महिला सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी स्टेकहोल्डर्स को व्यापक और सहयोगात्मक दृष्टिकोण की आवश्यकता है: प्रोफेसर नजमा अख्तर
दिल्ली। जामिया मिल्लिया इस्लामिया (Jamia Millia Islamia) के आर्किटेक्चर विभाग (Department of Architecture) ने 01 अगस्त 2023 को ‘सेफ़ सिटीज़ फॉर वीमेन’ (Safe Cities for Women) विषय पर जेंडर एडवांसमेंट फॉर ट्रांजिशनिंग इंस्टीट्यूशंस (GATI) के सहयोग से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता जामिया की वाइस चांसलर प्रो. नजमा अख्तर (पद्मश्री) ने की। कार्यशाला का उद्देश्य युवा ग्रेजुएट्स (Graduates ), पोस्ट-ग्रेजुएट्स और पीएचडी (Post-graduates and PhD) शोधार्थियों के लिए कैपेसिटी बिल्डिंग था, जिससे वे अपने संबंधित फील्ड में करियर शुरू कर सकें।
प्रोफेसर नजमा अख्तर ने अपने संबोधन में एंटी-रैगिंग (Anti-ragging) और जीरो टॉलरेंस (zero tolerance) नीति जैसे विभिन्न उपायों के माध्यम से सुरक्षित परिसर और सुरक्षित जामिया के महत्व पर जोर दिया। जामिया, भारत सरकार द्वारा जीएटीआई के रूप में जेंडर एडवांसमेंट की परियोजना (Gender Advancement Project) शुरू करने के लिए चुने गए पांच विश्वविद्यालयों में से एक है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना केवल कानून प्रवर्तन का मामला नहीं है; यह एक व्यापक और सहयोगात्मक दृष्टिकोण की मांग करता है जिसमें सभी स्टेकहोल्डर्स (stakeholders)- सरकार (Government), कानून प्रवर्तन एजेंसियां (Law enforcement agencies), शैक्षणिक संस्थान(Educational institution), नागरिक समाज (Civil Society) और, सबसे महत्वपूर्ण बात, जिम्मेदार नागरिक के रूप में हममें से प्रत्येक को शामिल किया जाना चाहिए।
जामिया की फैकल्टी ऑफ नेचुरल साइंसेज की डीन और जीएटीआई की नोडल अधिकारी प्रोफेसर सीमी फरहत बसीर ने जीएटीआई और इसके तहत जेंडर सेंसिटाईजेशन के लिए शुरू की गई परियोजनाओं का एक ओवरव्यू दिया और बताया कि कैसे इसने छात्रों के बीच जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
जी20 की अर्बन स्ट्रेटजी यूनिट के एनआईयूए की कार्यक्रम निदेशक आर्किटेक्ट कनक तिवारी विशिष्ट अतिथि थीं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वर्कफोर्स में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी के साथ, यह जरूरी है कि हम अपने शहरों को महिलाओं और बच्चों के लिए सुरक्षित और समावेशी बनाएं, जो शहरी नियोजन और डिजाइन रणनीतियों में नवीन उपायों को अपनाने के माध्यम से संभव है।
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जामिया की फैकल्टी ऑफ आर्किटेक्चर एंड एक्सिटिक्स की डीन एवं आंतरिक शिकायत समिति (ICC) की अध्यक्ष प्रोफेसर हिना जिया ने आईसीसी के कामकाज और जामिया को छात्रों और कर्मचारियों के लिए एक सुरक्षित परिसर बनाने में इसकी भूमिका के बारे में बात की।
आर्किटेक्चर विभाग (Department of Architecture) के अध्यक्ष और कार्यक्रम के संयोजक प्रोफेसर क़मर इरशाद ने उद्घाटन भाषण दिया जो उपस्थित सभी सदस्यों को धन्यवाद देने के साथ समाप्त हुआ। कार्यशाला में क्षेत्र के विशेषज्ञों और शिक्षाविदों द्वारा डिजाइन और जेंडर सेग्रेटिंग पहलुओं और मुद्दों को संबोधित करना इस टॉक के कॉम्पोनेन्ट थे, जिसके बाद एक प्रश्नोत्तर और इंटरैक्टिव सत्र हुआ। वार्ता आर्कि. रजनी तनेजा, प्रो. अरुणा भारद्वाज, डॉ. आयला खान, प्रो. कमर इरशाद, प्रो. तैयबा मुनव्वर और आर्कि. शबीना शाहीन. द्वारा दी गई।
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के वकील उमैर ए. अंद्राबी द्वारा संबोधित एक सत्र में महिलाओं के लिए सुरक्षित कार्यस्थलों के लिए कानूनी दृष्टिकोण को स्पष्ट किया गया। ऊर्जावान सत्र के बाद प्रश्न पूछे गए और सक्रिय भागीदारी देखी गई जिससे युवा शोधार्थियों में काफी आत्मविश्वास पैदा हुआ। धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यशाला का समापन हुआ।