जयपुर । भाजपा की वरिष्ठ नेता और राजस्थान (Rajasthan) की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया (Vasundhara Raje Scindia) ने भाजपा से एक ख़ास मांग की दरकार की है।
सूत्रों के मुताबिक वसुंधरा राजे सिंधिया (Vasundhara Raje Scindia) ने भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से उन्होंने एक साल के लिए राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाने की मांग की है और इसके बाद वह खुद ही यह पद छोड़ देने का वादा किया है। हालांकि, इसके साथ ही सूत्रों ने यह भी कहा है कि पार्टी नेतृत्व ने उन्हें स्पीकर बनाने की पेशकश की थी। उन्होंने स्पीकर बनाने के पार्टी के प्रस्ताव को ठुकरा दिया।
राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया (Vasundhara Raje Scindia) ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) से उन्हें मुख्यमंत्री बनाने का अनुरोध किया है। वहीं, वसुंधरा राजे सिंधिया (Vasundhara Raje Scindia) ने भी जेपी नड्डा (JP Nadda) को विधायकों से अलग-अलग न मिलने की सलाह दी है। याद रहे कि कल यानी रविवार रात को वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) ने जेपी नड्डा (JP Nadda) से फोन पर बात की थी। तब नड्डा ने उन्हें स्पीकर बनाने का भी ऑफर दिया था, जिससे वसुंधरा ने इनकार कर दिया था।
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वसुंधरा राजे सिंधिया (Vasundhara Raje Scindia) को भारतीय जनता पार्टी ने पिछले दो साल से किनारे कर रखा है। विधानसभा चुनाव के दौरान भी पार्टी ने वसुंधरा राजे सिंधिया (Vasundhara Raje Scindia) को दूर ही रखा। इस बार पार्टी ने यहां सीएम फेस का ऐलान भी नहीं किया था। राज्य में भारी बहुमत हासिल करने के बाद सीएम की रेस शुरू हुई। इसमें वसुंधरा राजे सिंधिया भी शामिल हो गईं। बताया जाता है कि उन्होंने विधायकों को अपने घुर बुलाकर पार्टी के सामने एक तरह से दबाव डालने का भी प्रयास किया। इसे एक तरह से शक्ति प्रदर्शन कहा गया।
इसके बाद वसुंधरा राजे सिंधिया (Vasundhara Raje Scindia) ने कहा कि वह पार्टी के खिलाफ नहीं जाएंगी और दिल्ली जाकर पार्टी आलाकमान से मुलाकात की। तीन दिन बाद वह जयपुर लौटीं तो एक बार फिर उनके घर पर विधायकों का आना-जाना शुरू हो गया। बताया जा रहा है कि वसुंधरा राजे पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। सोमवार को जब जेपी नड्डा ने उन्हें कॉल करके विधायकों से मुलाकात न करने की सलाह दी तब भी उन्होंने 1 साल के लिए सीएम पद मांगा।
अब सवाल उठता है कि आखिर वसुंधरा राजे सिंधिया (Vasundhara Raje Scindia) एक साल के लिए सीएम पद क्यों मांग रही हैं। दरअसल, सीएम पद के लिए वसुंधरा राजे से ज्यादा मजबूत दावा दीया कुमारी (Diya Kumari) और बाबा बालकनाथ का है। एक्सपर्ट मानते हैं कि अगर दीया कुमारी सीएम बनती हैं तो वसुंधरा राजे की राजनीति प्रदेश में लगभग खत्म हो जाएगी। क्योंकि वसुंधरा भी राजघराने से आती हैं, वह भी राजपूत हैं। पार्टी आलाकमान से उनके अच्छे संबंध हैं। यही वजह है कि फिलहाल वह एक साल का समय मांगकर दीया कुमारी और अन्य दावेदारों को रेस से बाहर करना चाहती हैं। एक साल में अपने पक्ष में माहौल बनाकर वह पार्टी पर आगे भी पद जारी रखने का दबाव बना सकती हैं।