बंदरों और कुत्तों के आंतक से परेशान बुजुर्ग ने मांगा प्रमुख समाजसेवी मनीष चौधरी से सहयोग

मनीष चौधरी ने भरोसा दिया कि जल्द ही वो इस गंभीर होती जा रही समस्या के समाधान के लिए लोगों को साथ लेकर संघर्ष करेंगे।

मुजफ्फरनगर:शाह टाइम्स। उत्पाती बंदर और खूंखार हो रहे कुत्तों का आतंक कमोबेश पूरे जिले में ही बना हुआ है। शहरी क्षेत्र के कई मौहल्लों में तो इनके आतंक से लोग भयभीत हैं। कई बार यह मामला उठाया गया ओर अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों से शिकायत करते हुए लोगों ने समाधान की मांग की, लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात रहने से लोग परेशान हैं। जिले के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से गुहार करते करते निराश हो चुके लोगों ने अब इस मामले में समाधान के लिए प्रमुख समाजसेवी मनीष चौधरी से सहयोग मांगते हुए आवाज उठाने को कहा है। मनीष चौधरी ने भरोसा दिया कि जल्द ही वो इस गंभीर होती जा रही समस्या के समाधान के लिए लोगों को साथ लेकर संघर्ष करेंगे।

शहरी क्षेत्र के कई मौहल्लों में बंदरों और कुत्तों का आतंक बढ़ रहा है। शहर के मौहल्ला प्रेमपुरी निवासी एक 76 साल के बुजुर्ग चिकित्सक डा. ओमपाल सिंह वर्मा अपने मौहल्ले में बंदरों और कुत्तों के आतंक से परेशान लोगों की पीड़ा लेकर शिव चौक पर पहुंचे, यहां आये प्रमुख समाजसेवी मनीष चौधरी को देखकर उन्होंने अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के द्वारा लोगों की इस समस्या की अनदेखी किये जाने पर रोष प्रकट करते हुए इसके समाधान के लिए सहयोग मांगा। प्रमुख समाजसेवी मनीष चौधरी ने बुजुर्ग रिटायर्ड चिकित्सक डा. ओमपाल सिंह वर्मा से मिलकर पहले तो उनके जज्बे को सलाम किया और फिर उनकी समस्या को सुना। ड. ओमपाल सिंह ने बताया कि प्रेमपुरी में उत्पाती बंदरों ने आतंक मचा रखा है। आये दिन लोगों के घरों में नुकसान तो करते ही हैं, इसके अलावा हमला कर कई लोगों को घायल कर चुके हैं। इनके आतंक से बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे भयभीत हैं। छत पर जा नहीं सकते, कुछ काम नहीं किया जा सकता है। बंदरों का यह झुंड ईदगाह में अपना आश्रय बनाये हुए हैं। इसके लिए कई बार अधिकारियों और कई नेताओं से मिलकर समस्या को उठाते हुए बंदरों के आतंक से निजात दिलाये जाने की मांग की जा चुकी है, लेकिन कोई भी कदम नहीं उठाया गया। प्रशासन के अधिकारी पालिका भेज देते हैं और पालिका के लोग उनको जिलाधिकारी के पास भेज देते हैं।

प्रमुख समाजसेवी मनीष चौधरी ने प्रेमपुरी के लोगों की समस्या को सुनते हुए कहा कि वास्तव में बंदरों और कुत्तों के आतंक की समस्या बड़ी गंभीर है। शहर ही नहीं बल्कि पूरा जनपद ही इनके आतंक से पीड़ित है। इसके लिए कार्यवाही होनी चाहिए, लेकिन इनके आतंक में जिले में कई लोगों की मौत हो जाने के बाद भी जिला प्रशासन, नगर पालिका या अन्य दूसरा सम्बंधित विभाग कुंभकर्णी नींद से नहीं जाग रहा है। इसके कारण ही 76 साल के एक रिटायर्ड चिकित्सक को लोगों की समस्या उठाने के लिए सड़क पर आना पड़ रहा है। प्रमुख समाजसेवी मनीष चौधरी ने भरोसा दिया कि वो अपनी समाजसेवी टीम के लोगों के साथ जल्द ही इस मामले में आवाज उठायेंगे और जिला प्रशासन को जगाने का काम किया जायेगा। उन्होंने मौके पर ही फोन पर कई अधिकारियों से बात करते हुए समस्या से अवगत कराया और समाधान की मांग भी की।

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