
सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका, लापरवाह अफसरों पर कार्रवाई की मांग
मौनी अमावस्या स्नान के दौरान हुई भगदड़ पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, यूपी सरकार से मांगी स्टेटस रिपोर्ट
महाकुंभ 2025 में मौनी अमावस्या स्नान के दौरान हुई भगदड़ का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। कोर्ट में दायर जनहित याचिका में यूपी सरकार से स्टेटस रिपोर्ट मांगी गई और लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की गई।
महाकुंभ भगदड़ मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा
प्रयागराज,(Shah Times) । प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में मौनी अमावस्या स्नान के दौरान हुई भगदड़ का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है। सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें यूपी सरकार से घटना की स्टेटस रिपोर्ट मांगने और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश देने की अपील की गई है।
इस भगदड़ में सरकारी आंकड़ों के अनुसार 30 लोगों की मौत हुई, लेकिन प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार यह संख्या अधिक हो सकती है। हादसे के बाद महाकुंभ में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं।
वीआईपी मूवमेंट पर उठे सवाल
महाकुंभ जैसे विशाल आयोजन में भगदड़ जैसी घटनाओं को रोकने के लिए नीति और नियमन की जरूरत बताई जा रही है। याचिकाकर्ता ने मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट राज्य सरकार को निर्देश दे कि वीआईपी मूवमेंट के कारण आम श्रद्धालुओं की सुरक्षा प्रभावित न हो और प्रवेश व निकास के लिए अधिक स्थान सुनिश्चित किया जाए।
अफसरों पर कार्रवाई की मांगयाचिका में यह भी अपील की गई है कि यूपी सरकार 29 जनवरी को हुई घटना पर स्थिति रिपोर्ट पेश करे और लापरवाह अधिकारियों पर कानूनी कार्रवाई शुरू करे। इस बीच, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग गठित करने का आदेश दिया। साथ ही, मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की गई।