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बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना दो दिन के दौरे पर आज आएंगी भारत
~Neelam Saini
New Delhi ,(Shah Times)। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना शुक्रवार यानि आज दो दिन के लिए भारत दौरे पर आएंगी। देश में तीसरी बार मोदी सरकार बनने के बाद, किसी राष्ट्राध्यक्ष का ये पहला भारत दौरा है।
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना 21-22 जून, 2024 को भारत यात्रा पर होंगी। भारत में तीसरी बार पीएम नरेन्द्र मोदी की सरकार के शपथ ग्रहण के बाद पीएम हसीना नई दिल्ली दौरे पर आने वाली पहली विदेशी मेहमान हैं। अपनी इस यात्रा के दौरान पीएम शेख हसीना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ साथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी मुलाकात करेंगी।
इससे पहले पीएम शेख हसीना करीब दो सप्ताह पहले पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए दिल्ली आई थीं। आपको बता दें कि नौ जून को नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति भवन में तीसरी बार पीएम पद की शपथ ली। इस समारोह में शामिल होने के लिए भारत के पड़ोसी देशों से जो 7 मेहमान आए थे उनमें एक हसीना भी थीं।
माना जा रहा है कि शेख हसीना का यह दौरा दोनों देशों के रिश्तों एवं आपसी संबंधों को मजबूत करेगा। मीडिया रिपोर्ट की माने तो बांग्लादेश की पीएम अपने भारतीय समकक्ष पीएम मोदी से शनिवार को मिलेंगी। इस बैठक में कई क्षेत्रों में अहम समझौतों पर हस्ताक्षर हो सकते हैं। दोनों नेताओं के बीच कई मुद्दों पर व्यापक चर्चा होने की उम्मीद जताई जा रही है।
अनुमान लगाया जा रहा है की दोनों नेता गंगा जल बंटवारा संधि के रिन्यूअल पर भी बातचीत कर सकते हैं। भारत ने 1975 में गंगा नदी पर फरक्का बांध का निर्माण किया था, जिस पर बांग्लादेश ने नाराजगी जताई थी। इसके बाद दोनों देशों ने 1996 में गंगा जल बंटवारा संधि किया था। यह संधि सिर्फ 30 सालों के लिए थी। ये संधि अगले साल खत्म होने वाली है।
इसके अलावा बांग्लादेश, भारत से तीस्ता मास्टर प्लान को लेकर भी बातचीत कर सकता है। तीस्ता मास्टर प्लान के तहत बांग्लादेश बाढ़ और मिट्टी के कटाव पर रोक लगाने के साथ गर्मियों में जल संकट की समस्या से निपटना चाहता है।
आपको बता दें कि साल 2014 में जब नरेंद्र मोदी PM बने थे, तब वह एक साल बाद बंगाल की CM ममता बनर्जी के साथ बांग्लादेश गए। इस दौरान दोनों नेताओं ने बांग्लादेश को तीस्ता के बंटवारे पर एक सहमति का यकीन दिलाया था। लेकिन 9 साल बीतने के बावजूद अब तक तीस्ता नदी जल समझौते का समाधान नहीं निकल पाया है।