
हिट एंड रन कानून के खिलाफ बस- ट्रक चालकों की देशव्यापी हड़ताल से आपूर्ति प्रभावित
नई दिल्ली । केंद्र सरकार (Central government) के नए हिट एंड रन कानून (Hit and run law) के खिलाफ ट्रक, डंपर और बस चालकों की हड़ताल आज दूसरे दिन भी जारी है और चालक इस मांग को लेकर अब सड़क पर उतर आये हैं।
नव अधिनियमित भारतीय न्याय संहिता (BNS) के हिट एंड रन कानून (Hit and run law) के खिलाफ परिवहन संघों (Transport associations) और चालकों की देशव्यापी हड़ताल (Nationwide strike) दूसरे दिन में प्रवेश कर गई, जिससे ईंधन आपूर्ति में बाधा उत्पन्न हुई और विभिन्न शहरों में पेट्रोल पंपों पर लंबी कतारें लग गईं।
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (All India Motor Transport Congress) ने नए कानून के प्रावधानों के विरोध में हड़ताल का आह्वान किया है, जो अभी तक लागू नहीं हुआ है।
उल्लेखनीय है कि बीएनएस ने हाल ही में औपनिवेशिक युग के भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) की जगह ली है। इसमें हिट-एंड-रन मामलों (Hit-and-run cases) के लिए कड़े दंड का प्रावधान किए हैं, विशेष रूप से गंभीर सड़क दुर्घटनाओं में शामिल मोटर चालकों को लक्षित किया है, जो अधिकारियों को घटना की सूचना दिए बिना घटनास्थल से भाग जाते हैं। केंद्र सरकार की ओर से लाए गए नए कानून के तहत हादसे के बाद भागने वाले चालकों को दस वर्ष की सजा और सात लाख का जुर्माना लगाने का प्रावधान है, जिसका कई यूनियनों ने विरोध करना शुरू कर दिया है।
पंजाब ट्रक ट्रांसपोर्ट यूनियन के प्रधान हैप्पी संधू ने मंगलवार को बताया कि राज्य के सभी राष्ट्रीय उच्च मार्गों को बुधवार से पूर्ण तौर पर बाधित कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी तक जो बसें चल रही हैं, बुधवार से उसे भी परिचाल की अनुमति नहीं दी जाएगी। संधू ने कहा कि हमारी मांग नहीं माने जाने तक हड़ताल जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि वह आज राज्य के जैतों और मोगा में सभी मार्गों को बाधित कर रहे हैं।
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपपोर्ट (All India Motor Transport) कांग्रेस प्रबंधक समिति के सदस्य आनंददीप सिंह (Ananddeep Singh) ने बताया कि प्रबंधक समिति के सभी दो सौ सदस्यों की आज अपराह्न डेढ़ बजे बैठक हो रही है जिसमें हड़ताल के संबंध में आगे की रणनीति तय की जाएगी।
वहीं, पंजाब रोड़वेज युनियन (Punjab Roadways Union) के प्रधान मंगत खान (Mangat Khan) ने बताया कि ट्रक चालकों की हड़ताल में पंजाब रोड़वेज के चालक हिस्सा नहीं ले रहे हैं। उन्होने कहा कि इस संबंध में अगले एक दो दिनों में युनियन की बैठक होगी। उन्होने कहा कि रोड़वेज की बसें अपने निर्धारित रूट पर चल रही हैं।
पंजाब रोडवेज पीआरटीसी पनबस कांट्रैक्ट वर्कर यूनियन की ओर से तीन जनवरी को प्रदेशभर में दो घंटे बसों को बंद करके और अन्य यूनियनों की ओर से तीन जनवरी को बैठक करके कोई निर्णय लेने की घोषणा की है। यूनियनों का कहना है कि इस नए कानून से चालकों के भीतर डर का वातावरण पैदा हो रहा है, इसलिए केंद्र सरकार (Central government) को इस नए कानून को तुरंत वापस करना चाहिए। अमृतसर-गुरदासपुर प्राइवेट बस यूनियन (Amritsar-Gurdaspur Private Bus Union) के प्रधान अशोक मनन ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जो नया कानून हिट एंड रन के तहत बनाया गया है उसे चालकों में असुरक्षित की भावना पैदा हो रही है।
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सड़क दुर्घटना चालक बिना वजह नहीं करता है। यदि अचानक कोई सड़क दुर्घटना हो जाए तो सबसे पहले अपना वाहन छोड़कर भाग जाता है। चालक को डर होता है कि भीड़ में कोई उसकी जान न ले ले। केंद्र सरकार को चालकों की सुरक्षा के लिए कानून बनना चाहिए था। हिट एंड रन के कानून (Hit and run laws) में सजा व जुर्माना का प्रविधान होने के कारण भविष्य में बसें ट्रक तथा अन्य कामर्शियल वाहन के लिए चालक नहीं होंगे। तीन जनवरी को उनके संगठन द्वारा एक बैठक की जा रही है जिसमें कई यूनियन ने भाग लेंगी।
पंजाब रोडवेज पनबस पीआरटीसी कांट्रैक्ट वर्कर यूनियन (Punjab Roadways Punbus PRTC Contract Worker Union) के प्रदेश संयुक्त सचिव जोध सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया कानून बस चालकों के लिए घातक है। मिनी बस ऑपरेटर यूनियन के प्रधान बलदेव सिंह बब्बू ने कहा कि यह कानून बस चालकों के लिए काफी घातक है। इस कानून से कोई भी चालक बस तथा कामर्शियल वाहन नहीं चल सकेगा। यदि ऐसा होता है तो इससे इस व्यापार को भी नुकसान पहुंचेगा। सरकार को हिट एंड रन कानून तुरंत वापस लेना चाहिए।
हिट एंड रन कानून (Hit and run laws) के खिलाफ बस- ट्रक चालकों की देशव्यापी हड़ताल से आपूर्ति प्रभावित
नई दिल्ली । केंद्र सरकार (Central government) के नए हिट एंड रन कानून (Hit and run laws) के खिलाफ ट्रक, डंपर और बस चालकों की हड़ताल आज दूसरे दिन भी जारी है और चालक इस मांग को लेकर अब सड़क पर उतर आये हैं।
राजस्थान (Rajasthan) की राजधानी जयपुर सहित अन्य कई स्थानों पर बसों में सफर करने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मंगलवार को जयपुर-दिल्ली (Jaipur-Delhi) एवं जयपुर-अजमेर राष्ट्रीय राजमार्ग (Jaipur-Ajmer National Highway) सहित अन्य मार्गों पर चालकों के प्रदर्शन के कारण रोडवेज की पर्याप्त बसे नहीं चलने सहित अन्य यातायात को परेशानी हो रही है। रास्ते में बसों एवं अन्य वाहनों को रोके जाने के कारण लोग काफी परेशान हो रहे हैं और कई लोग बस स्टॉप से वापस अपने घरों को आ रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस कारण जयपुर से दिल्ली (Jaipur to Delhi) के लिए चलने वाली रोडवेज की बसों में भी कमी कर दी गई और जो चल रही है उनमें जगह नहीं मिल पा रही है। जयपुर (Jaipur) से निकलने के बाद भी यह पता नहीं हैं कि बसे आगे किस रास्ते और किस समय अपने गतंव्य स्थान पर पहुंचेगी।
हड़ताल कर रहे चालक प्रदेश के विभिन्न जगहों पर प्रदर्शन कर इस कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अगर यह कानून वापस नहीं लिया गया तो वे अनिश्चितकाल के लिए हड़ताल पर चले जायेंगे।