
Silkyara tunnel shahtimesnews
सिलक्यारा के आपरेशन जिंदगी में स्थानीय होटल व्यवसायियों का बहुत बड़ा योगदान रहा और आपरेशन जिंदगी में बड़ी भूमिका निभाई थी।
सिलक्यारा /उत्तरकाशी। बीते साल बहुचर्चित सिल्क्यारा निर्माणाधीन टनल में 41 श्रमिक 17 दिनों तक फंसे रहे हैं।
बड़ी मशक्कत से सत्रह दिन बाद सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों को प्रशासन ने बाहर निकाला था और अपनी पीठ भी थपथपाई और सुर्खियां भी बटोरी मगर उस दौरान स्थानीय होटल व्यवसायियों ने प्रशासन की विभिन्न एजेंसियों की जो मदद की उसका खामियाजा आज भुगतना पड़ रहा है।
दरअसल सिलक्यारा के आपरेशन जिंदगी में स्थानीय प्रशासन ने बड़ी संख्या में राष्ट्रीय मीडिया के जमघट और आपरेशन में लगे टीमों तथा अधिकारियों के लिए होटलों में खाने और रहने की ब्यवस्था की थी खाद्य आपूर्ति विभाग और खंड विकास के कर्मचारियों ने सभी बाहरी व्यक्तियों के लिए जो ब्यवस्था बनाई उसमे स्थानीय होटल व्यवसायियों का बहुत बड़ा योगदान रहा और आपरेशन जिंदगी में बड़ी भूमिका निभाई थी।
होटल व्यवसायियों ने बड़ी संख्या में लोगों को भोजन खिलाया था और अपने होटलों में रहने के लिए कमरे खुलवाये थे और ब्यवसायियो का कहना है कि उन्हें कहा गया था कि आपरेशन खत्म होते ही उन्हें पेमेंट किया जायेगा मगर तीन माह बीतने को है और उनके करोड़ों रुपए आज तक शेष हैं । अब व्यवसायियों का सब्र टूटने लगा है उनका कहना है कि उस दौरान हमने दुकानों से उधार लेकर रसद खरीदी और हम लोग दुकानदारों की देनदारी के बोझ तले दबे हैं । उस दौरान हमने मानवीय व्यवहार दिखाकर टनल में फंसे मजदूरों के सहयोग के अपनी सेवायें दी थी और मीडिया कर्मियों तथा टनल से मजदूरों को बाहर निकाल रहे अधिकारी कर्मचारियों के भोजन व अपने होटल खुलवाये मगर आज तक हमारा खर्च किया हुआ धन हमें नहीं मिला है। हांलांकि अधिकारी कह रहे हैं कि 31 मार्च से पहले सबका बकाया भुगतान किया जायेगा।
क्या कहते हैं अधिकारी
सिलक्यारा मिशन आप्रेशन के समय स्थानीय दुकानदारों होटल व्यवसायियों और अन्य जिन लोगों ने भी अपना सहयोग दिया वह प्रशंसनीय था। सभी का बिल बनाकर भुगतान के लिए भेज दिया गया है। उम्मीद है कि 31 मार्च से पूर्व सबका रुका हुआ बिल भुगतान किया जायेगा।
बृजेश तिवाड़ी उपजिलाधिकारी डुंडा।