
Indian forces respond after Pakistan violates ceasefire hours after agreement – Shah Times Report
भारत-पाक सीमा पर फिर तनाव भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर के महज़ 3 घंटे बाद ही पाकिस्तान ने फिर किया उल्लंघन। क्या ये सेना प्रमुख असीम मुनीर और पीएम शहबाज शरीफ के बीच सत्ता संघर्ष का परिणाम है? पढ़ें विस्तृत विश्लेषण।
पाकिस्तान की फायरिंग: शांति समझौते पर एक और धोखा
10 मई 2025 की शाम भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम का ऐलान हुआ, लेकिन महज तीन घंटे के भीतर ही पाकिस्तान ने सीजफायर तोड़ते हुए सीमा पर गोलीबारी और ड्रोन भेजने जैसी उकसावेपूर्ण गतिविधियां शुरू कर दीं। यह सिर्फ सैन्य उल्लंघन नहीं, बल्कि एक सोची-समझी रणनीतिक चाल थी—जो स्पष्ट रूप से पाकिस्तान की राजनीतिक अस्थिरता और सेना के आंतरिक मतभेदों की ओर संकेत करती है।
क्या असीम मुनीर भारत के खिलाफ माहौल बनाकर घरेलू दबाव से बचना चाह रहे हैं?
पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल असीम मुनीर पिछले कुछ समय से कट्टर राष्ट्रवादी बयानों और भारत विरोधी कार्रवाइयों को बढ़ावा दे रहे हैं। विश्लेषकों का मानना है कि मुनीर आंतरिक आलोचना और सैन्य नेतृत्व पर उठते सवालों से ध्यान हटाने के लिए भारत को निशाना बना रहे हैं। सेना के भीतर उनकी रणनीति को लेकर असहमति बढ़ रही है, और उन पर सेना को राजनीतिक औजार की तरह इस्तेमाल करने का आरोप भी लगाया जा रहा है।
शरीफ बनाम मुनीर: सत्ता संघर्ष की लपटें सीमाओं तक पहुंचीं?
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और डिप्टी पीएम इशाक डार द्वारा युद्धविराम का समर्थन किए जाने के बावजूद ISPR (Inter-Services Public Relations) यानी सेना की मीडिया विंग की चुप्पी यह दर्शाती है कि सेना और सरकार के बीच तालमेल की गंभीर कमी है। यह पाकिस्तानी सत्ता संरचना के दो सिरों—राजनीतिक नेतृत्व और सैन्य सत्ता—के बीच गहरे विभाजन को उजागर करता है।
असीम मुनीर की रणनीति: युद्धविराम तोड़ो, छवि सुधारो
माना जा रहा है कि असीम मुनीर जानबूझकर युद्धविराम का उल्लंघन कर यह संदेश देना चाहते हैं कि पाकिस्तान में असली ताकत सेना के पास है, न कि चुनी हुई सरकार के पास। भारत-विरोधी कार्रवाइयां उन्हें सेना और कट्टरपंथी धड़ों में नायक की छवि देने में सहायक हो सकती हैं। मुनीर का हालिया बयान, जिसमें उन्होंने कश्मीर को “गले की नस” और मुस्लिम समुदाय को हिंदुओं से अलग बताकर टू-नेशन थ्योरी को फिर हवा दी, इसी रणनीति का हिस्सा माना जा सकता है।
भारत की स्थिति: संयम के साथ सख्ती
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने पाकिस्तान की निंदा करते हुए स्पष्ट किया कि भारतीय सेना को हर प्रकार की कार्रवाई के लिए खुली छूट दी गई है। भारत की नीति स्पष्ट है—सीमा पर शांति तभी तक, जब तक उसकी गरिमा सुरक्षित रहे। ड्रोन गतिविधियों को तत्काल जवाब देते हुए भारतीय बलों ने 4 पाकिस्तानी ड्रोन को मार गिराया, जो सीमापार से भेजे गए थे।
निष्कर्ष: पाकिस्तान की दोहरी सत्ता और भारत के लिए चुनौती
भारत के लिए यह सिर्फ एक सैन्य चुनौती नहीं, बल्कि कूटनीतिक और रणनीतिक समझदारी की कसौटी है। पाकिस्तान के दोहरा चरित्र—जहां एक ओर सरकार शांति की बात करती है, और दूसरी ओर सेना युद्ध को हवा देती है—भारत के लिए सतर्क रहने का संकेत है।
यह समय है जब अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी पाकिस्तान की इस दोहरी नीति और सीजफायर उल्लंघन पर संज्ञान लेना चाहिए। यदि पाकिस्तान ने सीमा पर उकसावे की कार्रवाई बंद नहीं की, तो भारत को मजबूरी में और कठोर सैन्य एवं कूटनीतिक कदम उठाने होंगे।