
एनडीए व इण्डिया गठबंधन अधिकतर गरीब-विरोधी, जातिवादी, साम्प्रदायिक, धन्नासेठ-समर्थक व पूंजीवादी नीतियों वाली पार्टियां हैं जिनकी नीतियों के विरुद्ध बीएसपी अनवरत संघर्षरत है
नई दिल्ली । लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) को लेकर सियासी पार्टियों में उत्साह तेज हो गया है सियासी पार्टियों गठबंधन बनाने और नए दलों को अपनी ओर खींचने की कोशिशें जारी हैंl फिलहाल सत्तारूढ़ एनडीए (NDA) और विपक्षी दलों के इंडिया एलायंस (INDIA Alliance) में खींचतान कोशिशें जारी है l
देश में सबसे ज्यादा सांसद देने वाले राज्य उत्तर प्रदेश (UP) की एक प्रमुख पार्टी बहुजन समाज पार्टी (BSP) की ओर से यह साफ कर दिया गया है कि गठबंधन (Alliance) करके चुनाव लड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता वह दोनों ही प्रमुख गठबंधनों का हिस्सा नहीं बनेगी l
बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने आज ट्वीट कर यह बात साफ कर दी है l गठबंधन करके चुनाव लड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता वह दोनों ही प्रमुख गठबंधनों का हिस्सा नहीं बनेगी l
मायावती (Mayawati) ने अपने ट्वीट के जरिए मीडिया पर भी हमला बोला है और कहा कि बेवजह के आकलनबाजी से मीडिया को बचना चाहिएl पार्टी ने साफ कर दिया है कि दोनों ही गठबंधन से बीएसपी बराबर की दूरी बनाए रखेगी और अकेले ही चुनाव लड़ेगी l पार्टी प्रमुख ने साफ कहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव पार्टी अकेले अपने दम पर लड़ेगी l
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मायावती ने कहा कि एनडीए व इण्डिया गठबंधन अधिकतर गरीब-विरोधी, जातिवादी, साम्प्रदायिक, धन्नासेठ-समर्थक व पूंजीवादी नीतियों वाली पार्टियां हैं जिनकी नीतियों के विरुद्ध बीएसपी अनवरत संघर्षरत है और इसीलिए इनसे गठबंधन करके चुनाव लड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता. अतः मीडिया से अपील-नो फेक न्यूज प्लीज़l
एक दूसरे ट्वीट में मायावती ने कहा कि बीएसपी, विरोधियों के जुगाड/जोड़तोड़ से ज्यादा समाज के टूटे/बिखरे हुए करोड़ों उपेक्षितों को आपसी भाईचारा के आधार पर जोड़कर उनके गठबंधन से सन 2007 की तरह अकेले आगामी लोकसभा तथा चार राज्यों में विधानसभा का आमचुनाव लडे़गीl मीडिया बार-बार भ्रान्तियां न फैलाएl
तीसरे ट्वीट में मायावती ने कहा कि वैसे तो बीएसपी से गठबंधन के लिए यहां सभी आतुर, किन्तु ऐसा न करने पर विपक्षी द्वारा खिसयानी बिल्ली खंभा नोचे की तरह भाजपा से मिलीभगत का आरोप लगाते हैं. इनसे मिल जाएं तो सेक्युलर न मिलें तो भाजपाईl यह घोर अनुचित तथा अंगूर मिल जाए तो ठीक वरना अंगूर खट्टे हैं, की कहावत जैसीl
मायावती ने चौथे ट्वीट में कहा, इसके अलावा, बीएसपी से निकाले जाने पर सहारनपुर के पूर्व विधायक कांग्रेस व उस पार्टी के शीर्ष नेताओं की प्रशंसा में व्यस्त हैं, जिससे लोगों में यह सवाल स्वाभाविक है कि उन्होंने पहले यह पार्टी छोड़ी क्यों और फिर दूसरी पार्टी में गए ही क्यों? ऐसे लोगों पर जनता कैसे भरोसा करे ?