
Indian Army to get indigenous QR-SAM missile system worth ₹30,000 crore – Strengthening India’s air defence shield | Shah Times
स्वदेशी सुरक्षा की नई उड़ान: भारतीय सेना को मिलेगा अत्याधुनिक QR-SAM एयर डिफेंस सिस्टम
🇮🇳 भारतीय सेना के लिए ₹30,000 करोड़ का QR-SAM मिसाइल सिस्टम जल्द होगा तैनात। स्वदेशी तकनीक की बड़ी कामयाबी। पढ़ें Shah Times पर पूरी रिपोर्ट।
🔰 आत्मनिर्भर भारत की मिसाइल शक्ति का नया अध्याय
भारतीय सेना और वायुसेना को जल्द ही एक अत्याधुनिक और पूरी तरह से स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम मिलने जा रहा है – क्यूआर-एसएएम (QR-SAM: Quick Reaction Surface to Air Missile)। यह सिर्फ एक रक्षा उपकरण नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की रक्षा नीति का मजबूत प्रतीक है। 30,000 करोड़ रुपये की इस प्रस्तावित डील को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई में अंतिम स्वीकृति मिलने की उम्मीद है।
🚀 क्या है QR-SAM सिस्टम?
QR-SAM एक शॉर्ट-रेंज एयर डिफेंस सिस्टम है जो 25 से 30 किलोमीटर की दूरी तक दुश्मन के लड़ाकू विमानों, हेलीकॉप्टरों और ड्रोन को नष्ट करने में सक्षम है। यह एक साथ कई लक्ष्यों को ट्रैक कर सकता है और स्वचालित फायरिंग फैसले ले सकता है। इसकी यह क्षमता इसे युद्धक्षेत्र में बेहद प्रभावशाली बनाती है।
🛡 ऑपरेशन सिंदूर के बाद की बड़ी छलांग
QR-SAM सिस्टम की आवश्यकता उस समय और स्पष्ट हो गई जब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान द्वारा भेजे गए तुर्की मूल के ड्रोन और चीनी मिसाइलों को रोकने में भारतीय सेना ने असाधारण दक्षता दिखाई। यह प्रणाली भविष्य में दुश्मन की किसी भी हवाई घुसपैठ को तत्काल, सटीक और घातक जवाब देने में समर्थ होगी।
🔍 परीक्षणों में सफल, अब तैनाती की तैयारी
QR-SAM को DRDO, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और भारत डायनामिक्स लिमिटेड ने मिलकर बनाया है। पिछले चार वर्षों में इसका कई बार परीक्षण किया गया और हर बार इसने हर चुनौती पर खरा उतरकर यह साबित किया कि भारत अब सिर्फ रक्षा उपकरण आयातक नहीं, एक सक्षम निर्माता भी है।
🚛 कहीं से भी फायर, कहीं भी सुरक्षा
QR-SAM की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे किसी भी प्लेटफॉर्म से लॉन्च किया जा सकता है – ट्रक, बंकर या मोबाइल यूनिट। यह इसे लचीला और तेजी से प्रतिक्रिया देने वाला सिस्टम बनाता है, खासकर युद्धभूमि के लिए।
🧩 मौजूदा रक्षा ढांचे में मजबूती
QR-SAM के आने से भारत की वायु रक्षा प्रणाली और मज़बूत होगी, जिसमें पहले से ही लंबी दूरी की S-400 ट्रायम्फ (रेंज 380 किमी), बराक-8 (रेंज 70 किमी), इगला-एस (रेंज 6 किमी) और एल-70 एंटी एयरक्राफ्ट गन (रेंज 3.5 किमी) शामिल हैं।
🔮 भविष्य की योजना: प्रोजेक्ट ‘कुशा’
QR-SAM अभी की आवश्यकता है, लेकिन भविष्य की तैयारी के रूप में DRDO ‘प्रोजेक्ट कुशा’ के तहत 350 किमी रेंज की नई वायु रक्षा प्रणाली पर काम कर रहा है, जिसे 2028-2029 तक सेना में शामिल करने की योजना है। यह गेम-चेंजर प्रोजेक्ट भारत की वैश्विक रक्षा स्थिति को और अधिक मजबूत करेगा।
🔖 आत्मनिर्भरता की रक्षा चक्रव्यूह
QR-SAM न केवल भारत की रक्षा क्षमता को उन्नत करता है, बल्कि यह देश की तकनीकी आत्मनिर्भरता, वैज्ञानिक क्षमता और वैश्विक स्तर पर रणनीतिक प्रतिष्ठा का भी प्रतीक है। यह डील न सिर्फ एक हथियार प्रणाली की खरीद है, बल्कि यह भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता का घोषणा पत्र है।