
यूपीएससी ने देशभर के विभिन्न केंद्रों पर सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2024 का आयोजन किया। जिसमें लाखों बच्चों ने हिस्सा लिया। इस बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है।
~Neelam Saini
New Delhi, (Shah Times)। रविवार को देशभर में यूपीएससी ने विभिन्न केंद्रों पर सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2024 का आयोजन किया गया था। जिसमें लाखों बच्चों ने प्रतिभाग किया था। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो बहुत तेजी से वायरल हो रहा हैं। जिसमें एक महिला और पुरुष विलाप करते नजर आ रहे ओर साथ में उनकी बेटी उनको संभालते दिखाई दे रही है।
दरअसल पूरा मामला गुरुग्राम के सेक्टर 47 स्थित एस.डी. आदर्श विद्यालय का है। जहां यूपीएससी द्वारा सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा केंद्र पर एक लड़की 9 बजे पहुंची मगर स्कूल के प्रिंसिपल ने उन्हें देरी का हवाला देते हुए अंदर नहीं जाने दिया। जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। एक्स पर साक्षी नामक यूजर द्वारा शेयर किए गए वायरल वीडियो में अभ्यर्थी की मां बेहोशी की हालत में दिखाई दे रही हैं।
वायरल वीडियो में लड़की के पिता रोते-बिलखते नजर आ रहे है। लड़की उन दोनों से कह रही है,की पापा! पानी पियो. आप ऐसे क्यों कर रहे हो? पापा, हम अगली बार परीक्षा दे देंगे। कुछ ऐसी बात नहीं है, पिता कहते हैं, “एक साल गया बाबू हमारा। जिस पर वह जवाब देती है, “कोई बात नहीं! उम्र नहीं निकली जा रही है। पिता और बेटी रोती हुई मां को सांत्वना देने की कोशिश करते हैं जो बार-बार कहती है, ना जाऊंगी।
इस वीडियो देख सोशल मीडिया पर यूजर्स तरह तरह के कॉमेंटस कर रहे हैं। माता-पिता की हालत भावुक कर देने वाली है। जो यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा के लिए अपनी बेटी के साथ आए थे, क्योंकि उनकी बेटी को देर से आने की वजह से परीक्षा में एंट्री नही मिली थी। परीक्षा सुबह 9:30 बजे शुरू होती है, और वे सुबह 9 बजे गेट पर थे, लेकिन गुरुग्राम के सेक्टर 47 स्थित एस.डी. आदर्श विद्यालय के प्रिंसिपल ने उन्हें अंदर नहीं जाने दिया।
वीडियो शेयर किए जाने के बाद से, इस क्लिप पर 2.5 मिलियन व्यूज़ और सात हज़ार लाइक्स मिल चुके हैं। एक यूजर ने कहा, “प्रिंसिपल सही हैं, रिपोर्टिंग समय के बाद किसी को भी अनुमति नहीं है। एक और व्यक्ति ने लिखा, “मैंने भी कल परीक्षा दी, उन्होंने मुझे सुबह 9 बजे के बाद भी अंदर जाने दिया, लेकिन कुछ कॉलेजों में यह प्रिंसिपल पर निर्भर करता है। उन्होंने परीक्षार्थियों को सुबह 9 बजकर 28 मिनट तक अनुमति दी और उसके बाद गेट बंद कर दिया, वह दयालु थे।
हालांकि इस वीडियो को देखने के बाद कुछ लोग यह भी कह रहे हैं की
यह उस तरह का दबाव है जो माता-पिता बच्चों को यह सोचने पर मजबूर करता है कि परीक्षा में असफल होना जीवन खत्म होने जैसा ही है। बेचारी बच्ची अपनी मां की तुलना में बेहतर भावनात्मक नियंत्रण रखती है। एक व्यक्ति ने कहा कि भगवान, कल्पना करें कि अगर माता-पिता सार्वजनिक रूप से इस तरह का व्यवहार कर रहे हैं तो परीक्षा पास करने के लिए उस लड़की पर कितना दबाव होगा।







