सीताराम येचुरी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव रहे थे। उनका जन्म चेन्नई में 12 अगस्त 1952 को हुआ था। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफन कॉलेज से अर्थशास्त्र में बीए और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से मास्टर्स किया है। इसके बाद येचुरी 1974 में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया से जुड़ गए।
नई दिल्ली, (शाह टाइम्स) । मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने गुरुवार को कहा कि पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी के पार्थिव शरीर को जनता के दर्शन के लिए शनिवार को यहां पार्टी मुख्यालय पर रखा जाएगा तथा बाद में उनकी इच्छा के अनुसार नयी दिल्ली के एम्स को दान कर दिया जाएगा।
माकपा की केंद्रीय समिति की ओर से जारी बयान में कहा गया है, “ कॉमरेड सीताराम येचुरी का पार्थिव शरीर 14 सितंबर को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) मुख्यालय, ए.के. गोपालन भवन, गोल मार्केट, नयी दिल्ली में जनता के दर्शन और श्रद्धांजलि के लिए सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक रखा जाएगा। इसके बाद कॉमरेड येचुरी के पार्थिव शरीर को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ले जाया जाएगा, जहाँ उनकी इच्छा के अनुसार इसे चिकित्सा अनुसंधान के लिए दान कर दिया जाएगा।”
येचुरी (72) का आज एम्स में निधन हो गया। उन्हें श्वसन तंत्र में संक्रमण के उपयार के लिए वहां 19 अगस्त को भर्ती कराया गया था। वह पिछले कुछ दिन से वेंटिलेटर पर थे।
सीताराम येचुरी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव रहे थे। उनका जन्म चेन्नई में 12 अगस्त 1952 को हुआ था। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफन कॉलेज से अर्थशास्त्र में बीए और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से मास्टर्स किया है। इसके बाद येचुरी 1974 में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया से जुड़ गए।
1975 में येचुरी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के सदस्य बन गए थे। उनको 1984 में सीपीआई(एम) की केंद्रीय समिति में शामिल किया गया था। इसके बाद वो 2015 में पार्टी के महासचिव गए थे। वो 2005 में पश्चिम बंगाल से राज्यसभा के लिए चुने गए थे। 2018 में वह दूसरी बार और 2022 में तीसरी बार सीपीआई (एम) के महासचिव नियुक्त हुए।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु , उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ , लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला , प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह तथा लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी के निधन पर शोक व्यक्त किया।
मुर्मु ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर अपने शोक संदेश में लिखा , ‘माकपा महासचिव सीताराम येचुरी के निधन के बारे में जानकर दुख हुआ। पहले एक छात्र नेता के रूप में और फिर राष्ट्रीय राजनीति में और एक सांसद के रूप में उनकी एक विशिष्ट और प्रभावशाली आवाज थी। एक प्रतिबद्ध विचारक होते हुए भी उन्होंने पार्टी लाइनों से ऊपर उठकर मित्र बनाए। उनके परिवार और सहकर्मियों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना।’
धनखड़ ने वरिष्ठ वामपंथी नेता सीताराम येचुरी के निधन पर गहरा शोक प्रकट किया है। श्री धनखड़ ने आज सोशल मीडिया पर जारी एक पोस्ट में कहा कि श्री येचुरी ने अपने पांच दशक लंबे राजनीतिक जीवन में भारतीय लोकतंत्र को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
उन्होंने कहा “वरिष्ठ राजनेता सीताराम यह येचुरी के निधन से गहरा दुख पहुंचा है।
मेरी संवेदना उनके परिजनों, मित्रों और अनुयायियों के साथ है। ओम शांति।”
उप राष्ट्रपति ने कहा कि येचुरी की जन सेवा की एक महत्वपूर्ण और समृद्ध विरासत है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी के निधन पर शोक व्यक्त किया।
बिरला ने अपने शोक संदेश में कहा ‘वरिष्ठ राजनेता एवं पूर्व सांसद श्री सीताराम येचुरी जी के निधन पर शोक व्यक्त करता हूँ। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें तथा परिजनों को इस दुख को सहन करने का साहस दें। ॐ शान्ति।’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने माकपा के महासचिव और पूर्व सांसद सीताराम येचुरी के निधन पर दु:ख प्रकट किया और उनके राजनैतिक गुणों तथा सांसद के रूप में उनको याद किया है।
मोदी ने सोशल मीडिया पर एक शोक संदेश में कहा, ‘श्री सीताराम येचुरी जी के निधन से दुखी हूँ। वे वामपंथ के अग्रणी नेता थे और सभी राजनीतिक दलों से जुड़ने की अपनी क्षमता के लिए जाने जाते थे। उन्होंने एक प्रभावी सांसद के रूप में भी अपनी पहचान बनाई। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएँ उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति।”
शाह ने अपने संदेश में कहा , ‘माकपा महासचिव एवं पूर्व राज्यसभा सांसद, सीताराम येचुरी जी के निधन के बारे में सुनकर दुख हुआ। उनका निधन राजनीतिक क्षेत्र के लिए क्षति है। मैं उनके परिवार के सदस्यों और दोस्तों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं। ईश्वर उन्हें इस कठिन समय को सहने की शक्ति दे।’
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष तथा लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी माकपा नेता सीताराम येचुरी को अपना परम मित्र बताते हुए उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
गांधी ने कहा “सीताराम येचुरी जी मित्र थे। हमारे देश की गहरी समझ रखने वाले भारत के विचार के संरक्षक। मैं हमारे बीच होने वाली लंबी चर्चाओं को याद करूंगा। दुख की इस घड़ी में उनके परिवार, दोस्तों और अनुयायियों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना।”
कांग्रेस ने अपने आधिकारिक पेज पर ट्वीट कर श्रद्धांजलि देते हुए कहा “माकपा के महासचिव और वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी जी का निधन भारतीय राजनीति के लिए एक अपूरणीय क्षति है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें और शोकाकुल परिजनों को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करें।”
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने माकपा के कद्दावर नेता और राज्यसभा सांसद सीताराम येचुरी के निधन पर शोक व्यक्त किया।
कोयंबटूर में पत्रकारों से बात करते हुए श्रीमती सीतारमण ने संसद में बहस के दौरान श्री येचुरी के योगदान को याद किया।
वित्त मंत्री ने कहा कि येचुरी माकपा के बहुत वरिष्ठ नेता थे और वह (निर्मला सीतारमण) और श्री येचुरी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में पढ़ते थे लेकिन श्री येचुरी ने उनके अध्ययन से कई साल पहले ही जेएनयू में अध्ययनरत थे।
सीतारमण ने शोक संतप्त परिवार के सदस्यों के प्रति अपनी संवेदना भी व्यक्त की।
आम आदमी पार्टी (आप) ने भी माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि वह हमारी यादों में सदा अमर रहेंगे।
आप ने एक्स पर शोक जताते हुए कहा ‘इंडिया गठबंधन में हमारे मजबूत साथी एवं माकपा के वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी के निधन की खबर अत्यंत दुखदाई है।” उन्होंने कहा ‘ईश्वर से प्रार्थना है कि उनके परिवार और समर्थकों को दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। येचुरी जी हमारी यादों में सदा अमर रहेंगे।’
उल्लेखनीय है कि सीताराम येचुरी का 72 साल की उम्र में आज यहाँ एम्स में निधन हो गया। उन्हें 19 अगस्त को दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी , तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन, केरल के मुख्यमंत्री पिरानाई विजयन सहित अनेक नेताओं ने श्री येचुरी के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
सुश्री बनर्जी ने अपने शोक संदेश में कहा , “यह जानकर दुख हुआ कि श्री सीताराम येचुरी का निधन हो गया है। मैं उन्हें एक अनुभवी सांसद के रूप में जानती हूँ और उनका निधन राष्ट्रीय राजनीति के लिए एक क्षति होगी। मैं उनके परिवार, मित्रों और सहकर्मियों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करती हूं।”
उल्लेखनीय है कि श्री येचुरी का आज यहां राष्ट्रीय राजधानी के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया। वह कई दिनों से फेफड़ों के संक्रमण से पीड़ित थे। उन्हें 19 अगस्त को एम्स में भर्ती कराया गया था।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे तथा कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता सीताराम येचुरी के निधन पर गहरा शोक जताते हुए पीड़ित परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।
गांधी ने कहा,“मैं सीताराम येचुरी जी के निधन से बहुत दुखी हूं। हमने शुरुआत में 2004-08 के दौरान एक साथ मिलकर काम किया। जो दोस्ती तब स्थापित हुई थी वह अंत तक जारी रही। वह देश के संविधान की प्रस्तावना में बहुत मजबूती से समाहित मूल्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता से कोई समझौता नहीं कर रहे थे। भारत की विविधता की रक्षा के प्रति अपने संकल्प में दृढ़ थे और धर्मनिरपेक्षता के शक्तिशाली समर्थक थे। बेशक, वह आजीवन कम्युनिस्ट रहे लेकिन उनका विश्वास लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित था।”
कांग्रेस नेता ने कहा,“दरअसल, संसद में उनका बारह साल का कार्यकाल यादगार था और उन्होंने अपनी अमिट छाप छोड़ी। उन्होंने यूपीए-1 में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और हाल ही में 2024 के लोकसभा चुनावों में इंडिया समूह के उद्भव में बहुत बड़ा योगदान दिया। उसे निश्चित तौर पर याद किया जाएगा।”
खड़गे ने कहा,“कॉमरेड सीताराम येचुरी जी के निधन पर मेरी हार्दिक संवेदना। वह एक विनम्र नेता थे जिन्होंने अडिग राजनीतिक विचारधाराओं के साथ व्यक्तिगत समीकरणों को संतुलित करने का अनूठा क्षेत्र अपनाया। वह एक उत्कृष्ट सांसद और उत्कृष्ट बुद्धिजीवी थे और उन्होंने आदर्शवाद मिश्रित व्यावहारिकता के साथ देश के लोगों की सेवा की। यह सभी उदारवादी ताकतों के लिए एक बड़ी क्षति है, क्योंकि वह प्रगतिवादियों की सामूहिक चेतना के रक्षक थे। एक मित्र और उदारवाद के हमवतन को हमारा अंतिम सलाम, भारतीय राजनीति को उनकी बहुत याद आएगी।”