
Visuals from Israel after Iran’s missile attack – Smoke, panic and rescue operations in Haifa and Tel Aviv | Shah Times
ईरान-इजरायल संघर्ष: हाइफा से तेल अवीव तक ईरानी मिसाइलों की तबाही, रेड अलर्ट में पूरा देश
आग और आक्रोश के बीच घिरा पश्चिम एशिया
ईरान ने इजरायल पर बैलिस्टिक मिसाइलों की बारिश कर दी, जिससे हाइफा से लेकर तेल अवीव तक तबाही फैल गई है। रेड अलर्ट, घायल नागरिक, और बढ़ते तनाव के बीच भारत भी सतर्क। पढ़ें पूरा विश्लेषण Shah Times पर।
फिर छिड़ा विनाश का खेल
मध्य पूर्व में अशांति की नई लहर उठ चुकी है। एक बार फिर, ईरान और इजरायल के बीच के तनाव ने खतरनाक मोड़ ले लिया है। ईरान ने सीधे तौर पर इजरायल पर बैलिस्टिक मिसाइलों की बारिश कर दी, जिससे उत्तर में हाइफा से लेकर दक्षिण में ईलात तक पूरे देश में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया। एयर सायरन, तबाही की तस्वीरें, घायल नागरिक और जलते घर – यह सब इस टकराव के गंभीर परिणाम हैं।
हमले की शुरुआत: एक सुनियोजित जवाब?
ईरानी मीडिया के मुताबिक, यह हमला इजरायल द्वारा तेहरान में ईरान के खुफिया प्रमुख मोहम्मद काज़मी को निशाना बनाकर किए गए हवाई हमले का जवाब है। प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने फॉक्स न्यूज़ को दिए साक्षात्कार में इस ऑपरेशन को “रणनीतिक ज़रूरत” बताया। नेतन्याहू ने दावा किया कि उनके पायलट तेहरान के ऊपर मंडरा रहे थे और परमाणु स्थलों समेत सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया।
रेड अलर्ट की स्थिति: नागरिकों से अपील
इजरायल की होम फ्रंट कमांड ने तुरंत पूरे देश में रेड अलर्ट जारी किया। हाइफा, तेल अवीव, यरुशलम, बेयर शेवा, बैट याम, तमरा, ईलात और अन्य शहरों में लगातार सायरन गूंजते रहे। नागरिकों से अपील की गई कि वे बंकरों में चले जाएं, सतर्क रहें और अफवाहों से बचें।
तबाही की तस्वीरें: हमले का मानवीय पहलू
ईरानी मिसाइलों ने इजरायल में गहरी तबाही मचाई। ‘द टाइम्स ऑफ इजरायल’ के अनुसार, बैट याम में अब तक 20 से अधिक लोगों का कोई सुराग नहीं मिला है। इजरायली रक्षा बलों (IDF) ने पुष्टि की है कि बचाव अभियान ज़ोरों पर चल रहा है। कई शहरों में राहत और पुनर्वास टीमें तैनात कर दी गई हैं।
इजरायल के राष्ट्रपति इसहाक हर्जोग ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर अपने संदेश में हमलों को “बहुत दुखद और मुश्किल सुबह” बताया और सभी पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की।
मौत और तबाही का आंकड़ा: मानवता पर वार
इन हमलों में अब तक कम से कम 10 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है जबकि 200 से अधिक घायल हुए हैं। इजरायल के अस्पतालों में घायलों का इलाज जारी है:
- वोल्फसन मेडिकल सेंटर, होलोन – 65 मरीज (5 गंभीर)
- शमीर मेडिकल सेंटर, बी’एर याकोव – 28 मरीज (1 गंभीर)
- शेबा मेडिकल सेंटर, तेल हाशोमर – 37 मरीज
- असुता मेडिकल सेंटर, अशदोद – 5 मरीज (1 गंभीर)
इसके अलावा कई लोग मानसिक तनाव (anxiety) और सदमे की स्थिति में हैं। यह हमले केवल बम और मिसाइलों तक सीमित नहीं हैं – यह नागरिकों की मानसिक स्थिति पर भी घाव छोड़ रहे हैं।
भारतीय दृष्टिकोण: दूतावास की सक्रियता
तेहरान में भारतीय दूतावास स्थिति पर लगातार निगरानी रख रहा है। दूतावास ने वहां रह रहे भारतीय छात्रों और नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया है और परामर्श जारी किए हैं। कुछ छात्रों को विशेष सहायता देकर ईरान के भीतर सुरक्षित ज़ोन में स्थानांतरित किया गया है।
यह भारत की विदेश नीति की परिपक्वता और मानवीय दृष्टिकोण को दर्शाता है।
भविष्य की आशंका: क्या यह युद्ध में बदलेगा?
विश्लेषकों का मानना है कि अगर यह सिलसिला यूं ही चलता रहा, तो यह संघर्ष एक पूर्ण युद्ध का रूप ले सकता है। इजरायल के सैन्य बयान और ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड की चेतावनियाँ यह दर्शाती हैं कि आग अभी और भड़केगी।
ईरान की ओर से ये भी चेतावनी दी गई है कि अगर इजरायल आगे बढ़ा, तो वह ‘बिना चेतावनी’ जवाब देगा। वहीं इजरायल ने संकेत दिया है कि अगर उसकी संप्रभुता पर हमला हुआ, तो वह परमाणु विकल्प पर भी विचार कर सकता है – जो कि पूरी मानवता के लिए खतरे की घंटी है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
- संयुक्त राष्ट्र ने आपात बैठक बुलाने की घोषणा की है।
- अमेरिका ने इजरायल के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया है, लेकिन संयम की अपील भी की है।
- रूस और चीन ने इस संघर्ष को ‘आग से खेलना’ बताया है।
- संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब और अन्य इस्लामी देश अपनी रणनीति पर विचार कर रहे हैं।
समझदारी की जरूरत: युद्ध नहीं, संवाद
विशेषज्ञ मानते हैं कि अब वक्त है राजनयिक पहल का। युद्ध न तो किसी के हित में है, न मानवता के। पश्चिम एशिया एक बार फिर अशांति के दलदल में फंस रहा है, जहां तेल, शक्ति और धार्मिक वर्चस्व की लड़ाई आम नागरिकों की ज़िंदगी निगल रही है।
मीडिया की भूमिका: अफवाह नहीं, तथ्य दें
वर्तमान समय में मीडिया का दायित्व और अधिक बढ़ गया है। सोशल मीडिया पर वायरल होती असत्य खबरें और भ्रामक वीडियो स्थिति को और बिगाड़ सकते हैं। ऐसे में हर समाचार संगठन और सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म की जिम्मेदारी है कि वे प्रमाणिक जानकारी साझा करें।
भारत की भूमिका: संतुलन और शांति का संदेश
भारत की विदेश नीति पारंपरिक रूप से गुटनिरपेक्षता और कूटनीतिक संवाद पर आधारित रही है। भारत ईरान और इजरायल दोनों के साथ संबंध रखता है। ऐसे में भारत की भूमिका क्षेत्रीय संतुलन बनाने और वैश्विक शांति के लिए आवाज़ उठाने की हो सकती है।
समाधान युद्ध नहीं, सहमति है
ईरान और इजरायल के बीच इस बढ़ते तनाव ने दुनिया को चेतावनी दी है कि यदि समय रहते शांति का मार्ग नहीं अपनाया गया, तो परिणाम भयावह हो सकते हैं। युद्ध में कोई विजेता नहीं होता, और हर मिसाइल का लक्ष्य केवल इमारतें नहीं, बल्कि इंसानियत होती है।