
A symbolic image showing foreign investors exploring real estate opportunities in Saudi Arabia after new property ownership law
भारतीयों को राहत: सऊदी अरब में रियल एस्टेट की छूट
सऊदी अरब में विदेशी निवेश के लिए खुले रियल एस्टेट
सऊदी अरब ने विदेशी नागरिकों को प्रॉपर्टी खरीदने की मंज़ूरी दी है। जानिए नए क़ानून के प्रावधान, नियम, शर्तें और भारतीयों पर इसका क्या असर होगा।
सऊदी अरब में अब विदेशी नागरिक भी प्रॉपर्टी खरीद सकेंगे। 25 जुलाई को ‘उम्म अल-क़ुरा गजट’ में प्रकाशित नए कानून के मुताबिक, विदेशियों को अब सीमित क्षेत्रों में रियल एस्टेट पर स्वामित्व का अधिकार मिलेगा। इस बदलाव का असर भारतीयों समेत दुनिया भर के निवेशकों पर पड़ेगा।
🌍 भूमिका: सऊदी अरब का ऐतिहासिक क़दम
सऊदी अरब ने हाल ही में विदेशी नागरिकों को अपने देश में प्रॉपर्टी खरीदने की अनुमति देकर अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के लिए बड़ा दरवाज़ा खोल दिया है। यह कदम न केवल सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था के विविधीकरण की दिशा में एक निर्णायक पहल है, बल्कि भारत समेत उन तमाम देशों के नागरिकों के लिए भी अवसर बनकर आया है, जो खाड़ी देशों में रहकर काम कर रहे हैं या निवेश के इच्छुक हैं।
🏘️ क्या कहता है नया क़ानून
25 जुलाई को सऊदी अरब की आधिकारिक गजट ‘उम्म अल-क़ुरा’ में प्रकाशित इस क़ानून को अगले 180 दिनों के भीतर लागू कर दिया जाएगा। इसके तहत:
विदेशी व्यक्ति, कंपनियां, गैर-लाभकारी संगठन और निवेश संस्थाएं अब सऊदी में रियल एस्टेट खरीद सकती हैं।
उन्हें प्रॉपर्टी पर मालिकाना हक, लीज, उपभोग अधिकार जैसे कई अधिकार मिलेंगे।
यह अधिकार भू-भाग, प्रॉपर्टी के प्रकार और उपयोगिता के आधार पर सीमित होंगे।
📌 किन्हें मिलेगा अधिकार, और किन शर्तों के साथ
नया कानून विभिन्न श्रेणियों में विदेशी निवेशकों को शामिल करता है:
विदेशी व्यक्ति – कानूनी रूप से सऊदी अरब में रह रहे विदेशी निवासी एक निजी रेज़िडेंशियल प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं, बशर्ते वह प्रतिबंधित क्षेत्रों से बाहर हो।
गैर-सूचीबद्ध विदेशी कंपनियां – जिन्हें सऊदी में ऑपरेशन की अनुमति है, वे अपने संचालन, आवासीय और कर्मचारियों के उपयोग हेतु संपत्ति खरीद सकती हैं।
निवेश फंड व SPVs – विशेष प्रयोजन वाली संस्थाएं भी संपत्ति अर्जित कर सकती हैं।
राजनयिक मिशन – संयुक्त राष्ट्र या अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों को विदेश मंत्रालय की मंज़ूरी के बाद संपत्ति खरीदने की अनुमति दी जाएगी।
आज का शाह टाइम्स ई-पेपर डाउनलोड करें और पढ़ें
🕋 क्या मक्का और मदीना में भी खरीदी जा सकेगी संपत्ति?
नए नियमों के अनुसार, मक्का और मदीना जैसे पवित्र शहरों में भी कुछ विशेष स्थितियों में संपत्ति खरीदी जा सकती है, लेकिन:
केवल मुसलमानों को ही वहां संपत्ति खरीदने की अनुमति होगी।
इन शहरों में संपत्ति खरीदने के लिए कठोर नियम और शर्तें लागू होंगी।
पहली बार खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) के सदस्य देशों को भी संपत्ति स्वामित्व की अनुमति दी गई है।
⚖️ सरकार तय करेगी भू-भाग और सीमा
नए कानून के तहत:
कौन से भौगोलिक क्षेत्र विदेशी स्वामित्व के लिए खोले जाएंगे, यह सऊदी सरकार तय करेगी।
मालिकाना अधिकार की सीमा, यानी एक विदेशी कितनी संपत्ति रख सकता है, यह भी सरकार द्वारा निर्देशित होगा।
उपयोग की अवधि (lease duration), ट्रांसफर और रेजिस्ट्रेशन के नियम अलग-अलग क्षेत्र और प्रॉपर्टी के प्रकार पर निर्भर होंगे।
📝 रजिस्ट्रेशन और टैक्स व्यवस्था
प्रॉपर्टी खरीदने से पहले विदेशी नागरिकों को:
संबंधित रियल एस्टेट प्राधिकरण के साथ पंजीकरण कराना होगा।
रजिस्ट्रेशन के बिना प्रॉपर्टी का मालिकाना हक़ मान्य नहीं होगा।
5% तक की ट्रांसफर फीस विदेशी खरीदारों से वसूली जाएगी।
🚫 कानून उल्लंघन पर होगी सख्त कार्रवाई
यदि कोई व्यक्ति झूठी जानकारी देकर या ग़लत तरीकों से संपत्ति प्राप्त करता है, तो:
उसे एक करोड़ सऊदी रियाल तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है।
संपत्ति ज़ब्त की जा सकती है और उसकी बिक्री से प्राप्त राशि राज्य के खाते में जाएगी।
एक विशेष प्रवर्तन समिति उल्लंघनों की जांच करेगी और उसके निर्णयों के विरुद्ध 60 दिनों में अदालत में अपील की जा सकेगी।
📈 भारत के लिए क्या मायने रखता है यह कानून?
भारत दुनिया के सबसे बड़े प्रवासी समुदायों में से एक है जो खाड़ी देशों में कार्यरत है। लगभग 25 लाख भारतीय सऊदी अरब में रहते हैं। इस संदर्भ में:
निवासियों को घर खरीदने में सहूलियत होगी।
भारतीय कंपनियों को अब वहां रियल एस्टेट निवेश का अवसर मिलेगा।
विदेश में प्रॉपर्टी स्वामित्व का सपना अब भारतीयों के लिए भी साकार हो सकेगा।
📜 पुराने कानून का अंत और नए युग की शुरुआत
यह नया कानून 2000 के शाही आदेश संख्या M/15 को निरस्त करता है, जो विदेशी स्वामित्व को सीमित करता था। अब विदेशी नागरिकों के लिए एक आधुनिक, नियंत्रित लेकिन खुला ढांचा प्रदान किया गया है।
🛠️ कैसे लागू होगा यह कानून?
कार्यकारी नियमों की घोषणा इस महीने की शुरुआत में की गई है।
अगले 6 महीनों के भीतर यह कानून प्रभाव में आ जाएगा।
तब तक विदेशी नागरिक पंजीकरण और आवश्यक मंज़ूरियों की प्रक्रिया को समझकर आगे की योजना बना सकते हैं।
🤝 एक वैश्विक निवेश गंतव्य के रूप में सऊदी अरब
सऊदी अरब का यह निर्णय विश्व निवेश मानचित्र पर उसे एक लुभावने गंतव्य के रूप में स्थापित करता है। विदेशी निवेशकों के लिए यह एक सुनहरा अवसर है, जिसमें वे एक मजबूत कानूनी ढांचे के तहत रियल एस्टेट में भागीदारी कर सकते हैं।
भारत जैसे देशों के लिए यह नीति न केवल प्रवासी नागरिकों के हित में है, बल्कि द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को और मज़बूत भी करेगी।
क्या आप भी सऊदी अरब में प्रॉपर्टी निवेश की सोच रहे हैं? इस नए कानून से जुड़े हर अपडेट के लिए हमारे साथ बने रहें। पोस्ट को शेयर करें और अपनी राय कमेंट में ज़रूर दें। #SaudiArabNews #NRIInvestment #GlobalPolicy






