
Pahalgam terror attack
नई दिल्ली (Shah Times): जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के (Pahalgam terror attack) बाद से अब तक का सबसे भयानक आतंकी हमला कहा जा रहा है। पहलगाम के बैसरन मैदान में भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों के एक समूह ने पर्यटकों पर गोलीबारी की, जिसमें कम से कम 26 लोग मारे गए। लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से जुड़े द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।
खुफिया एजेंसियों ने इस योजना को लश्कर कमांडर सैफुल्लाह कसूरी से जोड़ा है और इसे अंजाम देने वाले टीआरएफ के फील्ड ऑपरेटिव आसिफ फौजी से। अब तक हमें जो कुछ पता चला है, उसका ब्यौरा इस प्रकार है:
सैफुल्लाह कसूरी कौन है?
सैफुल्लाह कसूरी उर्फ खालिद पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा का वरिष्ठ कमांडर है। उसे लश्कर संस्थापक हाफिज सईद का करीबी सहयोगी माना जाता है। खालिद पर 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले का मास्टरमाइंड होने का भी संदेह है, जिसमें नागरिकों पर समन्वित गोलीबारी की गई थी। रिपोर्टों के अनुसार वह आमतौर पर लश्कर के पेशावर मुख्यालय से काम करता है और इसके मिल्ली मुस्लिम लीग (एमएमएल) मोर्चे का नेतृत्व करता है।
कसूरी की आतंकी पृष्ठभूमि
2017 में, कसूरी ने पाकिस्तान में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिसमें उन्होंने MML को LeT की राजनीतिक शाखा के रूप में पेश किया। अमेरिकी ट्रेजरी के अनुसार, उन्होंने सेंट्रल पंजाब के लिए JuD की समन्वय समिति में भी काम किया। LeT का एक उपनाम, JuD, अमेरिकी कार्यकारी आदेश 13224 के तहत नामित किया गया था और संयुक्त राष्ट्र 1267/1988 प्रतिबंध सूची में जोड़ा गया था।
प्रतिरोध मोर्चा (टीआरएफ) क्या है?
अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद उग्रवाद को “घरेलू” के रूप में प्रस्तुत करने के लिए इसका गठन किया गया। धर्मनिरपेक्ष नाम अपनाकर लश्कर और पाकिस्तानी संचालकों से संबंधों को छिपाने का इरादा। भारत के गृह मंत्रालय द्वारा यूएपीए के तहत एक आतंकवादी संगठन घोषित किया गया। ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से युवाओं की भर्ती करने और पाकिस्तान से घुसपैठ और हथियारों की तस्करी का समन्वय करने के लिए जाना जाता है।
टीआरएफ का operational footprint
शेख सज्जाद गुल सर्वोच्च कमांडर के रूप में टीआरएफ का नेतृत्व करते हैं और बासित अहमद डार इसकी शुरुआत में ऑपरेशनल हेड थे। इसके सदस्य बड़ी हत्याओं में शामिल रहे हैं, जिसमें अक्टूबर 2024 में गंदेरबल में गैर-स्थानीय मजदूरों और एक डॉक्टर को निशाना बनाकर किया गया हमला भी शामिल है। जम्मू-कश्मीर पुलिस के अनुसार, 2022 में मारे गए ज़्यादातर आतंकवादी टीआरएफ के थे।
टीआरएफ का आसिफ फौजी कौन है?
माना जाता है कि आसिफ फौजी पहलगाम हत्याकांड का नेतृत्व करने वाला फील्ड कमांडर था। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उसकी पहचान तीन हमलावरों में से एक के रूप में की है – आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबू तल्हा।
पहलगाम हमला कैसे अंजाम दिया गया?
हमले से कुछ दिन पहले ही आतंकवादियों ने कश्मीर में घुसपैठ की थी। उन्होंने छद्मवेश और पारंपरिक पोशाक पहनी थी और पर्यटकों पर एके-47 से गोलियां चलाई थीं। उन्होंने सैन्य-ग्रेड हथियारों और उन्नत संचार उपकरणों का इस्तेमाल किया था, जो पेशेवर प्रशिक्षण और विदेशी समर्थन की ओर इशारा करता है। खुफिया सूत्रों ने कहा कि हमलावरों के डिजिटल पदचिह्न मुजफ्फराबाद और कराची में सुरक्षित घरों में पाए गए थे।
सीमा पार से संकेत
16 अप्रैल को पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर ने धार्मिक मतभेदों को उजागर करते हुए दो-राष्ट्र सिद्धांत का हवाला दिया। 18 अप्रैल को लश्कर के अबू मूसा ने रावलकोट, पीओके में भाषण दिया, जिसमें कश्मीर में जिहाद और खून-खराबे का आह्वान किया गया। इस रैली में आतंकी नेताओं ने हिस्सा लिया और ऐसा प्रतीत होता है कि उन्हें आधिकारिक संरक्षण प्राप्त था। भारतीय खुफिया एजेंसियों का मानना है कि इन भाषणों ने हमले के लिए हरी झंडी दे दी।