
Self-employed professionals can now easily get a home loan. Learn about the required documents, bank evaluation process, and the importance of credit score
स्वरोजगार करने वाले पेशेवर भी अब आसानी से होम लोन प्राप्त कर सकते हैं। जानें जरूरी दस्तावेज, बैंक की प्रक्रिया और क्रेडिट स्कोर का महत्व।
नई दिल्ली (शाह टाइम्स) आज की बदलती आर्थिक दुनिया में स्वरोजगार एक सामान्य और सम्मानजनक विकल्प बन चुका है। बहुत से लोग पारंपरिक नौकरी की बजाय खुद का व्यवसाय या फ्रीलांसिंग चुनते हैं। हालांकि, आम धारणा यही है कि स्थायी नौकरी न होने पर होम लोन लेना मुश्किल होता है। लेकिन सच्चाई यह है कि यदि आपके पास सही दस्तावेज और वित्तीय स्थिरता है, तो आप भी आसानी से होम लोन प्राप्त कर सकते हैं।
स्वरोजगार और लोन की वास्तविकता
बैंकों और NBFCs द्वारा लोन देने से पहले आमतौर पर आय का प्रमाण, क्रेडिट स्कोर, आयकर रिटर्न, बैंक स्टेटमेंट और ऑडिटेड फाइनेंशियल रिपोर्ट्स मांगी जाती हैं। स्वरोजगार करने वाले पेशेवरों की आय में उतार-चढ़ाव जरूर होता है, लेकिन अगर वे अपने वित्तीय दस्तावेज़ व्यवस्थित रखते हैं, तो उन्हें लोन मिलना उतना कठिन नहीं होता जितना अक्सर माना जाता है।
ज़रूरी दस्तावेज़ जो लोन प्रक्रिया में मदद करते हैं
स्वरोजगारियों को निम्नलिखित दस्तावेज तैयार रखने चाहिए:
पिछले 2-3 वर्षों के आयकर रिटर्न (ITR)
लाभ-हानि विवरण, बैलेंस शीट, और कैश फ्लो स्टेटमेंट
व्यवसाय पंजीकरण प्रमाण पत्र, व्यवसाय लाइसेंस
केवाईसी दस्तावेज जैसे पैन कार्ड, आधार कार्ड
व्यक्तिगत और व्यावसायिक बैंक स्टेटमेंट
बैंक कैसे करते हैं व्यवसाय का मूल्यांकन
बैंक यह जांचते हैं कि आपका व्यवसाय किस इंडस्ट्री से जुड़ा है और उसमें कितना जोखिम है। आईटी, हेल्थकेयर जैसी इंडस्ट्री को स्थिर माना जाता है जबकि हॉस्पिटैलिटी या मौसमी व्यवसायों को जोखिम भरा। यदि आपके व्यवसाय में स्थिरता और विकास की संभावना दिखती है, तो बैंक लोन देने में रुचि दिखाते हैं।
क्रेडिट स्कोर और एलटीवी का महत्व
क्रेडिट स्कोर आपके वित्तीय अनुशासन को दर्शाता है। अगर आपका स्कोर 700 या उससे ऊपर है, तो आपको होम लोन कम ब्याज दर पर मिल सकता है। वहीं, लोन-टू-वैल्यू (LTV) रेशियो स्वरोजगारियों के लिए कम हो सकता है। इसका मतलब है कि आपको प्रॉपर्टी की कीमत का बड़ा हिस्सा खुद देना पड़ सकता है (जैसे 20-25% ही लोन मिलेगा)।
होम लोन की योजना बनाते समय ध्यान देने योग्य बातें
क्रेडिट रिपोर्ट में किसी भी गलती को सुधारें
EMI और अन्य मासिक खर्चों का संतुलन बनाकर ही लोन लें
सिर्फ उतना ही लोन लें, जितना आपकी चुकाने की क्षमता में हो
क्रेडिट यूटिलाइज़ेशन रेशियो कम रखें और समय पर भुगतान करें
स्वरोजगारियों के लिए होम लोन लेना अब पहले जितना कठिन नहीं रहा। यदि आप अपने दस्तावेज़ व्यवस्थित रखते हैं, अच्छा क्रेडिट स्कोर बनाए रखते हैं और सोच-समझकर लोन के लिए आवेदन करते हैं, तो आप भी आसानी से अपने सपनों का घर खरीद सकते हैं – वह भी बिना स्थायी नौकरी के।