
2047 तक उच्च आय वाली अर्थव्यवस्था बनने के लिए भारत को निवेश, श्रम शक्ति और उत्पादकता बढ़ाने की जरूरत: विश्व बैंक
विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, भारत को वर्ष 2047 तक उच्च आय वाली अर्थव्यवस्था बनने के लिए 7.8% वार्षिक जीडीपी वृद्धि की आवश्यकता होगी। जानिए रिपोर्ट में बताए गए प्रमुख आर्थिक सुधार और विकास के लिए आवश्यक रणनीतियाँ।
‘विकसित भारत’ के लिए 7.8% वार्षिक वृद्धि आवश्यक: विश्व बैंक रिपोर्ट
नई दिल्ली (Shah Times)। विश्व बैंक की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत को वर्ष 2047 तक उच्च आय वर्ग की अर्थव्यवस्था में परिवर्तित होने के लिए अगले 22 वर्षों तक औसतन 7.8% वार्षिक जीडीपी वृद्धि दर बनाए रखनी होगी।
‘एक पीढ़ी में उच्च आय वाली अर्थव्यवस्था बनना’ शीर्षक से जारी इस रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत की ऐतिहासिक आर्थिक वृद्धि को देखते हुए यह लक्ष्य संभव है, लेकिन इसके लिए महत्वाकांक्षी सुधारों और उनके प्रभावी कार्यान्वयन की आवश्यकता होगी।
भारत के विकास के लिए प्रमुख सुझाव
विश्व बैंक ने रिपोर्ट में भारत के लिए तीन प्रमुख आर्थिक परिदृश्यों का मूल्यांकन किया है और सुझाव दिया है कि तेज और समावेशी विकास को प्राथमिकता दी जाए। रिपोर्ट के अनुसार, भारत को निम्नलिखित क्षेत्रों में सुधार करने होंगे:
1. निवेश में वृद्धि
भारत को 2035 तक कुल निवेश को सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के वर्तमान 33.5% से बढ़ाकर 40% करना होगा।
सार्वजनिक और निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय क्षेत्र के सुधार, MSME के लिए ऋण की बाधाओं को हटाना और विदेशी निवेश नीतियों को सरल बनाना आवश्यक होगा।
2. श्रम शक्ति भागीदारी बढ़ाना
भारत की कुल श्रम शक्ति भागीदारी दर 56.4% से बढ़ाकर 65% करने की आवश्यकता है।
महिला श्रम भागीदारी दर 35.6% से बढ़ाकर 50% करने से जनसांख्यिकीय लाभांश का अधिकतम उपयोग किया जा सकता है।
कृषि-प्रसंस्करण, विनिर्माण, आतिथ्य, परिवहन और देखभाल जैसे रोजगार-समृद्ध क्षेत्रों में निजी निवेश को बढ़ावा देना होगा।
3. संरचनात्मक परिवर्तन और टेक्नोलॉजी अपनाना
वर्तमान में भारत में कृषि क्षेत्र में रोजगार की हिस्सेदारी 45% है, जबकि विनिर्माण और सेवाओं में इसका स्थानांतरण आवश्यक है।
आधुनिक तकनीकों का तेजी से अपनाना, बुनियादी ढांचे में सुधार, श्रम बाजार के नियमों को सुव्यवस्थित करना और कंपनियों पर अनुपालन बोझ को कम करना आवश्यक होगा।
भारत को थाईलैंड, वियतनाम और चीन की तरह वैश्विक मूल्य श्रृंखला में अधिक भागीदारी करने की आवश्यकता है।
4. राज्यों में तेज़ और समावेशी विकास
कम विकसित राज्यों को बुनियादी सुविधाओं (स्वास्थ्य, शिक्षा, बुनियादी ढांचे) में सुधार पर ध्यान देना होगा, जबकि अधिक विकसित राज्य उन्नत सुधारों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।
केंद्र सरकार को संघीय योजनाओं और शहरी चुनौती निधि जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से पिछड़े जिलों और राज्यों को आगे बढ़ने में मदद करनी चाहिए।
क्या कहती है विश्व बैंक रिपोर्ट?
विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर ऑगस्टे तानो कौमे ने कहा, “चिली, कोरिया और पोलैंड जैसे देशों ने अपने आर्थिक सुधारों और वैश्विक अर्थव्यवस्था में एकीकरण के जरिए उच्च आय वाली अर्थव्यवस्थाओं में सफलतापूर्वक परिवर्तन किया है। भारत भी अपने सुधारों को तेज़ करके इस दिशा में आगे बढ़ सकता है।”
भारत की औसत वृद्धि दर 7.2% रही है, लेकिन 2047 तक उच्च आय वाली अर्थव्यवस्था बनने के लिए 7.8% वार्षिक वृद्धि आवश्यक होगी। इसके लिए निवेश, श्रम भागीदारी, टेक्नोलॉजी अपनाने और राज्यों के विकास पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। यदि ये सुधार प्रभावी ढंग से लागू किए गए, तो भारत अगले 22 वर्षों में उच्च आय वाली अर्थव्यवस्था बन सकता है।
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