
पासपोर्ट अधिनियम 1967 के प्रावधानों में संशोधन किया गया है और अब जन्म तिथि के प्रमाण के तौर पर जन्म प्रमाण पत्र ही मान्य होगा।
नई दिल्ली (शाह टाइम्स) भारत सरकार ने पासपोर्ट बनवाने के लिए जन्म प्रमाण पत्र अनिवार्य कर दिया है। इसके लिए पासपोर्ट नियम 1980 में संशोधन किया गया है, जिसके तहत अक्टूबर 2023 के बाद जन्म लेने वालों के लिए जन्म तिथि का एकमात्र दस्तावेज जन्म एवं मृत्यु रजिस्ट्रार, नगर निगम या किसी अन्य प्राधिकरण द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र होगा।
विदेश मंत्रालय की ओर से 24 फरवरी 2025 को जारी आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया कि पासपोर्ट अधिनियम 1967 की धारा 24 के प्रावधानों के तहत पासपोर्ट नियमों में संशोधन किया गया है। पासपोर्ट संशोधन नियम 2025 आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशन की तिथि से लागू होंगे। जिसके अनुसार, 1 अक्टूबर 2023 को या उसके बाद जन्मे व्यक्तियों के लिए जन्म तिथि के प्रमाण के रूप में केवल ‘जन्म और मृत्यु के रजिस्ट्रार या नगर निगम या जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 के तहत किसी अन्य प्राधिकरण’ द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र ही मान्य होंगे।
वहीं, पासपोर्ट नियम में संशोधन के बाद, 1 अक्टूबर 2023 से पहले जन्मे लोग जन्म तिथि के प्रमाण के रूप में अन्य दस्तावेज प्रस्तुत कर सकते हैं। इनमें आवेदक की जन्म तिथि के साथ मान्यता प्राप्त स्कूलों या मान्यता प्राप्त शैक्षिक बोर्डों द्वारा जारी स्थानांतरण या मैट्रिकुलेशन प्रमाण पत्र शामिल हैं।
ये भी है जरुरी
इसके अलावा, आयकर विभाग द्वारा जारी स्थायी खाता संख्या (पैन) कार्ड, सरकारी कर्मचारियों के सेवा रिकॉर्ड की प्रति या सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों के पेंशन आदेश, किसी राज्य के परिवहन विभाग द्वारा जारी ड्राइविंग लाइसेंस, भारतीय चुनाव आयोग द्वारा जारी चुनाव फोटो पहचान पत्र या भारतीय जीवन बीमा निगमों या सार्वजनिक कंपनियों द्वारा जारी पॉलिसी बॉन्ड शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार, जन्म प्रमाण पत्र से संबंधित पासपोर्ट नियमों के प्रावधानों में लंबे समय तक संशोधन नहीं किया गया था, क्योंकि पासपोर्ट आवेदकों, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले लोगों के पास जन्म प्रमाण पत्र नहीं होना आम बात थी। लेकिन जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम 1969 को लागू करने के लिए अधिकारियों द्वारा उठाए गए कदमों से जन्म और मृत्यु के पंजीकरण में सुधार हुआ है, इसलिए जन्म प्रमाण पत्र को जन्म तिथि का एकमात्र प्रमाण बना दिया गया है।
एहि जनम और मृत्यु पंजीकरण के आकड़े
गौरतलब है कि जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 के तहत जन्म और मृत्यु का पंजीकरण अनिवार्य है। नागरिक पंजीकरण प्रणाली के आंकड़ों के अनुसार, भारत में जन्म पंजीकरण 2019 में बढ़कर 92.7 प्रतिशत हो गया है, जो 2010 तक 82.0 प्रतिशत था। इसी तरह, मृत्यु पंजीकरण भी 2019 में बढ़कर 92.0 प्रतिशत हो गया, जो 2010 में 66.9 प्रतिशत था।