
Indian Army retaliates after Pakistan violates ceasefire for the 8th consecutive night along the LOC- Shah Times Report
सीमा पर घात, लेकिन जवाब में संतुलन—भारत की रणनीति सटीक और स्पष्ट
LOC पर पाकिस्तान द्वारा लगातार 8 दिनों से सीजफायर उल्लंघन और भारत की संतुलित सैन्य रणनीति का विश्लेषण। जानिए पहलगाम हमले के बाद भारत-पाक तनाव की पूरी कहानी इस संपादकीय विश्लेषण में।
नियंत्रण रेखा पर फिर तनाव, पर भारत ने दिखाई संतुलित शक्ति
पाकिस्तान की ओर से नियंत्रण रेखा (LoC) पर लगातार आठ दिनों से हो रही गोलीबारी ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह न तो अपने वादों पर कायम रह सकता है और न ही अंतरराष्ट्रीय समझौतों की अहमियत को समझता है। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले के बाद से हालात बिगड़ते गए हैं। उस हमले में 26 लोगों की जान गई, और तभी से सीमा पार तनाव की लपटें तेज़ हो गई हैं।
इस तनाव की सबसे अहम बात यह है कि भारत ने हर उकसावे का जवाब दिया—लेकिन वह जवाब केवल गोली से नहीं, रणनीति और संयम से भी भरा हुआ था।
पाकिस्तान की रणनीति: पुराने फॉर्मूलों की विफल वापसी
सीजफायर उल्लंघन पाकिस्तान की पुरानी नीति रही है—जब-जब आंतरिक दबाव बढ़ता है या वैश्विक मंच पर उसे घेरा जाता है, वह LOC पर तनाव बढ़ाकर ध्यान भटकाने की कोशिश करता है। इस बार भी वही हुआ। पहलगाम हमले के बाद भारत ने जब सिंधु जल संधि को निलंबित किया और अटारी बॉर्डर को बंद किया, तब पाकिस्तान ने सीमा पर गोलीबारी शुरू कर दी।
आठ दिनों तक लगातार की गई यह गोलीबारी इस बात का सबूत है कि पाकिस्तान की ओर से शांति की बातें केवल औपचारिकता हैं, न कि नीयत।
भारत का जवाब: संयम में शक्ति और रणनीति में स्पष्टता
भारतीय सेना की प्रतिक्रिया न केवल प्रभावशाली रही, बल्कि संतुलन से भरपूर भी रही। हर बार गोलीबारी का जवाब सटीक और रणनीतिक रूप से दिया गया—न ज्यादा, न कम। भारत की नीति अब स्पष्ट हो गई है—“उकसावे को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा, पर प्रतिक्रिया विवेकपूर्ण होगी।”
भारत ने केवल सैन्य ताकत ही नहीं दिखाई, बल्कि कूटनीतिक कदमों से भी पाकिस्तान को संदेश दिया—चाहे वह सिंधु जल संधि का निलंबन हो या पाक सैन्य अधिकारी को निष्कासित करना।
आंतरिक मोर्चे पर तैयारी: आतंकवाद विरोधी अभियान तेज
सीमा पर तनाव के साथ-साथ घाटी में आतंकी गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई भी तेज कर दी गई है। पुलवामा, अनंतनाग और शोपियां जैसे क्षेत्रों में सुरक्षा बल सक्रिय रूप से तलाशी अभियान चला रहे हैं। भारत समझ चुका है कि केवल सीमाओं की रक्षा पर्याप्त नहीं, आंतरिक सुरक्षा को भी लगातार मजबूत करना होगा।
कूटनीतिक चेतावनी: डीजीएमओ वार्ता और अंतरराष्ट्रीय संदेश
भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ (Director Generals of Military Operations) के बीच हुई बातचीत में भारत ने साफ शब्दों में चेतावनी दी कि अकारण गोलीबारी बंद की जाए, वरना गंभीर परिणाम होंगे। यह संदेश न केवल पाकिस्तान के लिए था, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए भी था—कि भारत अब केवल रिएक्ट नहीं करता, प्रोएक्ट करता है।
निष्कर्ष: भारत बदल चुका है, नीति भी और प्रतिक्रिया भी
यह लगातार आठ रातें सिर्फ सीजफायर उल्लंघन की नहीं थीं—ये रातें भारत की नई सुरक्षा रणनीति की परीक्षा भी थीं। पाकिस्तान की उकसावे वाली नीति का अब वह असर नहीं रहा, क्योंकि भारत अब कमजोर नहीं दिखना चाहता और न ही केवल प्रतीक्षा करना जानता है।
अब भारत की नीति साफ है—शांति चाहिए तो संवाद करें, पर उकसाया गया तो जवाब भी मिलेगा, वो भी सटीक और संतुलित।