
Union Minister Nitin Gadkari addressing an event, emphasizing the need to end caste-based discrimination and redefine politics.
जातिगत भेदभाव पर गडकरी का बड़ा बयान
‘इस बात की होड़ लगी हुई है कि कौन ज्यादा पिछड़ा’ – गडकरी
राजनीति की पुनर्परिभाषा की जरूरत – गडकरी
‘मैं अपनी शर्तों पर राजनीति करूंगा’ – नितिन गडकरी
“केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने जातिवाद को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि लोग जातिवादी नहीं होते, बल्कि नेता अपने स्वार्थ के लिए जातिवाद को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने जातिगत भेदभाव खत्म करने और राजनीति को पुनर्परिभाषित करने की जरूरत बताई।”
नितिन गडकरी बोले: ‘लोग नहीं, नेता होते हैं जातिवादी’, जातिगत भेदभाव खत्म करने की जरूरत
अमरावती,(Shah Times)। केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता नितिन गडकरी ने जाति को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की आलोचना करते हुए कहा कि लोग जातिवादी नहीं होते, बल्कि नेता अपने स्वार्थ के लिए जातिवाद को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने जातिगत भेदभाव को खत्म करने और राजनीति की पुनर्परिभाषा की जरूरत पर जोर दिया।
‘इस बात की होड़ लगी हुई है कि कौन ज्यादा पिछड़ा’ – गडकरी
गडकरी ने कहा कि समाज में यह होड़ मची हुई है कि कौन ज्यादा पिछड़ा है। यह प्रवृत्ति सामाजिक न्याय के उद्देश्य से भटककर राजनीतिक फायदे का जरिया बन गई है। उन्होंने जातिगत भेदभाव को खत्म करने पर जोर दिया और कहा कि यह बदलाव स्वयं से शुरू होना चाहिए।
राजनीति की पुनर्परिभाषा की जरूरत – गडकरी
अमरावती में आयोजित डॉ. पंजाबराव उर्फ भाऊसाहेब देशमुख मेमोरियल अवार्ड समारोह में गडकरी ने राजनीति को पुनर्परिभाषित करने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि वोट-बैंक की राजनीति से ऊपर उठकर हमें विकास और समाज सेवा पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सच्चे नेतृत्व के लिए पोस्टर या विज्ञापन की जरूरत नहीं होती।
‘मैं अपनी शर्तों पर राजनीति करूंगा’ – नितिन गडकरी
गडकरी ने कहा कि उन्होंने चुनाव में स्पष्ट रूप से कहा था कि वे अपनी शर्तों पर राजनीति करेंगे, चाहे उन्हें वोट मिले या न मिले। उनका उद्देश्य बिना किसी पक्षपात के सभी के विकास के लिए काम करना है। उन्होंने चुनाव प्रचार में होने वाले अत्यधिक खर्च और राजनीति की लेन-देन वाली प्रवृत्ति पर भी चिंता जताई।
गडकरी ने मेलघाट के अनुभव किए साझा
मेलघाट के आदिवासी क्षेत्रों में अपने अनुभव साझा करते हुए गडकरी ने वहां की गरीबी और कुपोषण की भयावह स्थिति का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि जब वे महाराष्ट्र के लोक निर्माण मंत्री थे, तब उन्होंने इस क्षेत्र का दौरा किया और वहां की बदहाल स्थिति देखकर स्तब्ध रह गए।
उन्होंने कहा, “मैंने हजारों बच्चों को कुपोषण के कारण मरते हुए देखा। वहां न स्वास्थ्य सुविधाएं थीं, न ही शिक्षा, और न ही स्वच्छ पेयजल। आजादी के इतने वर्षों बाद भी इस तरह की स्थितियां होना दुखद है।”
नितिन गडकरी ने अपने भाषण में जातिवाद, राजनीति की वर्तमान स्थिति और सामाजिक विकास की प्राथमिकताओं पर खुलकर अपनी राय रखी। उन्होंने जातिगत भेदभाव को खत्म करने, राजनीति को पुनर्परिभाषित करने और समाज सेवा को प्राथमिकता देने की बात कही। उनका यह बयान राजनीतिक हलकों में बड़ी चर्चा का विषय बन सकता है।
Nitin Gadkari: ‘People Are Not Casteist, Politicians Are’