योगी जी को जानना चाहिए कि गुरु गोविंद सिंह जी ने कुल 21 युद्ध लड़े, जिसमें तीन मुगलों और 18 हिंदू राजाओं के खिलाफ़ थे
आजमगढ़ में गुरुद्वारे पर भी भू माफिया ने प्रशासन की मदद से क़ब्ज़ा कर लिया है
लखनऊ। मुख्यमंत्री जैसे संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को इतिहास को तोड़ मरोड़ कर प्रस्तुत नहीं करना चाहिए। तथ्यों की जानकारी न होने पर अफसरों से पूछने में झिझक नहीं होनी चाहिए। योगी जी को गुरु गोविंद सिंह जी पर बोलने से पहले उनका इतिहास जान लेना चाहिए था इससे उनके पद की गरिमा नहीं गिरती। ये बातें अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम (Shahnawaz Alam) ने मुख्यमंत्री द्वारा सिख गुरु गोविंद सिंह (Guru Gobind Singh) को मुग़ल विरोधी बताने पर प्रतिक्रिया देते हुए कही।
कांग्रेस मुख्यालय से जारी बयान में शाहनवाज़ आलम (Shahnawaz Alam) ने कहा कि योगी जी को जानना चाहिए कि गुरु गोविंद सिंह जी (Guru Gobind Singh) ने 1682 से 1707 तक कुल 21 युद्ध लड़े जिनमें से सिर्फ़ तीन मुगलों के खिलाफ़ थे और बाकी 18 हिंदू राजाओं के खिलाफ़ थे। यह सारे युद्ध भी राजनीतिक युद्ध थे जिसमें सभी सेनाओं में सभी धर्मों के सैनिक थे।
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शाहनवाज़ आलम (Shahnawaz Alam) ने कहा कि योगी आदित्यनाथ जी (Yogi Adityanath) मुगलों के खिलाफ़ सिखों में नफ़रत भरकर राजनीतिक लाभ उठाने की नाकाम कोशिश कर रहे हैं। गुरु नानक देव जी के साथ बचपन से मृत्यु तक रहने वाले भाई मर्दाना मुसलमान थे। इसलिए सिखों को मुसलमानों के खिलाफ़ कभी भी खड़ा नहीं किया जा सकता। योगी जी को यह भी समझना चाहिए कि जिस क़ौम ने हँसते हुए फांसी पर चढ़ जाने वाले भगत सिंह जैसा बहादुर देशभक्त पैदा किया हो वो अंग्रेज़ों से माफी मांगने वाले संघियों के झांसे में नहीं आ सकते। योगी जी को यह भी नहीं भूलना चाहिए कि सिख किसानों के आगे मोदी जी को झुकते हुए किसान विरोधी काले क़ानून वापस लेने पड़ गए थे।
उन्होंने कहा कि सिख समुदाय देख रहा है कि ऑस्ट्रेलिया हो या यूरोप (Australia or Europe) हर जगह आरएसएस से जुड़े लोग सिख समुदाय के लोगों पर हमले के आरोप में पकड़े जा रहे हैं। सिख समुदाय यह भी नहीं भूला है कि अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में कश्मीर के छत्तीसिंहपोरा जनसंहार में 37 लोगों की हत्या की जाँच कभी नहीं होने दी गयी। क्योंकि उसमें आरएसएस की विचारधारा से जुड़े लोगों की भूमिका पर ख़ुद तत्कालीन अमरीकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने सवाल उठाया था।
शाहनवाज़ आलम (Shahnawaz Alam) ने कहा कि भाजपा सरकार में गुरुद्वारों तक की ज़मीनें क़ब्ज़ा की जा रही हैं। आजमगढ़ में तो सिख समुदाय ने गुरुद्वारे पर से क़ब्ज़ा न हटाने से नाराज़ होकर गुरु नानक देव जी का प्रकाशोत्सव भी नहीं मनाया। ऐसा अन्याय सिख धर्म के इतिहास में कभी नहीं हुआ था।