
Israeli Prime Minister Netanyahu’s plan to capture Gaza faces strong opposition from UK, France, and Canada amid escalating humanitarian crisis.
“इजरायल के गाजा पर पूर्ण नियंत्रण की योजना के खिलाफ ब्रिटेन, फ्रांस और कनाडा ने जताया कड़ा विरोध। नेतन्याहू की सैन्य कार्रवाई से गाजा में 53,000 से अधिक मौतें, भूख और मानवीय संकट गहराया। WHO ने चेताया- हालात भुखमरी जैसे हैं।”
मध्य पूर्व में गाजा पट्टी को लेकर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू द्वारा घोषित ‘पूर्ण नियंत्रण योजना’ ने वैश्विक स्तर पर भारी विवाद और विरोध को जन्म दिया है। इस योजना के तहत इजरायल गाजा पर सैन्य कब्जा कर हमास को पूरी तरह समाप्त करना चाहता है। लेकिन इस योजना पर ब्रिटेन, फ्रांस और कनाडा जैसे पश्चिमी शक्तियों ने सख्त विरोध दर्ज कराया है।
गाजा में बमबारी, प्रतिबंध और मानवीय संकट के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी गंभीर चेतावनी जारी की है। इस सम्पादकीय में हम इस विवादास्पद योजना, इसके प्रभावों और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाओं का विस्तार से विश्लेषण करेंगे।
नेतन्याहू का गाजा कैप्चर प्लान: उद्देश्य और रणनीति
नेतन्याहू सरकार का उद्देश्य गाजा पट्टी पर पूर्ण सैन्य नियंत्रण हासिल कर हमास को सैन्य और प्रशासनिक रूप से खत्म करना है। मई 2025 में इजरायली संसद ने इस योजना को मंजूरी दी है। योजना के प्रमुख बिंदु हैं:
- गाजा में सैन्य कब्जा कर पूरे क्षेत्र को ‘कंट्रोल’ में लेना।
- हमास के ठिकानों पर हवाई और जमीनी हमले तेज करना।
- बंधकों की रिहाई और सुरक्षा सुनिश्चित करना।
- मानवीय सहायता को नियंत्रित करते हुए संभावित विस्थापन नीतियां लागू करना।
हालांकि इजरायल पहले से ही गाजा के लगभग आधे हिस्से पर नियंत्रण रखता है, लेकिन इस योजना के तहत पूरे गाजा पर कब्जा किया जाना है।
गाजा में बढ़ता मानवीय संकट: मौतें, भुखमरी और बमबारी
गाजा पट्टी की वर्तमान स्थिति बेहद दयनीय है। इजरायली सैन्य कार्रवाई से 72 घंटों में 300 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें बच्चे भी शामिल हैं। खान यूनिस जैसे दक्षिणी शहर में लगातार एयरस्ट्राइक हो रही हैं, जिससे नागरिक जनजीवन पूरी तरह से तहस-नहस हो गया है।
- खाद्य, पानी, ईंधन की आपूर्ति पर पूर्ण रोक के कारण गाजा में भुखमरी का संकट गहरा रहा है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने चेतावनी दी कि गाजा में करीब 20 लाख लोग भूखमरी जैसी स्थिति झेल रहे हैं।
- गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के बीच दवाइयों और इलाज के साधन नाकाबंदी के कारण सीमा पर फंसे हैं।
- लगभग 53,000 से अधिक लोग इस जंग में मारे जा चुके हैं, जिनमें नागरिकों की संख्या भी भारी है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया: ब्रिटेन, फ्रांस और कनाडा का विरोध
UK, फ्रांस और कनाडा ने नेतन्याहू के इस सैन्य विस्तार की कड़ी आलोचना की है। ये देश गाजा की स्थिति को “असहनीय” बताते हुए चेतावनी दे रहे हैं कि अगर इजरायल ने हमले जारी रखे और मानवीय सहायता पर रोक नहीं हटाई, तो वे कठोर क़दम उठाएंगे।
इन देशों का कहना है कि:
- गाजा पर खाद्य और अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति रोकना अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन है।
- नागरिकों के “जबरन विस्थापन” की धमकियां अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ हैं।
- वे इजरायल की सैन्य कार्रवाई को मानवीय संकट को बढ़ावा देने वाली बताते हैं।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर ने यूके-ईयू शिखर सम्मेलन में गाजा की स्थिति को ‘असहनीय’ बताया। यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने भी नाकेबंदी तुरंत समाप्त करने और संघर्षविराम की अपील की।
नेतन्याहू का कड़ा जवाब और युद्ध की जटिलता
नेतन्याहू ने इन आलोचनाओं को ठुकराते हुए कहा है कि यह उनका रक्षात्मक युद्ध है, जो 7 अक्टूबर को फिलिस्तीनी आतंकवादियों द्वारा किए गए हमलों के जवाब में शुरू हुआ। उन्होंने जोर देकर कहा कि बंधकों की रिहाई, हमास का हथियार डालना, और गाजा का सैन्य विहीन होना ही इस युद्ध का समाधान है।
उनका स्पष्ट संदेश है कि इजरायल पूर्ण विजय तक पीछे नहीं हटेगा और यह संघर्ष सभ्यता और बर्बरता के बीच है।
निष्कर्ष: गाजा की मानवीय त्रासदी और वैश्विक राजनीति का चक्र
गाजा पर नेतन्याहू की योजना ने क्षेत्रीय सुरक्षा और मानवीय संकट दोनों को गहरा कर दिया है।
- सैन्य दृष्टि से यह योजना हमास के खात्मे के लिए निर्णायक हो सकती है, लेकिन इसके मानवीय दुष्परिणाम भयावह हैं।
- ब्रिटेन, फ्रांस और कनाडा जैसे पश्चिमी देश मानवीय कानूनों और शांति प्रयासों के पक्ष में हैं, परन्तु इजरायल की सख्ती इस संघर्ष को और जटिल बना रही है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन की चेतावनियां यह दर्शाती हैं कि मानवीय संकट के चलते गाजा में व्यापक भुखमरी, बीमारी, और मृत्यु बढ़ सकती है।
- मध्य पूर्व के इस संघर्ष में वैश्विक कूटनीति और मानवीय सहायता का समन्वय बेहद जरूरी हो गया है।
इस संघर्ष का कोई शीघ्र समाधान अभी नहीं दिख रहा, लेकिन वैश्विक दबाव और मध्यस्थता के प्रयासों से किसी तरह की शांति की उम्मीद कायम रखी जा सकती है।
Netanyahu’s Gaza Capture Plan Faces Global Backlash
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