
अंतरराष्ट्रीय जनसंख्या दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों को फैमिली प्लानिंग, लैंगिक समानता और प्रजनन स्वास्थ्य को लेकर जागरूक करना है।
New Delhi, (Shah Times) । अंतरराष्ट्रीय जनसंख्या दिवस हर साल 11 जुलाई को मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों को फैमिली प्लानिंग, लैंगिक समानता और प्रजनन स्वास्थ्य को लेकर जागरूक करना है।
बता दें कि साल 1989 में यूनाइटेड नेशंस के द्वारा इस दिन को मनाने की शुरूआत हुई थी। जब वैश्विक जनसंख्या 5 बिलियन के पार हुई थी जिसके चलते इस दिन को ‘डे ऑफ फाइव बिलियन’ के रूप में मनाया गया था। इस दिन को मनाने का उद्देश्य है लगातार बढ़ रही जनसंख्या पर रोक लगाना और मौजूदा जनसंख्या में शिक्षा, रोजगार, समानता और सशक्तिकरण को लेकर जागरूकता बढ़ाना।
आपको बता दे की भारत और चीन विश्व के सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले देशों में शामिल हैं। जहां 1 बिलियन से अधिक जनसंख्या है जोकि वैश्विक जनसंख्या का 18 प्रतिशत है। लेकिन क्या जानते हैं कुछ देशों की जनसंख्या ना के बराबर हैं।
दुनियां के कम जनसंख्या वाले देश
वेटिकन सिटी
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वेटिकन सिटी दुनियां का सबसे कम जनसंख्या वाला देश हैं। यहां 2023 -2024 के बीच वेटिकन सिटी की जनसंख्या केवल 764 थी।
टोकेलौ
प्रशांत महासागर में स्थित यह द्वीप 26 स्क्वैर किलोमीटर में फैला हुआ है और यहां लगभग 1,915 लोग रहते हैं। यहां पहुंचने की कुछ खास सुविधा ना होना ही इसकी कम आबादी की एक बड़ी वजह है।
निउए
प्रशांत महासागर में स्थित द्वीप समूह हे निउए। यहां की आबादी केवल 1,925 है। न्यूज़ीलैंड के साथ स्वतंत्र रूप से जुड़े इस स्व-शासित द्वीप देश का क्षेत्रफल मात्र 260 वर्ग किलोमीटर है।
फॉकलैंड
फॉकलैंड द्वीप समूह की पृथक स्थिति और कठोर उप-अंटार्कटिक जलवायु इसे बड़े पैमाने पर बसने के लिए एक आकर्षण केंद्र बनाती है। यही कारण है कि यहां 3,500 के करीब की आबादी है. इस द्वीप की अर्थव्यवस्था मछली पकड़ने और पर्यटन पर बहुत अधिक निर्भर है।
मॉण्टसेराट
इस कैरेबियाई द्वीप राष्ट्र की अनुमानित आबादी 4,372 है, जिसका मुख्य कारण 1990 के दशक में एक विनाशकारी ज्वालामुखी विस्फोट था। जिसने द्वीप के अधिकांश हिस्से को नष्ट कर दिया और बहुत से लोगों को भागने के लिए मजबूर किया। दरअसल इस देश का सीमित भूमि क्षेत्र और ज्वालामुखी गतिविधि जनसंख्या वृद्धि में बाधा बनी हुई है।