
Kotdwar Court declares all accused guilty in Ankita Bhandari murder case | Shah Times
अंकिता भंडारी हत्याकांड में कोटद्वार कोर्ट का बड़ा फैसला, तीनों आरोपियों को दोषी करार। थोड़ी देर में सजा का ऐलान। जानिए पूरा मामला, जांच और कोर्ट की टिप्पणी।
कोटद्वार (Shah Times)। उत्तराखंड को झकझोर देने वाले अंकिता भंडारी हत्याकांड में शुक्रवार को कोटद्वार कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए तीनों आरोपियों को दोषी करार दिया है। यह मामला पिछले ढाई वर्षों से न्याय की प्रतीक्षा में था, जिसे लेकर पूरे देश की नजर इस फैसले पर टिकी हुई थी। कोर्ट अब से कुछ ही देर में दोषियों को सुनाई जाने वाली सजा की घोषणा करेगा।
🔍 मामला क्या था?
2022 में ऋषिकेश के समीप स्थित एक रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के तौर पर कार्यरत 19 वर्षीय अंकिता भंडारी की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में रिसॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य समेत तीन लोगों को मुख्य आरोपी बनाया गया था। पुलकित आर्य, जो तत्कालीन भाजपा नेता का बेटा था, उस पर आरोप था कि वह अंकिता पर रिसॉर्ट में अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देने का दबाव बना रहा था। जब अंकिता ने इसका विरोध किया, तो उसकी नृशंस हत्या कर दी गई और शव को चिल्ला नहर में फेंक दिया गया।
📄 एसआईटी की जांच और चार्जशीट
इस गंभीर अपराध की जांच के लिए राज्य सरकार ने विशेष जांच टीम (SIT) गठित की थी। SIT ने 500 पन्नों की विस्तृत चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी, जिसमें कई डिजिटल सबूत, चश्मदीद गवाहों की गवाही और फॉरेंसिक रिपोर्ट्स शामिल थीं। चार्जशीट में यह साबित किया गया कि हत्या पूर्व नियोजित थी और इसमें तीनों आरोपियों की सक्रिय भूमिका थी।
⚖️ कोर्ट का फैसला
करीब ढाई साल चली सुनवाई के बाद कोटद्वार की जिला एवं सत्र न्यायालय ने शुक्रवार को पुलकित आर्य, अंकित गुप्ता और सौरभ भास्कर को हत्या, साक्ष्य छिपाने और आपराधिक षड्यंत्र के तहत दोषी ठहराया है। कोर्ट का यह फैसला न केवल न्यायिक प्रणाली में जनता का विश्वास बहाल करता है, बल्कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक सख्त संदेश भी देता है।
⏳ अब क्या होगा?
अब से कुछ ही देर में अदालत दोषियों को मिलने वाली सजा की घोषणा करेगी। कयास लगाए जा रहे हैं कि कोर्ट दोषियों को आजीवन कारावास या फांसी की सजा भी सुना सकती है। पीड़िता के परिवार और प्रदेश की जनता को इस फैसले का लंबे समय से इंतजार था।
📢 सोशल मीडिया पर उबाल
इस ऐतिहासिक फैसले के बाद सोशल मीडिया पर लोगों की भावनाएं उमड़ पड़ी हैं। ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर #JusticeForAnkita ट्रेंड कर रहा है। लोग इस निर्णय को “न्याय की जीत” बता रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।
कोटद्वार बना पुलिस छावनी, पांच ज़ोन में बंटी सुरक्षा व्यवस्था
उत्तराखंड के बहुचर्चित वनंतरा रिसॉर्ट प्रकरण में आज कोटद्वार कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला आने की उम्मीद है। इसी को देखते हुए पुलिस-प्रशासन ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए व्यापक इंतज़ाम किए हैं। पौड़ी जिले को पांच सुरक्षा जोनों में विभाजित कर दिया गया है, जिनमें से चार ज़ोन विशेष रूप से कोटद्वार शहर में बनाए गए हैं। शहर भर में धारा 144 लागू है और न्यायालय परिसर के 200 मीटर के दायरे में बगैर अनुमति किसी को भी प्रवेश की अनुमति नहीं है।
🔐 शांति व्यवस्था के लिए प्रशासन हाई अलर्ट पर
उप जिलाधिकारी सोहन सिंह सैनी ने बताया कि प्रत्येक जोन में एक-एक मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है। चार प्रमुख जोन इस प्रकार हैं:
- जोन-1: न्यायालय परिसर से सुखरो पुल तक – तहसीलदार कोटद्वार साक्षी उपाध्याय
- जोन-2: न्यायालय परिसर से बीईएल रोड तक – प्रभारी नायब तहसीलदार मनोहर सिंह नेगी
- जोन-3: न्यायालय परिसर से देवी मंदिर तक – सहायक नगर आयुक्त अजय अष्टवाल
- जोन-4: न्यायालय परिसर से पदमपुर चौक तक – एआरटीओ मजिस्ट्रेट
⚖️ तीनों आरोपी 302 में दोषी, सज़ा पर फैसला जल्द
विशेष सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में कोटद्वार कोर्ट ने तीनों अभियुक्तों को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के तहत दोषी करार दिया है। खबर लिखे जाने तक न्यायालय में कार्यवाही जारी थी और सज़ा का ऐलान किसी भी समय हो सकता है।
🚫 निषेधाज्ञा प्रभावी, आमजन से सहयोग की अपील
कोटद्वार क्षेत्र में धारा 144 के अंतर्गत निषेधाज्ञा लागू की गई है। हालांकि, यह आदेश अधिवक्ताओं एवं वादकारियों पर लागू नहीं होगा। प्रशासन ने आमजन से अपील की है कि शांति बनाए रखें और अफवाहों से दूर रहें।
📌 निष्कर्ष
अंकिता भंडारी हत्याकांड का यह फैसला भारतीय न्यायपालिका की निष्पक्षता और न्याय के लिए संघर्ष करने वालों की जीत का प्रतीक है। यह मामला उन सभी युवतियों के लिए मिसाल बनेगा, जो किसी भी तरह के उत्पीड़न का विरोध करती हैं। देश अब कोर्ट के अंतिम निर्णय की प्रतीक्षा कर रहा है, जिससे समाज में एक मजबूत संदेश जाए कि अपराधी कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, कानून से बच नहीं सकता।