वेस्टजेट ने रखरखाव कर्मचारी संघ की हड़ताल की घोषणा के बाद 407 फ्लाइटें रद्द कर दीं। इसके बाद हवाई यात्रियों में हलचल मच गई। अचानक उड़ानें रद्द होने से यात्री अपनी मंजिल तक नहीं पहुंच सके।
Ottawa,( Shah Times)। कनाडा की दूसरी सबसे बड़ी विमानन कंपनी ‘वेस्टजेट’ के कर्मचारियों की हड़ताल से हाहाकार मच गया है। दरअसल वेस्टजेट ने रखरखाव कर्मचारी संघ की हड़ताल की घोषणा के बाद 407 फ्लाइटें रद्द कर दीं। इसके बाद हवाई यात्रियों में हलचल मच गई। अचानक उड़ानें रद्द होने से यात्री अपनी मंजिल तक नहीं पहुंच सके। इससे उनकी यात्रा की पूरी प्लानिंग फेल हो गई। बताया जा रहा है कि इस हड़ताल की वजह से 49,000 यात्री प्रभावित हुए है।
एयरक्राफ्ट मैकेनिक्स फ्रेटरनल एसोसिएशन ने जानकारी देते हुए कहा कि उसके सदस्यों ने शुक्रवार शाम हड़ताल शुरू कर दी थी। वेस्टजेट के अध्यक्ष डिडेरिक पेन के एक बयान में कहा गया कि कंपनी हस्तक्षेप के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और एक स्थिर नेटवर्क बनाने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रही है। वहीं, एयरलाइन के सीईओ एलेक्सिस वॉन होन्सब्रोच ने इस स्थिति के लिए सीधे तौर पर अमेरिका के एक संघ पर आरोप लगाया है। जो कनाडा में पैठ पसंद बनाने की कोशिश कर रहा था। वॉन ने कहा कि सरकार की मध्यस्थता के बाद यूनियन के साथ समझौता हो गया था, लेकिन फिर भी स्थिति बदल गई।
दरअसल, गुरुवार को सरकार ने मध्यस्थता के लिए एक आदेश जारी किया था। इसके बाद अचानक हड़ताल के ऐलान से अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उड़ानें प्रभावित होने लगीं। वेस्टजेट ने कहा कि वह सोमवार को कनाडा दिवस पर खत्म होने वाले लंबे वीकेंड के लिए रविवार तक विमान पार्क किया गया। एयरलाइन के पास लगभग 200 विमान हैं और उनका कहना है कि रविवार शाम तक लगभग 30 का संचालन किया गया था।
एयरक्राफ्ट मैकेनिक्स फ्रेटरनल एसोसिएशन ने मामले की जानकारी देते हुए बताया है कि एयरलाइन की बातचीत करने की अनिच्छा के कारण यूनियन के सदस्यों ने शुक्रवार शाम को हड़ताल शुरू कर दी थी। जिसके बाद कनाडा दिवस अवकाश सप्ताह के दौरान हवाई यात्रा प्रभावित होने से यात्रियों का काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हड़ताल को रोकने के लिए कोशिशें की थीं लेकिन वह सफल नहीं हो सके। वहीं, एलेक्सिस वॉन ने कहा कि यूनियन ने एक कॉन्ट्रेक्ट प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया, जिसने वेस्टजेट के मैकेनिकों को देश में सबसे अधिक वेतन पाने वाला बना दिया होता। उन्होंने यात्रियों को होने वाली किसी भी असुविधा के लिए खेद व्यक्त किया है।