
पाकिस्तान की नाकामी और भारत को दोष देने की राजनीति
पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था की विफलता को छिपाने के लिए भारत पर बेबुनियाद आरोप,
बलूचिस्तान में जाफर एक्सप्रेस के अपहरण के बाद पाकिस्तान ने भारत पर आरोप लगाए। जानिए कैसे बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने 400 यात्रियों को बंधक बनाया और पाकिस्तान की नाकामी पर सवाल उठे।
पाकिस्तान की नापाक चाल: बलूचिस्तान जाफर एक्सप्रेस अपहरण के लिए भारत को ठहराया जिम्मेदार
New Delhi,(Shah Times) International Desk । बलूचिस्तान में जाफर एक्सप्रेस के अपहरण ने पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था की नाकामी को उजागर कर दिया है। विद्रोही संगठन बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने मंगलवार को इस ट्रेन को हाइजैक कर लिया, जिसमें 400 से अधिक यात्री सवार थे। इनमें से कई पाकिस्तानी सैन्यकर्मी भी शामिल थे। इस घटना के बाद पाकिस्तान की सरकार अपनी असफलता को छिपाने के लिए भारत पर आरोप लगाने में जुट गई है।
अपहरण की पूरी घटना
मंगलवार सुबह जाफर एक्सप्रेस पेशावर के लिए रवाना हुई थी। दोपहर 1:30 बजे ट्रेन सिब्बी स्टेशन पहुंचने वाली थी, लेकिन बोलान के माशफाक टनल के पास विद्रोहियों ने इस पर हमला कर दिया।
ट्रेन के रुकते ही बीएलए के लड़ाकों ने यात्रियों को बंधक बना लिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीएलए ने बंधकों के बीच आत्मघाती हमलावरों (Suicide Bombers) को बैठा रखा है, जिन्होंने आत्मघाती जैकेट पहन रखी हैं। इससे पाकिस्तानी सेना के लिए बचाव अभियान चलाना मुश्किल हो गया है।
पाकिस्तानी सरकार की नाकामी
घटना के बाद पाकिस्तान की सेना ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया और अब तक 155 यात्रियों को छुड़ाने में सफलता मिली है। इस दौरान कम से कम 27 विद्रोही मारे गए हैं। बावजूद इसके, पाकिस्तान की सरकार इस मामले को संभालने में विफल रही है।
बीएलए के हमले के पीछे खुफिया नाकामी भी सामने आई है। पाकिस्तानी सेना और आईएसआई को इस हमले की योजना की भनक तक नहीं लगी, जिससे सवाल खड़े हो रहे हैं कि पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियां आखिर कर क्या रही थीं।
भारत पर बेबुनियाद आरोप
अपनी नाकामी छिपाने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के सलाहकार राणा सनाउल्लाह ने भारत पर इस हमले का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, “इसमें कोई शक नहीं है कि भारत बलूच विद्रोहियों की मदद कर रहा है। अफगानिस्तान में उन्हें सुरक्षित पनाह मिली हुई है और वहीं से ये सभी योजनाएं बनाई जा रही हैं।”
सनाउल्लाह ने कहा कि तालिबान की सरकार आने के बाद विद्रोहियों को वित्तीय मदद मिल रही है और वे आसानी से सीमा पार कर हमले को अंजाम दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि बलूच विद्रोही किसी राजनीतिक मकसद के लिए काम नहीं कर रहे, बल्कि उनका एकमात्र उद्देश्य हिंसा और लूटपाट है।
बीएलए का वीडियो जारी
बलूच लिबरेशन आर्मी ने इस हमले का एक वीडियो भी जारी किया है, जिसमें ट्रेन के रुकते ही विद्रोहियों को हथियारों के साथ ट्रेन की ओर बढ़ते हुए देखा जा सकता है। बीएलए के प्रवक्ता ने इस हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि यह पाकिस्तान की सेना की ज्यादती का जवाब है।
बीएलए ने पाकिस्तान की सेना पर अत्याचार और बलूच नागरिकों के मानवाधिकार हनन का आरोप लगाया है। प्रवक्ता ने कहा कि जब तक पाकिस्तान बलूचिस्तान पर कब्जा जारी रखेगा, तब तक ऐसे हमले होते रहेंगे।
पाकिस्तान की सुरक्षा नीति पर सवाल
बलूचिस्तान में लगातार बढ़ती अस्थिरता ने पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पाकिस्तानी सेना की नाकामी और सरकार के भारत पर बेबुनियाद आरोप लगाने से स्थिति और गंभीर हो गई है।
भारत ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे पाकिस्तान की नीतिगत विफलता करार दिया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान को अपनी आंतरिक समस्याओं के लिए भारत को दोषी ठहराने की आदत हो गई है।
बलूचिस्तान में जाफर एक्सप्रेस के अपहरण की घटना पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था की कमजोरी को उजागर करती है। पाकिस्तान की सेना और खुफिया एजेंसियों की नाकामी के बावजूद भारत पर आरोप लगाना पाकिस्तान की कूटनीतिक रणनीति का हिस्सा है। बीएलए के बढ़ते प्रभाव और पाकिस्तान की असफल सुरक्षा नीति से साफ है कि इस क्षेत्र में अस्थिरता और हिंसा का दौर जारी रहेगा।