आखिर कब धरती पर वापस लौटेगी भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी विल्मोर,दोनों अंतरिक्ष यात्री पिछले 12 दिन से स्पेस में फंसे हुए हैं
New York, (Shah Times) । भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर की धरती पर वापसी एक बार फिर टल चुकी है। दोनों अंतरिक्ष यात्री पिछले 12 दिन से स्पेस में फंसे हुए हैं। सुनीता और विल्मोर 6 जून को अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचे थे। इन्हें 13 जून को वापस आना था।
इन दिनों सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर स्पेस में फंसे हुए हैं। दोनों अंतरिक्ष यात्री इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर एक सप्ताह बिताने के बाद धरती पर आ वापस आ रहे थे, लेकिन इसी दौरान उनके विमान बोइंग स्टारलाइनर में तकनीकी खराबी आने के कारण वे अंतरिक्ष में फंस गए है।
आपको बता दें कि सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को 13 जून को धरती पर आना था, लेकिन बोइंग स्टारलाइनर में खराबी आने के कारण अब उनका सही पता नहीं चल पा रहा है। इंजीनियरों ने विमान में कई खराबी पाई और नासा अभी तक यह बताने में सफल निर्णय नहीं ले रही है कि इनकी धरती पर वापसी कब तक हो पाएगी। हालांकि, राहत की बात यह है कि दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को स्वस्थ बताया जा रहा है।
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एलन मस्क के स्वामित्व वाला स्पेसएक्स विमान सुनीता और बुच को बचा सकता है। ऐसे में स्पेसएक्स को सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को धरती पर लाने का काम सौंपा जा सकता है। एलन मस्क के स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन ने मार्च महीने में ही चार अंतरिक्ष यात्रियों को आईएसएस तक पहुंचाया था। इस विमान में दो से चार यात्री बैठ सकते हैं। इमरजेंसी की हालत में इस विमान में ज्यादा यात्रियों को भी बैठाया जा सकता है।
बताया जा रहा है कि बोइंग का स्टारलाइनर कैप्सूल 5 जून को अमेरिकी टाइम के अनुसार सुबह 10 बजकर 52 मिनट पर फ्लोरिडा के केप कैनवेरल स्पेस फोर्स स्टेशन से रवाना हुआ था। इस कैप्सूल में चालक दल के साथ मौजूद है। नौ दिन में विमान को धरती पर आना था, लेकिन कैप्सूल में भरे हीलियम लीक की वजह से यह यात्रा अनिश्चित हो गई है। इस पूरे मसले में चिंता की बात यह है कि स्टारलाइनर कैप्सूल जिस हार्मनी मॉड्यूल से जुड़ा है, उसमें ईंधन की मात्री सीमित हैं। स्टारलाइनर सिर्फ 45 दिनों तक डॉक पर रह सकता है, ऐसे में अगर जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो सुरक्षित वापसी में खतरा बन सकता है।
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर सिर्फ 2 जुलाई तक आईएसएस में रह सकते हैं। ऐसे में उन्हें 2 जुलाई से पहले ही धरती पर आना होगा। इंजीनियर इस समय स्टारलाइनर को प्रभावित करने वाले हीलियम रिसाव की जांच कर रहे हैं, जो स्टेशन पर रुका हुआ है। इलिनोइस विश्वविद्यालय अर्बाना-शैंपेन में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के प्रोफेसर और पूर्व बोइंग स्पेसफ्लाइट सलाहकार माइकल लेम्बेक ने इसके बारे में जानकारी दी है उनका मानना है कि स्टारलाइनर से ही अंतरिक्ष यात्रियों की धरती पर वापसी होगी. स्पेसएक्स को आगे बढ़ाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।