
लोकतंत्र बचाओ रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि ये दिल्ली वाले जानते हैं कि ये दिल्ली का सुप्रसिद्ध रामलीला मैदान है। यहाँ बचपन से मैं आ रही हूँ। हर साल दशहरे के दिन यहाँ इसी मैदान में रावण के पुतले का दहन होता है।उन्होंने कहा कि मैं छोटी सी थी तो अपनी दादी इंदिरा जी के साथ आती थी तो पैरों के पास जमीन पर बैठकर देखती थी।
नई दिल्ली,(Shah Times)।लोकतंत्र बचाओ रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि ये दिल्ली वाले जानते हैं कि ये दिल्ली का सुप्रसिद्ध रामलीला मैदान है। यहाँ बचपन से मैं आ रही हूँ। हर साल दशहरे के दिन यहाँ इसी मैदान में रावण के पुतले का दहन होता है।उन्होंने कहा कि मैं छोटी सी थी तो अपनी दादी इंदिरा जी के साथ आती थी तो पैरों के पास जमीन पर बैठकर देखती थी।
उन्होंने हमारे देश की हजारों वर्ष प्राचीन गाथा–जो रामायण है, राम का जीवन है–उनकी जीवनगाथा मुझे सुनाईं। आज जो सत्ता में हैं अपने आप को राम भक्त कहलाते हैं, इस लिए मुझे लगा कि मुझे इस पर कुछ कहना चाहिए। मुझे लगता है कि वे कर्मकांड में उलझ गए हैं–मुझे लगता है कि वे दिखावे में लिप्त हो चुके हैं। इस लिए मैं उन्हें याद दिलाना चाहती हूँ कि वो हजारों वर्ष पुरानी गाथा क्या थी और उसका सन्देश क्या था। भगवान राम जब सत्य के लिए लड़े, उनके पास सत्ता नहीं थी। भगवान राम जब सत्य के लिए लड़े, उनके पास संसाधन नहीं थे–उनके पास तो रथ भी नहीं था। रथ रावण के पास था, संसाधन रावण के पास थे, सेना रावण के पास थी, सोना रावण के पास था–वो तो सोने की लंका में रहता था।भगवान राम के पास सत्य था–आशा थी–आस्था थी–प्रेम था–परोपकार था–विनय था–धीरज था और साहस था। भगवान राम के पास सत्य था।
सत्ता में बैठे हुए सरकार के जितने भी सदस्य हैं और अपने प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी को याद दिलाना चाहती हूँ कि भगवान राम के जीवन-गाथा का क्या सन्देश था।सत्ता सदैव नहीं रहती, सत्ता आती है,सत्ता जाती है,अहंकार चूर-चूर होता है एक दिन,यही सन्देश था भगवान राम के जीवन का।
प्रियंका गांधी के जोरदार भाषण की खूब चर्चा रही यहाँ यह बात बतानी अति आवश्यक है कि रैली में आई अपार भीड़ इस बात की दलील दे रही थी कि मोदी के लिए सब कुछ ठीक नहीं है सत्ता बचाने के लिए वह फड़फड़ा रहे है लेकिन झूठ पर आधारित पिछले दस सालों की सत्ता डगमगा रही है यही वजह है कि चाहे नीतीश कुमार के पैरों पर झुकना पड़े या जयंत चौधरी के दादा को मरणोपरांत भारत का सर्वोच्च पुरुस्कार ही क्यों ना देना पड़े इसके बाद भी अगर सत्ता वापसी ना होना सुनिश्चित हो रही हो तो झारखंड के मुख्यमंत्री रहे हेमंत सोरेन पर दबाव बनाया जाए कि एनडीए का हिस्सा बनो नहीं बने तो जेल में डाल दो यही दिल्ली में किया कि इंडिया गठबंधन का हिस्सा क्यों बने चलों जेल भेज दो यही सब हालात यह इशारा कर रहे है कि मोदी सरकार की वापसी नहीं होने जा रही है यहाँ यह भी बताना उचित है कि भाजपा को यहाँ तक पहुंचाने में क्षेत्रीय दलों का बड़ा योगदान है कांग्रेस को कमज़ोर करने के चक्कर में इतने अंधे हो गए कि यही नहीं देखा कि किस विचारधारा को साथ ले रहे है जिस विचारधारा का रंग बदलने में गिरगिट भी पीछे छूट जाता है।
युवाओं को रोजगार चाहिए महिलाओं को मंहगाई से छुटकारा चाहिए देश को मजबूत करने के लिए अच्छी अर्थव्यवस्था और दमदार विदेश नीति चाहिए इन सब विषयों पर मोदी सरकार बात नहीं करती हैं आखिर क्या वजह है कि मोदी सरकार इन विषयों पर गंभीरतापूर्वक विचार ही नहीं करती हैं बस हिन्दू मुसलमान करके चुनाव जीतना मकसद है, इससे देश की जनता को सावधान रहने की और होने की जरूरत है।