
सरकार मानसून सत्र के दौरान सभी दलों के सदस्यों के सवालों का जवाब देने के लिये तैयार
सदन में राजनीति की बजाय जनहित से जुड़े मुद्दों पर ही चर्चा हो
लखनऊ। यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने सोमवार को कहा कि सरकार मानसून सत्र (Monsoon Session ) के दौरान सभी दलों के सदस्यों के सवालों का जवाब देने के लिये तैयार है,बशर्ते सदन पर राजनीति की बजाय जनहित से जुड़े मुद्दों पर ही चर्चा हो।
विधानमंडल (Legislature) के मानसून सत्र (Monsoon Session) के शुरू होने से पहले पत्रकारों से बातचीत में योगी ने कहा कि सदन आम जनमानस से जुड़ी समस्याओं को रखने एवं इस ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करने का महत्वपूर्ण मंच है। ऐसे में सदन में एक स्वस्थ चर्चा के लिए सरकार पूरी तरह से तैयार है। सरकार सभी दलों के सदस्यों के उनके सवालों के जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार है। सरकार बाढ़, सूखे से निपटने के लिए सभी दलों के सुझाव का स्वागत करती है।
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उन्होने कहा कि प्रदेश ने पिछले छह वर्षों में विकास की नई ऊंचाइयों को छुआ है। इन छह वर्षों के दौरान प्रदेश के परसेप्शन को बदलकर नौजवानों, नागरिकों के सामने कुत्सित राजनीति के कारणों से जो उनके सामने पहचान का संकट खड़ा हो गया था, उस पहचान के संकट से मुक्त करते हुए प्रदेश को देश के एक प्रमुख राज्य के रूप में स्थापित करने में पूरी सफलता प्राप्त हुई है। एक तरफ जहां इसे आगे बढ़ाने में सफलता प्राप्त हुई है, वहीं प्रदेश की अर्थव्यवस्था को दोगुना करने के साथ प्रति व्यक्ति आय को भी दोगना करने में सफलता प्राप्त हुई है।
सीएम योगी (CM Yogi) ने कहा कि आज प्रदेश बीमारू राज्य की श्रेणी से उभर करके देश की अग्रणी अर्थव्यवस्था बनने की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है। डबल इंजन की सरकार प्रदेश की 25 करोड़ जनता के प्रति पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है और आगे बढ़ रही है।
उन्होने कहा कि वर्तमान में प्रदेश के पश्चिम के कुछ जिलों में जनमानस बाढ़ के प्रकोप से प्रभावित हुआ है, वहीं प्रदेश के 40 से अधिक जिलें ऐसे हैं, जहां पर सूखे की समस्या एक चुनौती के रूप में हमारे सामने आयी है। इसको लेकर विधानसभा अध्यक्ष की अनुमति और विपक्ष के सदस्यों की सहमति पर सदन में इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा के लिए हम तैयार हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि सभी सदस्य आम जनमानस की भावनाओं को ध्यान में रख करके सदन को एक स्वस्थ चर्चा-परिचर्चा का केंद्र बनाएंगे। साथ ही एक स्वस्थ बहस से विधायिका को और पुष्ट करने का काम करेंगे।