
Kedarnath
तीन लोगों के शव बरामद, 16 लोग अभी भी लापता
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और डीडीआरएफ की टीम रेस्क्यू अभियान में जुटे
केदारनाथ से लौटे यात्रियों को भी गौरीकुंड से सुरक्षित पहुंचाया सोनप्रयाग
मौसम खराब रहने के चलते शुरू नहीं हो पाई केदारनाथ यात्रा
रिपोर्ट: रोहित डिमरी
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ(Kedarnath) यात्रा के मुख्य पड़ाव गौरीकुंड(Gaurikund) में चटटान टूटने से हुये हादसे में 19 लोग लापता हो गये थे। 19 में से तीन लोगों के शव मलबे में दबे थे। तीन शवों को रेस्क्यू टीम ने रिकवर कर दिया है। बाकी 16 लोगों की खोजबीन जारी है। एनडीआरएफ(NDRF), एसडीआरएफ(SDRF) और डीडीआरएफ(DDRF) रेस्क्यू कार्य में जुटी हुई हैं।
बता दें कि केदारनाथ(KEDARNATH) यात्रा के मुख्य पड़ाव गौरीकुंड बस स्टेशन के पास कल रात लगभग 12 बजे के आस-पास चटटान टूट गई थी। चटटान टूटने के कारण सोनप्रयाग-गौरीकुंड मोटरमार्ग किनारे स्थित तीन दुकाने मंदाकिनी नदी में समा गई। जिस समय यह हादसा हुआ, उस समय इन दुकानों में लगभग 19 लोग मौजूद थे। रात के समय तेज बारिश होने के कारण रेस्क्यू अभियान चलाने में काफी दिक्कतें आई। सुबह के समय रेस्क्यू अभियान शुरू किया गया। इस दौरान 3 लोगों के शवों को खाई से निकाल दिया गया है।
हालांकि अभी इनकी शिनाख्त नहीं हो पाई है। बाकी 16 लोगों की खोजबीन जारी है। घटना में लापता 14 लोग नेपाली मूल के हैं, जबकि, जबकि दो लोग उत्तर प्रदेश और चार लोग स्थानीय निवासी हैं। दोपहर के समय डीएम डाॅ सौरभ गहरवार और एसपी डाॅ बिशाखा भदाणे भी घटना स्थल पर पहुंचे। लापता चल रहे लोगों में कुछ बच्चे और युवा भी शामिल हैं। ये सभी लोग गौरीकुंड में दुकान और ढ़ाबा का संचालन करके रोजगार करते थे।
मौसम खराब होने और जगह-जगह हाईवे पर बोल्डर आने के बाद केदारनाथ के दर्शन करने के बाद गौरीकुंड आये यात्रियों को सुरक्षित रोका गया था। दोपहर बाद गौरीकुंड में रोके गये यात्रियों को सुरक्षित तरीके से सोनप्रयाग भेजा गया। जबकि आज केदारनाथ यात्रा को अभी तक रोका गया है। यात्रियों को आज केदारनाथ नहीं भेजा गया है। मौसम पूरी तरह से सही होने पर ही केदारनाथ भेजा जायेगा।
रुद्रप्रयाग(Rudraprayag) जनपद के प्रभारी मंत्री सौरभ बहुगुणा ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि गौरीकुंड से श्रीनगर तक लापता लोगों की खोजबीन को लेकर मंदाकिनी व अलकनंदा नदी में सर्च अभियान चलाने के निर्देश दिये गये हैं।