
सेना में भर्ती करने के नाम पर वसूलता था मोटी रकम
एसटीएफ ने आर्मी इंटेलिजेंस की सहायता से धरदबोचा
मेरठ। भारतीय सेना (Indian Army) से चालक पद से रिटायर दसवीं फेल सत्यपाल सिंह (Satyapal Singh) बन बैठा कर्नल यह बात आपको नामुमकिन लग रही होगी लेकिन भारतीय सेना (Indian Army) से 2003 में चालक पद से रिटायर हुआ नायक एम्टी सत्यपाल ने इस नामुमकिन को मुमकिन कर दिखाया यह अलग बात है की सत्यपाल सिंह (Satyapal Singh) ने यह कारनामा फर्जी तरीके से धोखाधड़ी करने के लिए किया और अपने इस कारनामे के कारण सत्यपाल आज एसटीएफ के शिकंजे में है।
मामला यह है कि सेना में भर्ती के नाम पर धोखाधड़ी कर मोटी रकम वसूलने के लिए दसवीं फेल रिटायर्ड नायक सत्यपाल सिंह (Satyapal Singh) नकली कर्नल बनकर बेरोजगार युवाओं को सेना में भर्ती के नाम पर धोखाधड़ी कर रहा था और इस धोखाधड़ी में कदम से कदम मिलाकर साथ दे रहा था इसका बेटा रजत। पिता पुत्र के साथ अन्य और भी नाम जल्दी सामने आने की उम्मीद है।
गंगानगर (Ganganagar) थाना क्षेत्र के कसेरू बक्सर में रहने वाला रिटायर्ड आर्मी चालक सत्यपाल सिंह (Satyapal Singh) को आर्मी इंटेलिजेंस के इनपुट पर एसटीएफ मेरठ (STF Meerut) ने सोमवार को गिरफ्तार किया सत्यपाल सिंह 1985 (Satyapal Singh 1985) में सेना में भर्ती हुआ था और वर्ष 2003 में ड्राइवर के पद से रिटायर हुआ था सत्यपाल सिंह (Satyapal Singh) दसवीं फेल है सत्यपाल सिंह सेना में अधिकारी की गाड़ी पर ड्राइवर था जिससे उसने अधिकारियों के रहन-सहन वह बोलचाल आदि के ज्यादातर तौर तरीके सीख लिए थे इतना ही नहीं सत्यपाल सिंह जिस अधिकारी के यहां चालक था उस अधिकारी के नाम की ही नेम प्लेट इसने बनवा रखी थी और इस नाम से ही भोले भाले युवकों को सेना में भर्ती करने के नाम पर मोटी रकम ऐड़ता था।
पैसे लेकर देता था फर्जी जॉइनिंग लेटर
दसवीं फेल सत्यपाल सिंह इतने शातिर तरीके से कार्य करता था कि किसी को कोई शक ना हो पहले वह भोले भाले युवकों से मोटी रकम हडपता था उसके बाद उन्हें सेना में भर्ती के नाम पर फर्जी जॉइनिंग लेटर देता था सत्यपाल सिंह यह काम लगभग पिछले एक दशक से कर रहा था
पहले भी हो चुका है मुकदमा दर्ज
इसी धोखाधड़ी के मामले में 2019 में भी इंचौली थाने में इसके व इसके पुत्र रजत के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था परंतु मुकदमा दर्ज होने के बाद भी इनके हौसले बुलंद रहे और इन्होंने अपने गिरोह को और बड़ा किया और तब से ही भोले भाले बेरोजगार नौजवानों को ठग रहे थे।
बेटा रजत बनाता था फर्जी जॉइनिंग लेटर
सत्यपाल के इस धोखाधड़ी में इसका साथ देता था बेटा रजत लिखाई पढ़ाई से सारे संबंधित कार्य जैसे लैपटॉप पर जॉइनिंग लेटर बनाना, अपने पिता का नकली आईडी बनाना रजत ही करता था।
गिरफ्त में कैसे आया नकली कर्नल सत्यपाल
सत्यपाल सिंह पिछले एक दशक से भोले भाले बेरोजगार नौजवानों को अपना शिकार बना रहा था। ताजा मामला मई 2023 का है जब सत्यपाल सिंह ने सेना के ग्रुप डी में डायरेक्ट भर्ती कराने के नाम पर बुलंदशहर के रहने वाले सुनील और उसकी बहन से 16 लाख रुपए हड़प लिए और उन्हें सेना में भर्ती करने का झांसा दिया लगभग 2 साल तक टरकाने के बाद मई 2023 मे इन्हें जॉइनिंग लेटर भी दे दिया गया और जब दोनों बहन- भाई रिक्रूटमेंट ऑफिस लखनऊ कैंट में जॉइनिंग के लिए पहुंचे तो वहां उनके होश फाख्ता हो गए क्योंकि जो लेटर उन्हें दिया गया था वह फर्जी था और इस लेटर के आधार पर ही सत्यपाल सिंह की धोखाधड़ी का खुलासा हुआ और जब से ही आर्मी इंटेलिजेंस सत्यपाल सिंह के गिरोह पर नजर रखे हुए था और सोमवार को उसे गिरफ्तार किया गया।
क्या-क्या बरामद हुआ
सत्यपाल सिंह के पास से पांच जॉइनिंग लेटर, भारतीय सेना के कर्नल की एक ड्रेस, कर्नल के नाम का फर्जी पहचान पत्र, आर्मी कर्नल का फर्जी आई कार्ड आर्मी मेजर का फर्जी आई कार्ड स्टांप पेपर, रेवेन्यू टिकट, एक प्रिंटर
बेटे रजत व अन्य की गिरफ्तारी के लिए कसा शिकंजा
सतपाल की एक गिरफ्तारी के बाद इसका बेटा रजत व अन्य फरार हो गई है जिनकी तलाश जारी है जिन्हें कभी भी गिरफ्तार किया जा सकता है। इनकी गिरफ्तारी के पश्चात ही पता चलेगा कि इस ग्रह में और कितने सदस्य काम कर रहे थे।
अपने अधिकारी के नाम पर करता था फर्जीवाड़ा
दसवीं फेल सत्यपाल का दिमाग इतना तेज चलता था कि वह नकली कर्नल की वर्दी पर अपना नाम नहीं अपने अधिकारी डीएस चौहान के नाम की नेम प्लेट लगता था।
कर्नल डीएस चौहान के गाड़ी पर ही नियुक्ति थी नायक सत्यपाल सिंह ।
पैरालिसिस होने के बाद भी करता रहा धोखाधड़ी
सेना से ड्राइवर के पद पर रिटायरमेंट होने के बाद सत्यपाल सिंह (Satyapal Singh) को पैरालिसिस का अटैक आया था जिसमें उसे शारीरिक हानि भी हुई थी परंतु इस पैरालिसिस में भी उसके शातिर दिमाग ने फर्जीवाड़ा करना नहीं छोड़ा और कुछ स्वस्थ होने के बाद दोबारा नौजवानों को आर्मी में भर्ती होने का सपना दिखाता रहा और पैसे हडपता रहा।