई दिशा दी
हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के इतिहास में कुछ निर्देशक ऐसे हुए हैं, जिन्होंने अपने अनोखे अंदाज और मनोरंजक कहानियों से दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। मनमोहन देसाई उन्हीं में से एक थे, जिन्हें ‘मसाला फिल्मों’ का बादशाह कहा जाता है। उनका सिनेमा फुल एंटरटेनमेंट पैकेज होता था, जिसमें एक्शन, रोमांस, इमोशन और कॉमेडी का बेहतरीन मिश्रण देखने को मिलता था। उनकी फिल्में न सिर्फ बॉक्स ऑफिस पर सफल रहीं, बल्कि आज भी लोगों की यादों में बसी हुई हैं।
मनमोहन देसाई: इंटरटेनमेंट की दुनिया के बेताज बादशाह
बॉलीवुड में मनमोहन देसाई का नाम सुनते ही एक ऐसी फिल्मों की याद आती है, जो दर्शकों को हंसी, एक्शन, इमोशन और जबरदस्त ड्रामा का कॉम्बिनेशन देती थीं। ‘अमर अकबर एंथनी’, ‘नसीब’, ‘कुली’, ‘मर्द’ जैसी फिल्मों से उन्होंने दर्शकों को सीटियों और तालियों पर मजबूर कर दिया।
प्रारंभिक जीवन और बॉलीवुड में प्रवेश
मनमोहन देसाई का जन्म 26 फरवरी 1937 को हुआ था। उनके पिता किक्कू देसाई भी फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े थे, जिससे बचपन से ही मनमोहन देसाई का झुकाव सिनेमा की ओर हो गया। महज 24 साल की उम्र में उन्होंने ‘छलिया’ फिल्म से निर्देशन की शुरुआत की।
सफलता का सफर
शुरुआती संघर्ष के बाद उन्होंने 1970 में ‘सच्चा झूठा’ बनाई, जो सुपरहिट साबित हुई। इस फिल्म में राजेश खन्ना की डबल रोल वाली परफॉर्मेंस को दर्शकों ने खूब पसंद किया। इसके बाद ‘भाई हो तो ऐसा’, ‘रामपुर का लक्ष्मण’, ‘रोटी’ जैसी फिल्में आईं, जिन्होंने उन्हें बॉलीवुड का हिट फिल्म निर्माता बना दिया।
अमिताभ बच्चन और मनमोहन देसाई की हिट जोड़ी
मनमोहन देसाई और अमिताभ बच्चन की जोड़ी को बॉलीवुड की सबसे सफल जोड़ी माना जाता है। ‘अमर अकबर एंथनी’ से शुरू हुआ यह सफर ‘नसीब’, ‘कुली’ और ‘मर्द’ तक जारी रहा। उनकी फिल्में फुल एंटरटेनमेंट का डोज होती थीं, जिनमें शानदार गाने, दमदार डायलॉग और जबरदस्त एक्शन देखने को मिलता था।
कुली की शूटिंग के दौरान हादसा
1983 में फिल्म ‘कुली’ की शूटिंग के दौरान अमिताभ बच्चन को गंभीर चोट लग गई थी। यह हादसा इतना खतरनाक था कि अमिताभ बच्चन की जान पर बन आई थी। हालांकि, वह इस हादसे से उबर गए और फिल्म सुपरहिट साबित हुई।
अंतिम समय और बॉलीवुड से दूरी
वर्ष 1988 में ‘गंगा जमुना सरस्वती’ और ‘तूफान’ के फ्लॉप होने के बाद मनमोहन देसाई ने फिल्म निर्देशन से संन्यास ले लिया। 1 मार्च 1994 को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। उनकी मृत्यु बालकनी से गिरने की वजह से हुई, लेकिन आज भी उनकी फिल्में लोगों के दिलों में जिंदा हैं।
मनमोहन देसाई ने जो सिनेमा हमें दिया, वह आज भी लोगों के लिए यादगार है। उनकी मसाला फिल्मों ने करोड़ों दर्शकों को हंसाया, रुलाया और रोमांचित किया। उनकी बनाई गई फिल्में आज भी टीवी पर आते ही दर्शकों को उसी जोश और उमंग के साथ देखने पर मजबूर कर देती हैं। पुण्यतिथि के अवसर पर हम उन्हें याद करते हैं और उनके योगदान को सलाम करते हैं।
Manmohan Desai :The Entertainer Who Redefined Bollywood Cinema