एक बार फिर टली सुनीता विलियम्स की पृथ्वी पर वापसी

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भारतीय मूल के अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से धरती पर वापसी की तारीख एक बार फिर टल गई है। अब विलियम्स की वापसी 26 जून तक के लिए टाल दी गई है। बोइंग के स्टारलाइनर कैप्सूल में थ्रस्टर संबंधी समस्याओं और एक निर्धारित स्पेसवॉक के कारण इसे टाला गया है।

~Neelam Saini

New Delhi ,(Shah Times) । भारतीय मूल की एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से पृथ्वी पर आने की तिथि एक बार फिर आगे बढ़ा दी गई है। अब विलियम्स की वापसी 26 जून तक टल गई है। बोइंग के स्टारलाइनर कैप्सूल में थ्रस्टर से जुड़े इश्यू और शेड्यूल्ड स्पेसवॉक के कारण इसे टाला गया है।

यह तीसरी बार है जब विलियम्स और विल्मोर की वापसी को आगे बढ़ाया गया है। पहली घोषणा 9 जून को की गई थी, जिसमें बताया गया था कि लैंडिंग को 18 जून तक आगे बढ़ाया जा रहा है। इसके बाद वापसी को बढ़ाकर 22 जून किया गया। दोनों एस्ट्रोनॉट स्टारलाइनर कैप्सूल और उसके सब सिस्टम की टेस्टिंग के लिए करीब एक हफ्ते तक स्पेस स्टेशन में रहने वाले थे।

आपको बता दें कि बोइंग का स्टारलाइनर मिशन बुधवार 5 जून की रात करीब साढ़े 8 बजे लॉन्च हुआ था। फ्लोरिडा के केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन से ULA के एटलस V रॉकेट से लॉन्च किया गया था। स्पेसक्राफ्ट अगले दिन यानी, 6 जून को रात 11बजकर 3 मिनट पर ISS पहुंचा था जबकि इसे रात 9 बजकर 45 मिनट पर पहुंचना था, लेकिन रिएक्शन कंट्रोल थ्रस्टर में परेशानी आ गई थी।

नासा के कॉमर्शियल क्रू प्रोग्राम के मैनेजर स्टीव स्टिच ने कहा कि स्टारलाइनर के 28 रिएक्शन कंट्रोल थ्रस्टर्स में से पांच 6 जून को आईएसएस पहुंचने के फाइनल फेज में फेल हो गए थे, हालांकि उनमें से चार बाद में ऑनलाइन वापस आ गए। जो हुआ उसका मूल्यांकन जारी है।

मिशन को 7 मई को सुबह 8 बजे फ्लोरिडा के केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन से लॉन्च किया जाना था। लेकिन टीम को ULA के एटलस V रॉकेट की सेकेंड स्टेज में ऑक्सीजन रिलीफ वॉल्व आई किसी तकनीकी खराबी के कारण ऐसे में टीम ने मिशन लॉन्च से 2 घंटे पहले टालने का फैसला लिया था। दूसरी बार इसे 1 जून को लॉन्च करने की कोशिश की गई, लेकिन ग्राउंड लॉन्च सीक्वेंसर ने लिफ्टऑफ से 3 मिनट 50 सेकंड पहले काउंटडाउन क्लॉक को ऑटोमेटिक होल्ड कर दिया। ऐसे में मिशन को टालना पड़ा। अब तीसरी बार में मिशन लॉन्च करने में सफलता मिली है।

इस मिशन के सफल होने पर इतिहास में पहली बार अमेरिका के पास एस्ट्रोनॉट को स्पेस में भेजने के लिए 2 स्पेसक्राफ्ट हो जाएंगे। अभी अमेरिका के पास एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स का ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट ही है। नासा ने साल 2014 में स्पेसएक्स और बोइंग को स्पेसक्राप्ट बनाने का कॉन्ट्रैक्ट दिया था। स्पेसएक्स 4 साल पहले ही इसे बना चुकी है।

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