
मुहर्रम का समापन 17 जुलाई को धार्मिक रीति रिवाजों से होगा
अजमेर , (Shah Times) । राजस्थान के अजमेर में इस्लामिक कलैंडर के मुताबिक साल हिजरी 1446 के 8 जुलाई को आगाज के साथ ही मुहर्रम का भी आगाज होगा। मुहर्रम का समापन 17 जुलाई को धार्मिक रीति रिवाजों एवं परम्परागत तरीकें से बड़े ताजिये की रस्म के साथ होगा।
इस्लामिक कलैंडर के अनुसार वर्ष हिजरी 1446 के 8 जुलाई को आगाज के साथ ही मुहर्रम का भी आगाज होगा। मुस्लिम बिरादरी मातम के इन दिनों में ‘हरा लिबास’ धारण करेगी। दरगाह शरीफ स्थित बाबा फरीद का चिल्ला भी आम जायरीनों की जियारत के लिए खोला जायेगा जबकि बाबा फरीद का उर्स पाकिस्तान के पाकपटट्नम स्थित उनकी दरगाह में भरेगा ।
अजमेर में दरगाह क्षेत्र मुहर्रम के माहौल में अलग ही रंग लिए होता है। अंजुमन कमेटी की ओर से हर साल की तरह बड़ा ताजिया तैयार कर लिया गया है। अजमेर शरीफ में नंगी तलवारों से हाईदौज खेलने की परम्परा भी है। तलवारें पुलिस के मालखाने से जारी की जाती है।
बताया गया है कि मुहर्रम में चार दिन भी शेष नहीं , लेकिन प्रशासनिक व्यवस्था कागजों में ही कसरत कर रही है । बिजली के झूलते तार , गंदगी का अम्बार ,
टूटी सड़केंं एवं गलियां आदि प्रशासनिक पोल खोल रही है। कांग्रेस नेता महेंद्र सिंह रलावता से पहले राजस्थान पर्यटन विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष धर्मेंद्र राठ़ौड़ मुहर्रम पर व्यवस्था बनाने की मांग कर चुके है।
कायड़ विश्राम स्थली पर बाहर से आनेवाले जायरीनों को ठहराने की व्यवस्था दरगाह कमेटी कर रही है । जायरीनों की सुविधा के लिए अस्थायी दुकानों का 5 से 14 जुलाई तक आवंटन करने के लिए दरगाह कमेटी ने आवेदन मांगे है ।
मुहर्रम में अजमेर विकास प्राधिकरण, अजमेर नगरनिगम , रसद विभाग , बिजली एवं जलदाय विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका बनती है। सुरक्षा के लिहाज से पुलिस तंत्र अभी से सतर्क है और मुहर्रम में दरगाह क्षेत्र में अतिरिक्त जाप्ता तैनात किया जायेगा।
उल्लेखनीय है कि मुहर्रम, हजरत इमाम हुसैन और कर्बला में शहीद उनके मुरीद सैनिकों की याद में आयोजित होता है।