सिउरी । पश्चिम बंगाल (West Bengal) में बीरभूम (Birbhum) की एक अदालत ने विश्वभारती (Visva-Bharati) की 2023 में दायर उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें नोबेेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन (Amartya Sen) की जमीन पर उनके कब्जे को अवैध बताते हुए उन्हें जमीन खाली करने को कहा गया था।
जिला न्यायाधीश सुदेशना डे चटर्जी (Sudeshna De Chatterjee) ने संबंधित मामले की सुनवाई के बाद बुधवार को अपने फैसले में कहा कि बेदखली बेदखली नोटिस अवैध था तथा यह ‘कानूनी रूप से टिकाऊ ’नहीं है और इसे रद्द किया जा सकता है।
सेन की ओर से वकील गोराचंद चक्रवर्ती (Gorachand Chakraborty) ने कहा “हमने विश्वभारती द्वारा उद्धृत एक निवेदन के साथ निष्कासन आदेश को चुनौती दी थी यह उस समय लागू नहीं था जब सेन के पिता, आशुतोष सेन ने 1943 में विश्वभारती से लीज पर जमीन ली थी हालांकि, विश्वविद्यालय लीज एग्रीमेंट से संबंधित कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं करा सका।”
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बीरभूम (Birbhum) जिले के बोलपुर (Bolpur) में ‘प्रतिची’ शांतिनिकेतन परिसर में नोबेल विजेता का घर है हालांकि, विश्व भारती के कुलपति ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। अदालत ने आदेश दिया और कहा कि वे इस मामले पर बाद में परामर्श करेंगे और उसके बाद आदेश देंगे।
शांति निकेतन (Shantiniketan) में उत्कृष्टता के एक संस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय ने सेन को 2023 में नोटिस दिया गया, जिसमें उन्हें विश्वविद्यालय परिसर में लगभग 13 डिसमिल 1.38 एकड़ जमीन खाली करने का निर्देश दिया गया। सेन ने जिला सिउरी अदालत (Siuri Court) में न्यायिक हस्तक्षेप की मांग की ।